NCERT की किताब में मुगल शासकों के महिमामंडन को हटाने की मांग वाली याचिका खारिज, दिल्ली हाई कोर्ट बोला- अदलात का कीमती वक्त न करें बर्बाद

NCERT की कक्षा 12वीं की इतिहास की किताब से मुगल शासक शाहजहां और औरंगजेब की ओर से मन्दिरों के लिए दान दिए जाने का जिक्र किया गया है.

NCERT की कक्षा 12वीं की इतिहास की किताब (NCERT History Book) से शाहजहां और औरंगजेब  (Shah Jahan & Aurangzeb) की ओर से मन्दिरों के लिए दान दिए जाने (granting concessions for repairing of temples) का जिक्र करने के हिस्सों को हटाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि हमारे पास मौजूदा सरकार की नीति को ठीक करने के लिए वक़्त नहीं है और आप चाहते हैं कि हम 400 साल पुराने राजाओं की नीतियों की समीक्षा करें.

याचिकाकर्ता संजीव विकल ने अधिवक्ता हितेश बैसला के माध्यम से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर कर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दरअसल सीबीएसई द्वारा प्रकाशित बारहवीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 के पेज 234 में लिखा है कि युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था उन मंदिरों की मरम्मत के लिए शाहजहां और औरंगजेब ने ग्रांट जारी की थी.

ये अदालत के अहम वक़्त की बर्बादी है: दिल्ली हाई कोर्ट

इसे हटाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिस पर आज दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि ये अदालत के अहम वक़्त की बर्बादी है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने कहा कि हमारे पास मौजूदा सरकार की नीति को ठीक करने के लिए वक़्त नहीं है और आप चाहते हैं कि हम 400 साल पुराने राजाओं की नीतियों की समीक्षा करें.

NCERT की 12 वीं की पुस्तक से मुगलों के महिमा मंडन का आधारहीन इतिहास के मामले में याचिका दायक की गई थी. याचिका में कहा गया कि किताब में गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं. याचिका में किताब से गलत जानकारी को हटाने की मांग की गई थी. इससे पहले राजस्थान के एक समाजसेवी दपिंदर सिंह ने NCERT को लीगल नोटिस भेजा था. इस नोटिस में मुगलों की तारीफ में लिखी गयीं कथित भ्रामक बातों को हटाने की मांग की गयी है. दपिंदर ने इस संबंध में NCERT को एक RTI भी भेजी थी जिस पर संस्था की तरफ से संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिया गया था.

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