कब खत्म होंगे सड़कों पर से गड्ढे? पिछले साल गड्ढों की वजह से 3500 से ज्यादा हुए हादसे, मंत्रालय ने दी जानकारी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संसद को बताया कि वह एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आईआरएडी) शुरू करेगा, जो केंद्र और राज्यों को सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा यातायात को विनियमित करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने की सलाह देगा.

देश में सड़कों की खराब स्थिति को लेकर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं और विपक्ष सत्ता पक्ष पर इसके लिए आरोप भी लगाता रहा है, लेकिन स्थिति में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ. अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of road transport and highways) ने खुलासा किया है कि 2019 में गड्ढों की वजह से 4,775 हादसे हुए और 2020 में 3,564 ऐसे हादसे हुए, जिसके बाद देश में सड़कों की खराब स्थिति गुरुवार को फिर से चर्चा में आ गई.

मंत्रालय ने तेलुगू देशम पार्टी (Telugu Desam Party) के सांसद जयदेव गाला (Jayadev Galla) से संसद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी साझा की. गाला ने पिछले दो सालों के दौरान राजमार्गों के खराब रखरखाव के कारण हुई सड़क हादसों की संख्या जानने की मांग की थी.

सड़क हादसों के लिए कई वजहेंः मंत्रालय

मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया किया कि सड़क हादसे कई कारणों से हो रही हैं जैसे कि ओवर स्पीड, मोबाइल फोन का उपयोग करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, ओवरलोडेड गाड़ी, खराब गाड़ियां, खराब लाइट, रेड लाइट जंप, ओवरटेक करना, खराब मौसम, ड्राइवर की गलती, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, खराब सड़कें, और साइकिल तथा बाइक चलाने वालों की ओर से की गलतियां.

सांसद गाला ने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार सड़क सुरक्षा नियमों को लागू करने के लिए सड़क सुरक्षा सूचना डेटाबेस या राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड पेश करेगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से संसद को जानकारी दी गई कि वह एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आईआरएडी) शुरू करेगा, जो केंद्र और राज्यों को सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा यातायात को विनियमित करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने की सलाह देगा.

हादसों में लगातार कमी आ रहीः गडकरी

इस साल की शुरुआत में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हीं आंकड़ों का हवाला दिया था और यह भी रेखांकित किया था कि पिछले साल गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या पिछले पांच सालों में सबसे कम थी.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने तब संसद को बताया था कि 2016, 2017, 2018 और 2019 में गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की कुल संख्या क्रमशः 6,424; 9,423; 4,869; और 4,775 थी. 2020 में हादसों की संख्या घटकर 3,564 हो गई थी.

इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले हफ्ते लोकसभा में कहा था कि भारत में 2020 में कुल 3,66,138 सड़क हादसे हुए जिनमें 1,31,714 लोगों की मौत हुई. गडकरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत में 2019 में सड़क हादसों में 1,51,113 लोग मारे गये जबकि इस साल कुल 4,49,002 सड़क दुर्घटनाएं घटीं. 2019 में एक्सप्रेस वे समेत राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 1,37,191 हादसे हुए. जबकि 2018 में एक्सप्रेस वे समेत राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 1,40,843 दुर्घटनाएं घटीं.

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