कपल ऑफ द वीक …. हमारे लिए शादी का मतलब ग्रोथ है ना कि कंट्रोल, लड़ाइयां होती हैं लेकिन सोने के पहले सब सुलझा लेते

कपल ऑफ द वीक ऐसा कॉलम है, जहां हम आपको हर हफ्ते ऐसे कपल से मिलाते हैं जो खुद में बेस्ट होता और दूसरों के लिए मिसाल। इसी कड़ी में चौथी जोड़ी है एंटी स्पिटिंग यानी थूकने के खिलाफ कैंपेन चलाने वाले राजा नरसिम्हन और प्रीति की। यह दंपति ‘सारे जहां से अच्छा’ फाउंडेशन मिलकर चलाते हैं और दुनिया में अच्छाईयों का संदेश का देते हैं। दिलचस्प बात ये है कि 50 की उम्र पार कर चुकी इस जोड़ी की लव लाइफ बहुत खूबसूरत है। इनकी बातें इनकी जुबानी।

चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म तो 2013 में बनी पर हमारी नॉर्थ-साउथ की जोड़ी 1995 में ही बन गई थी। मैं साउथ का और प्रीति नॉर्थ की। एक ही कंपनी में काम करते रहे। पावर प्वाॉइंट और एक्सेल शीट कब प्यार का पॉइंट का बन गया, मालूम ही नहीं चला और न जाने कब हम जिंदगी की हर सिचुएशन की भागीदारी फिफ्टी-फिफ्टी करने लगे। हमारी ये लव एक्सप्रेस इतनी तेजी से दौड़ रही है कि किसी एक जगह तो रुकने का सवाल ही नहीं उठता। देश के अलग-अलग हिस्सों में घूमते प्रीति और राजा सार्वजनिक जगहों पर थूकने के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। शादी के बाद भी अगर पति-पत्नी के रिश्ते की खूबसूरती समझनी है तो प्रीति और राजा से बढ़िया जोड़ी देखने को नहीं मिलेगी। प्रीति को आज भी वो ई-मेल याद है जब राजा ने उन्हें प्रपोज किया था और उस समय राजा चेन्नई में पोस्टेड थे। ई-मेल देखने के बाद प्रीति ने मना कर दिया था, लेकिन वे कहती हैं कि लड़की ‘न-न करते हुए कब हां कर बैठी पता ही नहीं चला।’

प्रीति और राजा की कार हर राज्य में फैला रही गुडनेस का संदेश।
प्रीति और राजा की कार हर राज्य में फैला रही गुडनेस का संदेश।

प्रीति और राजा दोनों की पैदाइश कलकत्ता की है, लेकिन प्रीति पंजाबी कुड़ी हैं और राजा साउथ के ‘अन्ना’। ऑफिस कलिग्स होने की वजह से दोनों के पेरेंट्स एक-दूसरे को जानते थे, इसलिए इस शादी में पेरेंट्स की तरफ से कोई अड़चन नहीं आई। राजा कहते हैं कि मैं बहुत तेज भागता हूं, मुझे कोई ब्रेक लगाने वाली चाहिए थी और वो खूबी प्रीति में थी। प्रीति कहती हैं, ‘मैं प्रैक्टिकल सोच रखती हूं और राजा पैशिनेट के मिजाज के हैं। साथ ही वे एक प्योर पर्सन हैं। उनकी इन्हीं आदतों ने मुझे अट्रैक्ट किया।
नौकरी छोड़ने के बाद बेकरी की कंपनी शुरू की
कुछ लोग शादी से पहले करिअर में शाइन करने के लिए हाथ-पैर मारते हैं, लेकिन हम उन कपल्स में हैं जिनकी लाइफ शादी को बाद से चमक रही है। 20 साल कलकत्ता में गुजारने के बाद हम चेन्नई से पुणे आकर बस गए। राजा सॉफ्टवेयर और प्रीति कॉमर्स बैकग्राउंड से हैं। पुणे आने के बाद प्रीति ने बेकरी की कंपनी शुरू की। बेकरी की शुरूआत की वजह बेटी को अच्छी पैरेंटिंग देना था। अभी बेटी सैन फ्रांसिस्को में है। बाद में राजा ने भी इस कंपनी को जॉइन कर लिया। उन्होंने ‘क्रीम्स एन क्रस्ट्स’ नाम से बेकरी दस साल चलाई और फिर उसे बेच दिया। राजा कहते हैं कि नौकरी तो बहुत साल कर ली थी फिर मन किया कि समाज सेवा की जाए।हमें लगा कि अब वो वक्त आ गया है कि समाज से इतना कुछ पाने के बाद अब हमारा समाज को कुछ देने का फर्ज बनता है। ‘पे बैक टू सोसाइटी’ की सोच ने ‘सारे जहां से अच्छा’ फाउंडेशन की नींव रखी। इस फाउंडेशन के जरिए ही हमने एंटी-स्पिटिंग कैंपेन शुरूआत की।

थूकने से बीमारी फैलती है, इसके बारे में लोगों को कर रहे हैं जागरुक।
थूकने से बीमारी फैलती है, इसके बारे में लोगों को कर रहे हैं जागरुक।

लव योअर सिटी, लव योअर कंट्री का संदेश दे रही ये जोड़ी
यह कैंपेन पहले स्कूलों में चला फिर कोविड आ धमका। इसके बाद राजा और प्रीति ने अपने कैंपेन की गाड़ी पूरे देश में दौड़ानी शुरू की। राजा बताते हैं कि एंटी-स्पिटिंग कैंपेन 14 फरवरी 2021 से शुरू हुआ। अब तक हम देश के 13 राज्यों में जा चुके हैं और लोगों को बता रहे हैं कि कहीं भी मत थूको, क्योंकि थूकने से बीमारियां फैलती हैं। इस ड्राइव के जरिए हम ‘लव योअर सिटी, लव योअर कंट्री’ का मैसेज दे रहे हैं। यह खुशनुमा जोड़ी वैलेंनटाइन डे यानी 14 फरवरी, 2022 को दिल्ली के इंडिया गेट पहुंचेगी।
क्यों शुरू किया एंटी स्पिटिंग कैंपेन?
प्रीति बताती हैं कि आमतौर पर पुणे के लोग पहले ही साफ-सफाई के मामले में बहुत जागरुक हैं। सरकार भी स्वच्छता को लेकर बहुत कैंपेन चलाती है, लेकिन पब्लिक प्लेस में थूकने पर हमारे देश में बात नहीं होती। जबकि थूकना एक किस्म का कचरा है, सांस की बीमारियां का एक बहुत बड़ा कारण है, टीबी, स्वाइन फ्लु जैसी बीमारियों की जड़ है। सार्वजनिक जगहों पर थूकने से फैलने वाली बीमारियों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए हमने ये ड्राइव शुरू किया। एंटी-स्पिटिंग कैंपेन के पीछे प्रीति और राजा के निजी अनुभव भी रहे हैं।
प्रीति बताती हैं कि एक बार हमारी कार के आगे किसी महंगी गाड़ी वाले ने शीशा नीचे करके उस पर थूक दिया था। हमने उस व्यक्ति को समझाने की कोशिश की तो उसका जवाब था ‘मैं टैक्स देता हूं, सफाई सरकार करा देगी।’ इस जवाब ने हमें चौंका दिया और हमें उस व्यक्ति की सोच पर इतना ज्यादा अफसोस हुआ कि हमने तय कि लोगों को यह समझाना जरूरी है कि थूक में बीमारी है और हर जगह थूकना भी एक किस्म की बीमारी है। कोविड में भी मास्क पहनने की बात कही जा रही है। पर लोग इस बात को भी नहीं मानते। थूकने से होने वाली बीमारियों के लिए हम हर मोहल्ले में नाटक कराते हैं, पोस्टर लगाते हैं, स्कूलों में जाकर भी बच्चों को भी समझाते हैं।
…तो कहां थूकें?
थूकना बीमारी है तो कहीं भी न थूकें। समस्या का हल क्या है? इस सवाल के जवाब पर प्रीति कहती हैं कि किसी भी सार्वजनिक जगह पर न थूकें। अगर रास्ते में कहीं थूकना पड़ जाए तो टिशु पेपर साथ रखें और उसे वॉशरूम में ही फेकें। कच्ची मिट्टी वाली जगह पर थूक सकते हैं। किसी के घर की दीवार, बिल्डिंग की सीढ़ियां, सड़क के बीचों, गाड़ी शीशा नीचे कर, खिड़की से मुंह बाहर निकाल…कृपया न थूकें। अगर किसी को बीमारी है तो डिब्बा साथ लेकर चलें। हल बहुत हैं। हमें सिर्फ अपनी गलत आदत स्वीकारनी और सुधारनी है। जैसे आप टॉयलेट कंट्रोल करते हैं वैसे ही थूक को कंट्रोल करें। राजा बताते हैं कि इस कैंपेन के अलावा पीरियड्स, आवारा कुत्ते और सीनियर सिटीजन की प्रॉब्लम्स पर भी हमने कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।

इस जबरिया जोड़ी का रिलेशनशिप स्कोर।

खाली समय में घूमते हैं, पार्टी करते हैं
अपने खाली समय में क्या करते हैं? सवाल के जवाब में राजा और प्रीति बताते हैं कि अभी पिछले कुछ सालों से हमारी जिंदगी ‘सारे जहां से अच्छा’ से ज्यादा जुड़ी हुई है और हम गुडनेस मिशन पर चल रहे हैं। हमें जब भी टाइम मिलता है तो हम घूमने जाते हैं, दोस्तों के साथ डिनर करते हैं। साथ बैठकर गप्पे लगाते हैं, जो काम किया है उसको जांचते और आंकते हैं। ऐसा नहीं है कि हम हमेशा में काम में ही डूबे रहते हैं। हमें म्युजिक और डांस का शौक है। डांस का शौक हमारा स्ट्रेस बस्टर है, इसलिए डांस, डिनर और फन हमारा जिंदगी जीने का फॉर्मूला है। हम जब साथ बैठते हैं तो काम से पहले सोचते हैं कि डांस के लिए कहां जाना है, खाने के लिए कहां जाना है, उसके बाद काम के बारे में बात करते हैं और इस तरह मस्त रहते हैं। हा हा हा…
‘ऑटो पायलेट मोड पर चलता है रिश्ता’
शादी के रिश्ते में 26 साल साथ रहने के बाद प्रीति और राजा कहते हैं कि मैरिज ग्रोथ के लिए है, एक दूसरे को रोकने और कंट्रोल करने के लिए नहीं। प्रीति के अनुसार, ‘मैं जानती हूं कि राजा किस चीज में बेहतर हैं और मैं किसमें। जैसे राजा को कुकिंग पसंद नहीं है, मुझे है। मुझे ड्राइव करना पसंद नहीं है वे अच्छी ड्राइविंग कर लेते हैं। मॉर्गिन कॉफी राजा बनाकर पिलाते हैं। ये सबकुछ ऑटो पायलेट मोड पर चलता है। हम दोनों को एक-दूसरे को कुछ बताना नहीं पड़ता। प्रीति के जवाब के बाद राजा कहते हैं कि हम एक-दूसरे पर अपनी सोच नहीं थोपते। तुम लड़की हो इसलिए तुम्हें यही करना है, मैं लड़का हूं मैं यही कर सकता हूं, ये हमारे घर में नहीं चलता। ये रिश्ता आपसी अंडरस्टैंडिंग पर चलता है।’
जोड़ी सलामत कैसे रखें?
परफेक्ट कपल होने का मतलब ये नहीं है कि उनमें लड़ाइयां नहीं होतीं, रूठना मनाना नहीं चलता। चेन्नई एक्सप्रेस की भाषा में कहें तो चीना मुरैल, मतलब मीना चुड़ैल नहीं होती होगी। थंगबली (चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म का विलेन) की भूमिका में भी हम कभी-कभी आ जाते हैं। हा हा हा…
प्रीति का मानना है कि हमारी नोंकझोंक तब होती है जब राजा को इशारे की भाषा समझ नहीं आती। पर झगड़े में ऐसा कभी नहीं हुआ कि मैं राजा को बोल दूं…मैं मायके चली जाऊंगी… हमारे रिश्ते की ये खूबी है कि हम कभी लड़ाई करके नहीं सोते। राजा का मंत्र है कि तकिए पर झगड़े का बोझ लेकर सिर नहीं रखना चाहिए।
राजा कहते हैं कि अगर आप झगड़ा करके सोएंगे तो अगला दिन भी खराब जाएगा, इसलिए बेहतर है कि लड़ाई को दिन में ही निपटा लिया जाए। जब प्रीति थोड़ी ज्यादा नाराज होती हैं तो मैं उन्हें लॉन्ग ड्राइव पर ले जाता हू्ं। पार्टनर की कोई बात बुरी लगे तो उसे मन में न रखें। एक-दूसरे को प्रोत्साहित करें। लाइफ में जितना हस सकते हैं उतना हंसें। जिंदगी बहुत छोटी है लेकिन हसीन है। इसे गुलजार रखें।

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