इंदौर ….. एयर होस्टेस डाइपर में लाती थी ड्रग्स ……. मुंबई की MD ड्रग्स स्मगलर इंदौर में अरेस्ट, रेव पार्टीज में होता है इस्तेमाल; जानिए- कितना घातक

इंदौर क्राइम ब्रांच ने मुंबई की ड्रग्स स्मगलर को अरेस्ट किया है। उसके पास से 100 gm MD ड्रग्स मिला। कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 लाख रुपए है। अब तक की जांच में पता चला है कि वह दो साल में 2kg ड्रग्स खपा चुकी है। ड्रग्स को बच्चों के डाइपर के बीच छिपाकर लाती थी। स्मगलर प्रोफेशन से एयर होस्टेस है। दो साल पहले मलेशिया एयरलाइन्स में जॉब करती थी।

कमिश्नर हरीनारायणचारी मिश्र के मुताबिक MD ड्रग्स के रैकेट में क्राइम ब्रांच ने मुंबई की मानसी को पकड़ा है। मानसी का पति पुणे में रहता है। उसके पास से बहरीन और नेपाल की करेंसी भी मिली है। कुछ दिन पहले जारी हुई हेल्पलाइन पर मानसी के बारे में शिकायत आई थी। पुलिस को शक है कि मानसी न्यू ईयर पार्टी के लिए ड्रग्स इंदौर लेकर आई थी। एयर होस्टेस की जॉब के वक्त उसे MDMA ड्रग्स की लत लगी। इसके बाद मुंबई के ड्रग्स सप्लायर के टच में आकर जॉब छोड़ दी। खुद इस पेशे में उतर गई। मानसी का एक ठिकाना इंदौर के विजयनगर इलाके में है। यहां उसका बॉयफ्रेंड रहता है।

MDMA ड्रग्स का नशा बड़े शहरों के बिगड़ैल युवा करते हैं और इसका ज्यादा इस्तेमाल रेव पार्टीज में होता है। बॉलीवुड पार्टी में भी यही ड्रग्स इस्तेमाल होता है। आइए जानते हैं…

ओवरडोज जान तक ले सकता है
पार्टी ड्रग्स मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथैमफेटामाइन (MDMA- शॉर्ट फॉर्म इसे MD कहा जाता है) और मेफेड्रोन को कई नामों से बेचा जाता है। लगभग हर देश में इसके कोड नेम हैं। इस ड्रग को सूंघकर और पानी में मिलाकर भी लिया जाता है। नशे के बाजार में इस तरह के 1 ग्राम ड्रग की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 6 हजार से लेकर 15 हजार तक होती है। MDMA को एक्सटेसी नाम से भी जाना जाता है। नशा करने वालों के बीच इसके और भी कोड नेम हैं। इसे लेने के बाद दिमाग में नशा चढ़ता है। मदहोशी आती है। अधिकतर लोग इसे मस्ती के लिए लेते हैं। ज्यादा मात्रा में एक साथ लेने पर यह जान के लिए खतरा तक बन सकता है।

‘म्याऊं-म्याऊं’ के नाम से भी बुलाते हैं
मेफेड्रोन को आमतौर पर ‘म्याऊं-म्याऊं’ के नाम से जाना जाता है और पार्टियों में अवैध तरीके से नशे के लिए इस्तेमाल होता है। म्याऊं-म्याऊं का नाइजीरिया और अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। यह ड्रग 2010 से ही चलन में है। बड़े शहरों में इसका मिलना आम है। इसी के चलते सरकार ने 2015 में इसे बैन किया है। इसे नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 के तहत अवैध करार दिया गया है। इसी एक्ट के तहत गांजा, स्मैक, हेरोइन, कोकीन आदि को भी प्रतिबंधित किया गया है।

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