मोदी के कार्यक्रम के लिए 92 स्कूलों में छुट्टी प्रयागराज में हजारों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
उनके स्कूलों में रैली में आई महिलाओं को ठहराया जाएगा……
मित्रो, क्या चुनावी सभाओं और कार्यक्रमों के लिए स्कूल-कॉलेज तीन दिन बंद रखना सही है? क्या चुनावी रैलियों और कार्यक्रमों में विद्यालय में पढ़ाने वाले टीचर्स की ड्यूटी व्यवस्था संभालने में लगाना सही है? नहीं… बिल्कुल नहीं। मगर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिसंबर को प्रयागराज में प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए 92 स्कूल-कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
इन स्कूलों में उन महिलाओं को ठहराया जाएगा, जो दूर-दराज के इलाकों के रैली में शामिल होने के लिए आ रही हैं। इसके अलावा, पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में 1000 से अधिक टीचर्स और स्टाफ की व्यवस्था संभालने में ड्यूटी लगाई गई है। यानी हजारों छात्रों की तीन दिन की पढ़ाई बंद रहेगी। ऐसे में प्रयागराज की जनता प्रधानमंत्री से उन्हीं के अंदाज में यह सवाल कर रही है, जिसका उत्तर उन्हें ही देना है।
परेड ग्राउंड में बनाए गए 68 ब्लॉक
प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने इसका एक आदेश जारी किया है। इसमें लगभग 556 प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिकाओं को 20 व 21 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम में व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मोदी के कार्यक्रम में प्रदेशभर से करीब एक लाख महिलाओं के आने का अनुमान है। महिलाओं को पंक्तियों में बैठाने की व्यवस्था की गई है। परेड ग्राउंड में कुल 68 ब्लॉक बनाए गए हैं। हर ब्लॉक में एक सुपर नोडल अफसर रहेगा। साथ ही साथ 100 महिलाओं को संभालने के लिए एक टीचर की ड्यूटी लगाई गई है। इस तरह जनपद की एक हजार टीचर्स को इन महिलाओं को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
स्कूलों में ठहरेंगी दूसरें जिलों से आने वाली महिलाएं
मोदी के कार्यक्रम में भाग ले रहीं महिलाओं के ठहरने, आराम करने और भोजन करने की व्यवस्था 92 विद्यालयों में की गई है। इनमें इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज शामिल हैं। इसके लिए हर विद्यालय पर एक नोडल अफसर तैनात किया गया है।
किस शिक्षक-शिक्षिका की कहां-कहां ड्यूटी है बाकायदा इसकी लिस्ट जारी की गई है। तीन दिन किसी भी हाल में टीचर्स काे अवकाश न लेने की सख्त हिदायत दी गई है। यानी छुट्टी लेने पर कार्रवाई करने की धमकी भी दी गई है।
हाथ जोड़कर स्वागत करने का दिया है आदेश
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेशभर से आने वाली महिलाओं का हाथ जोड़कर स्वागत करने, उन्हें सुव्यवस्थित तरीके से बैठाने व उनसे विनम्रता से पेश आने का आदेश शिक्षिकाओं को दिया गया है। यह आदेश लिखित नहीं है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रोग्राम से पहले बाकायदा 18, 19 दिसंबर को शिक्षिकाओं को दी गई ट्रेनिंग में ये बातें बताई हैं।
काले कपड़े, शॉल, दुपट्टा पहनने पर रोक
पीएम के प्रोग्राम में भाग ले रहीं महिला शिक्षकाओं को काले कपड़े न पहनने की सख्त हिदायत दी गई है। कहा गया है कि कोई भी टीचर काली साड़ी, शॉल, स्वेटर व दुपट्टा पहनकर नहीं आएगी। अगर कोई ऐसा करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दबी जुबान में शिक्षक और शिक्षक नेता कर रहे विरोध
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के बारे में माध्यमिक शिक्षक संघ व प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं से जब बात की गई, तो सभी ने इसे गलत माना। हालांकि, कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के एक पदाधिकारी ने यहां तक कहा कि भाई देश का प्रधानमंत्री आ रहा है, कौन ड्यूटी से मना कर सकता है। हम तो सरकार के मुलाजिम हैं, जहां ड्यूटी लगेगी करनी पड़ेगी। हां, स्कूलों में पढ़ाई रोकना गलत है।
शहर के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्राथमिक शिक्षक ने नाम न प्रकाशित करने के अनुरोध पर कहा कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम का यह कार्यक्रम सीधे तौर पर वोटरों को लुभाने और अपने पक्ष में वोट के लिए प्रेरित करने के लिए है। यह परंपरा आज की नहीं है। अन्य सरकारों में भी रही है।
उन्होंने कहा कि यह गलत है। इस पर रोक खुद सरकार को लगानी चाहिए। स्कूल बंद कर शिक्षकों की ड्यूटी लगाना गलत है। पढ़ाई किसी भी हाल में बंद नहीं होनी चाहिए। अन्य विभागों के कर्मचारी लगाए जा सकते हैं।
वर्जन
जिलाधिकारी के निर्देश पर जनपद के 92 विद्यालयों में अलग-अलग जिलों से आ रही महिलाओं को ठहरने की व्यवस्था की गई है। इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं के आने के कारण 3 दिन तक टीचिंग सस्पेंड रहेगी।
– आरएन विश्वकर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रयागराज।