आगरा….इलाज के लिए बेटी ने लगाई गुहार ….. मंत्री के स्कूल में तीन साल पहले हुआ था हादसा, गंवाया दांया हाथ और आधा सिर है खराब
ताजनगरी आगरा में तीन साल पहले मंत्री के स्कूल में हाईटेंशन लाइन से हुए हादसे में अपना हाथ गवां चुकी छात्रा इलाज के लिए दर-दर भटक रही है। मुआवजे के आश्वासन के बाद परिवार अपनी जमीन गिरवी रख चुका है और अब परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं। हैरानी की बात यह है की प्रशासन मदद के लिए जनप्रतिनिधि से लिखवाने की बात कह रही है और पीड़िता को मंत्री के स्कूल से आज तक कोई मदद नहीं मिल पाए है।
स्कूल में खाना खाते समय हुआ था हादसा
थाना खंदौली के पैंतीखेड़ा निवासी संजना अपनी ननिहाल मलपुरा में रहकर पढ़ाई कर रही थी। वह शांति देवी इंटर कॉलेज में कक्षा 11 में पढ़ती थी। घटना तीन साल पहले की है। संजना लंच होने पर अपनी सहेलियों के साथ छत की तरफ गई थी। पैर फिसल जाने के कारण उसका हाथ दीवार से लग गया। दीवार के पास से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी जिससे दीवार में करंट आ गया था। करंट ने संजना को अपनी चपेट में ले लिया जिससे उसका दायां हाथ और आधा सिर खराब हो गया। उक्त प्रकरण में थाना मलपुरा में मुकदमा भी दर्ज हुआ। मुआवजे का आश्वासन मिलने पर निजी अस्पतालों में इलाज भी कराया। पीड़िता के मुताबिक पिता ने अपना मकान गिरवी रख कर इलाज करवाया लेकिन वो ठीक नहीं हो पाई । डॉक्टरों को संजना का दाया हाथ काटना पड़ा और सिर की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गयी। डॉक्टरों ने इलाज का खर्च ढाई लाख रुपए बताया है। पैसे ना होने पर संजना के पिता अब घर बैठ गए हैं और उसकी पढ़ाई भी रुक गयी है।परिजनों का कहना है की घटना के लिए विद्युत विभाग और कॉलेज जिम्मेदार है पर दोनों ही जगह उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल है। तीन साल में कोई मदद के लिए आगे नहीं आया है।
मंत्री का है विद्यालय
जिस विद्यालय में हादसा हुआ वो विधायक एवं राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह का है। बेटी ने इलाज के लिए अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों के खूब चक्कर काटे लेकिन कहीं न्याय नहीं मिला। ऐसे में संजना और उसके भाई सूरज ने सामाजिक कार्यकर्ता एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस से मदद मांगी। नरेश पारस संजना और उसके भाई सूरज को लेकर जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे। मामले में मंत्री उदयभान सिंह से बात करने का प्रयास हुआ पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
एडीएम सिटी ने दिए निर्देश
जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में नरेश पारस में दोनों की मुलाकात एडीएम सिटी अंजनी कुमार से कराई। पीड़िता ने रो-रो कर अपनी पूरी दासता बताई। उसने मदद की गुहार लगाई। एडीएम सिटी ने अधीनस्थों को कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए हैं। एडीएम सिटी का कहना है की किसी जनप्रतिनिधि द्वारा पत्र लिखने पर सरकारी सहायता के द्वारा इलाज हो सकता है।
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से हो ईलाज
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस का कहना है कि यह घटना विद्युत विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों तथा आगरा प्रशासन से मांग की है कि जिलाधिकारी राहत कोष एवं मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से संजना का ईलाज कराया जाए। उसे मुआवजा दिया जाए।