बढ़ सकती हैं मायावती की मुश्किलें, कैग रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करेगी योगी सरकार
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. सूबे की वर्तमान योगी सरकार (Yogi Government) ने कैग की रिपोर्ट के आधार पर उन पर कार्यवाही करने का फैसला लिया है. कैग की रिपोर्ट में 2007 से 2012 के बीच मायावती की नेतृत्व वाली सरकार में हुई गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है.
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि, कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन बसपा सरकार ने गाजियाबाद में कृषि भूमि को हाउसिंग लैंड में बदल दिया और इसके लिए प्रॉपर्टी डेवलेपर्स से कन्वर्ज़न फीस नहीं ली.
मायावती सरकार के फैसले से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को 572.48 करोड़ रुपए का वित्तीय घाटा हुआ. दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन करते हुए कुछ चुनिंदा प्रॉपर्टी डेवलपर्स को ही यह लाभ दिया गया.
रिपोर्ट में बताया गया कि जीडीए ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में हाई-टेक टाउनशिप के रूप में चिन्हित 3,702.97 एकड़ सहित कुल 4,772.19 एकड़ क्षेत्र के लिए प्रॉपर्टी डेवलपर्स के लेआउट के प्लान्स को मंजूर दी थी.
रिपोर्ट्स के अनुसार मानदंडों के खिलाफ जाकर भूमि को उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित कर दिया गया. साथ ही कृषि भूमि का उपयोग बदलकर इसे आवासीय कर दिया गया, जिसके लिए किसी भी तरह की कन्वर्ज़न फीस नहीं ली गई.
इस फर्म में उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स और सन सिटी हाई-टेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड जैसे दो डेवलपर्स शामिल हैं. बता दें कि कैग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल 2010 को एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद ये वित्तीय गड़बड़ियां हुईं.