इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट का फैसला पलटा …. 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या का आरोपी बरी; फांसी की सजा की निरस्त

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के चर्चित 6 साल की बच्ची की रेप और हत्या के मामले में मंगलवार को बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने सेशन कोर्ट की फांसी की सजा को निरस्त करते हुए आरोपी नाजिल को बरी कर दिया। उसे जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने विफल रहा कि पीड़िता को अंतिम बार अपीलार्थी के साथ देखा गया था। साथ ही उसके खिलाफ कोई चिकित्सकीय साक्ष्य भी नहीं हैं। यह निर्णय न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने नाजिल की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।

कोर्ट ने कोई स्वतंत्र गवाह और घटनास्थल पर आपत्तिजनक साक्ष्य न मिलने से अभियोजन के सभी तर्कों को नजरअंदाज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इकबालिया बयान को छोड़कर पुलिस के पास कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है, जो घटना को साबित करने में मदद करता हो। ऐसे में अपीलार्थी बरी होने का हकदार है। इसी के साथ कोर्ट ने मृत्युदंड की पुष्टि के लिए भेजा गया पॉक्सो कोर्ट का संदर्भ भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अपीलार्थी के खिलाफ कोई अन्य मामला न होने पर सीआरपीसी की धारा 437 (ए) के प्रावधानों के तहत उसे तुरंत जेल से रिहा किया जाए।

18 दिसंबर, 2019 को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा

रेप और हत्या का यह मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र का है। यहां 6 साल की बच्ची 7 मई, 2019 को घर के बाहर खेलते समय गायब हो गई थी। परिजनों ने उसकी काफी तलाश की। गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई। उसका कहीं पता नहीं चला। करीब डेढ़ महीने बाद उसका कंकाल कॉलोनी के पीछे एक निर्माणाधीन मकान में मिला था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी नाजिर को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। फिर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 को नाजिल को फांसी की सजा सुनाई थी।

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