आगरा समेत सात शहरों को मिले अपने इंटरनेट एक्सचेंज …… केंद्रीय मंत्री बोले- यूपी बनेगा डिजीटल उत्तर प्रदेश, आईटी को होगा हब, आगरा में जल्द बनेगा आईटी पार्क
प्रधानमंत्री के मिशन डिजीटल इंडिया कार्यक्रम के तहत गुरुवार को आगरा समेत सात शहरों को नए इंटरनेट एक्सचेंज मिल गए। केंद्रीय राज्यमंत्री इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राजीव चंद्रशेखर और केंद्रीय राज्यमंत्री व आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल ने नए इंटरनेट एक्सचेंज का लोकर्पण किया। नए इंटनेट एक्सचेंज खुलने से अब इन सातों शहर के उपभोक्ताओं को तेज स्पीड मिल सकेगी। अभी तक उत्तर प्रदेश में इंटरनेट एक्सचेंज नोएडा में ही था।
उत्तर प्रदेश को बनाएंगे आइटी हब
केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश में सात नए इंटरनेट एक्सचेंज से लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत विदेशी कंपनियां आती हैं, वो कंपनियां उत्तर प्रदेश में काम करना चाहती हैं। ऐसे में केंद्र और प्रदेश सरकार का पूरा फोकस यूपी में निवेश बढ़ाने पर है। उत्तर प्रदेश को आईटी हब बनाया जाएगा। जो देश का ही नहीं बल्कि विदेश का भी आईटी हब हो। उन्होंने कहाकि आगरा में आईटी पार्क जल्द बनेगा। आगरा को छोटा बंगुलरू नहीं बल्कि बड़ा आगरा बनाया जाएगा। मेरठ में भी जल्द टेक्नोलॉजी पार्क बनाया जाएगा। वहीं, केंद्रीय राज्यमंत्री और आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहाकि इंटरनेट एक्सचेंज से इंटरनेट की स्पीड बढे़गी। आईटी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा मिलेगा। ज्यादा से ज्यादा एप बनाए जा सकेंगे। लोगों को रोजगार मिलेगा।
इन शहरों में खुले इंटरनेट एक्सचेंज
- आगरा
- मेरठ
- गोरखपुर
- कानपुर
- वाराणसी
- लखनऊ
- प्रयागराज
बढे़ंगे सर्विस प्रोवाइडर
राज्यमंत्री ने बताया कि अभी 209 सर्विस प्रोवाइडर हैं। अभी तक केवल नोएडा में इंटरनेट एक्सचेंज था। मगर, अब सात शहरों में नए एक्सचेंज बनने से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को भी सुविधा देने में सहूलियत होगी। उम्मीद है कि आने वाले समय में सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की संख्या बढ़ सकती है।
देश में लगातार बढ़ रहे इंटरनेट उपभोक्ता
देश में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शहर के बाद अब गांव और कस्बों में भी इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ गया है। जानकारी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में ब्रॉड बैंड का उपयोग करने वालों की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर लगभग 84 करोड़ हो गई है। वहीं डाटा की खपत में 189 गुना तक की वृद्धि हुई है।