ये है योगी राज ….. जिनका पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं, उनका एनकाउंटर; निर्दलीयों की गिरफ्तारी ओर बड़े दलों के साथ रहने वाले मौज में

यूपी में एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार शुरू से ही विपक्ष के निशाने पर रही है। उसकी वजह है प्रदेश में साढ़े चार साल में 139 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराना। मुख्यमंत्री योगी खुद बार-बार एनकाउंटर के इन आंकड़ों को कानून व्यवस्था से जोड़कर अपनी सरकार की तारीफ करते हैं। सीएम योगी कहते हैं कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता। सिर्फ यही नहीं, प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री भी इस उपलब्धि को लेकर योगी की पीठ थपथपाते रहते हैं।

लेकिन, विपक्ष के हंगामे की भी वजह है। विपक्ष का कहना है कि जो विरोधी हैं उनके खिलाफ तो योगी सरकार ने कार्रवाई की। जैसे अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा। तीनों जेल में बंद है। लेकिन जिन माफियाओ की राजनीतिक पैठ है या सत्ता के करीब हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है।

जिनका पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं था, उनका एनकाउंटर

  • जुलाई 2020 को 5 लाख के इनामी विकास दुबे को मारा गया।
  • नवंबर 2020 को 3 लाख का इनामी सूर्यांश दुबे मारा गया।
  • अप्रैल 2018 को ढाई लाख के इनामी बलराज भाटी को मारा।
  • अक्टूबर 2020 को 2 लाख के इनामी अनिल उर्फ अमित उर्फ जूथरा को मारा गया।
  • जनवरी 2020 को डेढ़ लाख का चांद मोहम्मद मारा गया।
  • अक्टूबर 2019 को डेढ़ लाख का इनामी लक्ष्मण यादव मारा गया।
  • नौ जून 2018 को एक लाख का इनामी टिंकू कपाला मारा गया।
  • 25 मार्च 2018 को नोएडा में एक लाख का इनामी श्रवण मारा गया।
  • 3 तीन फरवरी 2021 को एक लाख का इनामी जावेद मार गया।
  • 27 नवंबर 2020 को वाराणसी में एक लाख का इनामी किट्टू मारा गया।

जिनका बड़े दलों से संबंध नहीं था, वो जेल में

जिनका पॉलिटिकल कनेक्शन है, वो मौज में

ऐसा नहीं है कि सभी अपराधी छवि के नेताओं या माफियाओं पर कार्रवाई हुई है। कई ऐसे भी हैं जो राजनीतिक दलों के साथ होने की वजह से किसी न किसी वजह से बाहर हैं और पूरी तरह से सक्रिय हैं। इन पर सरकार की नजर नहीं गई, इसलिए पुलिस भी मेहरबान है। आइए एक नजर डालते निर्दलीय इन राजनीतिक रसूखदारों पर…

योगी सरकार में माफियाओं की 15 अरब की संपत्ति जब्त हुई

आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार के कार्यकाल में एनकाउंटर में 139 अपराधी मारे गए। जबकि 2,196 घायल हुए। इस दौरान 13 पुलिसकर्मियों की भी मौत हुई जबकि 1,122 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इतना ही नहीं, साढ़े चार साल के कार्यकाल में माफियाओं की 15 अरब 74 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की गई। इसमें 13 अरब 22 करोड़ की अवैध संपत्ति बीते 2 साल में जब्त हुई है।

111 अपराधियों पर इनाम घोषित था

  • विकास दुबे इनामी बदमाशों की सूची में सबसे ऊपर था। 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
  • दो लाख के इनामी दो बदमाश, डेढ़ लाख के इनामी तीन बदमाश थे।
  • एक लाख के इनामी 18, 75 हजार का इनामी एक बदमाश था।
  • 50 हजार के इनामी 46 बदमाश, 25 हजार के 20 बदमाश थे।
  • 15 हजार के इनामी 11 और 12 हजार के इनामी 4 बदमाश थे।
  • 5 हजार का इनामी एक बदमाश भी एनकाउंटर में मारा गया।
  • मेरठ में अब तक सबसे ज्यादा 18 बदमाश मुठभेड़ में ढेर हुए।
  • 7791 से ज्यादा मुठभेड़, 16 हजार से ज्यादा बदमाश गिरफ्तार हुए।
  • 3 हजार से ज्यादा बदमाश पुलिस की गोली से घायल हुए।

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