UP: बेरोजगारी के सवाल पर अखिलेश का योगी सरकार पर वार, ”मुख्यमंत्री उनके होर्डिंग क्यों नहीं लगवा देते जिनको नौकरी दी”
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती का मसला उठाया. उन्होंने इसे लेकर सीएम योगी पर निशाना साधा.
उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल गर्म है (Uttar Pradesh Assembly Election). ऐसे में तमाम सियासी दल एक दूसरे पर निशाना साधने को कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पर निशाना साधा है. ट्विट कर अखिलेश ने 69000 शिक्षक भर्ती का मसला उठाया. अखिलेश ने प्रदेश में बेरोजगारों (Unemployment in UP) का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी उनके होर्डिंग क्यों नहीं लगवा देते जिनको उन्होंने नौकरी या रोज़गार दिया है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री जी मंच से नौकरी-रोज़गार के झूठे आंकड़े दे रहे हैं जबकि सच्चे बेरोज़गार उनके द्वार पर शासन-प्रशासन की हिंसा का शिकार हो रहे हैं. बात-बात में होर्डिंग लगवाने वाले मुख्यमंत्री जी उनके होर्डिंग क्यों नहीं लगवा देते जिनको उन्होंने नौकरी या रोज़गार दिया है.
“बाइस में बेरोजगार भाजपा को बेरोजगार कर देंगे”
एकअन्य ट्विट में छात्रों के प्रदर्शन की फोटो शेयर करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के निर्दयी राज में ‘4 लाख नौकरियों और 1 करोड़ रोज़गार’ का वो सच जो आज 69000 भर्ती के मामले में मांग कर रहे अभ्यर्थियों की प्रताड़ना के रूप में सामने आ रहा है. बाइस में बेरोजगार भाजपा को बेरोजगार कर देंगे.
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सच्ची रिपोर्ट
वहीं सोमवार को अखिलेश ने नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य सूचकांक में उत्तर प्रदेश के खराब प्रदर्शन पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. यादव ने ट्वीट किया कि नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स (स्वास्थ्य सूचकांक) में स्वास्थ्य और चिकित्सा के मामले में यूपी (उत्तर प्रदेश) सबसे नीचे. ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सच्ची रिपोर्ट. दुनियाभर में झूठे विज्ञापन छपवाकर सच्चाई बदली नहीं जा सकती.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने इसी ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश की सेहत ख़राब करने वालों को जनता बाइस में जवाब देगी. यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा. आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार, बड़े राज्यों में, सभी मानकों पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल ने एक बार फिर शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है.