Gwalior.. पुलिस और प्रशासन की सख्ती ….30 करोड़ रुपए कीमत की साढ़े तीन बीघा निजी जमीन मुक्त कराई; दो पक्षों में था कब्जे का विवाद, अंकलेश्वर विला भवन भी तोड़ा
बुधवार को जिला प्रशासन की टीम ने बहोड़ापुर क्षेत्र की गणेश बाग के पास स्थित सर्वे नंबर 465 से लेकर 476 तक की निजी जमीन खाली कराई। कार्रवाई में 5 जेसीबी का उपयोग किया गया। मौके पर स्वयंवर वाटिका, राधिका मैरिज गार्डन, वाजिद मोटर वर्कशॉप, एक अन्य गैराज, सांई बिल्डिंग मटेरियल के नाम से दो दुकानें सहित अंकलेश्वर विला नाम का पूरा भवन तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह भवन वर्ष 1923 में एक मराठी परिवार ने बनवाया था। एसडीएम प्रदीप तोमर ने बताया कि पंचम तोमर एवं अन्य लोगों ने इस निजी जमीन पर कई साल से कब्जा कर रखा था।
कब्जा करके न सिर्फ वे अंकलेश्वर विला नाम के भवन में रह रहे थे, बल्कि खाली साढ़े तीन बीघा जमीन पर मैरिज गार्डन, गैराज, दुकानों का अस्थायी निर्माण करवाकर हर साल 35 से 40 लाख किराया तक वसूल कर रहे थे, जबकि इस जमीन के मूल भूमि स्वामी ने जमीन को सराफा कारोबारी अनिल जैन को बेच दिया था। 5 साल पहले कब्जा खाली करने के आदेश भी स्थानीय तहसीलदार ने दिए थे, लेकिन पंचम सिंह एवं इनके परिवार के अन्य लोग कब्जा नहीं छोड़ रहे थे और अस्थायी निर्माण कर अवैध व्यापार कर रहे थे। एसडीएम ने बताया कि 5 जनवरी को हमें अपनी इस कार्रवाई से हाईकोर्ट को अवगत कराना है।
कार्रवाई पर उठाए गए सवाल
पंचम तोमर एवं अन्य लोगों की तरफ से मौके पर एसडीएम प्रदीप तोमर को अंकलेश्वर विला नाम के भवन को न तोड़ने को लेकर दिए गए स्टे की कॉपी दिखाई, जो वर्ष 2013 की थी। तोमर परिवार की ओर से एसडीएम को बताया गया कि हाईकोर्ट की तरफ से खुली जमीन पर बने अवैध निर्माण तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अंकलेश्वर भवन कई साल पुराना है और उसे लेकर हमें कोर्ट से स्टे मिला हुआ है, लेकिन एसडीएम ने इस स्टे ऑर्डर को वैध नहीं माना। उन्होंने मदाखलत दस्ते को निर्देश दिए कि अंकलेश्वर विला को भी तोड़ दिया जाए। इसके पक्ष में एसडीएम ने कहा कि यह भवन भी दिए गए सर्वे नंबरों का हिस्सा है, जिस पर सभी निर्माण अवैध माने गए हैं, उनको हटाना है।
हंगामा भी हुआ
भवन खाली कराते वक्त यहां रहने वाली महिलाओं ने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने के आरोप लगाए और भवन खाली करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस बल की मदद से रहने वाले लोगों का सामान निकाला गया। इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने काफी देर तक हंगामा भी किया।
तानसेन तहसील भवन निर्माण के लिए हटाया अतिक्रमण
तानसेन तहसील भवन के निर्माण के लिए हस्तिनापुर में राजस्व विभाग एवं पुलिस के संयुक्त दल ने 1.18 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई। इसकी कीमत 14 लाख आंकी गई है। अपर कलेक्टर इच्छित गढ़पाले ने बताया कि हस्तिनापुर में सरकारी जमीन पर गांव के कुछ लोग अतिक्रमण कर खेती कर रहे थे। पीआईयू के उपयंत्री यशवंत सिंह राजपूत को तहसील भवन निर्माण के लिए आधिपत्य सौंपा।
गोल पहाड़िया पर आज होगी कार्रवाई, सनातन धर्म रोड से सब्जी विक्रेताओं को हटाया
कोटा लश्कर ग्राम के नौ सर्वे नंबर की 16 बीघा शासकीय मंदिर पेटे की जमीन पर किया गया अवैध निर्माण हटाने 30 दिसंबर को कार्रवाई की तैयारी है। इधर बहोड़ापुर क्षेत्र में चली कार्रवाई के लिए आयुक्त किशोर कन्याल ने प्रशासन की मदद के लिए जेसीबी और डंपर पहुंचाए। वहीं मदाखलत अमले ने सिटी सेंटर, गोविंदपुरी और पड़ाव क्षेत्र से ठेले वालों को हटाकर ट्रैफिक सुधार का काम किया।
कोटा लश्कर की भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने निगम ने पुलिस बल की भी मांग की है। ताकि वहां स्थिति कंट्रोल में रहे। बहोड़ापुर क्षेत्र में चली कार्रवाई के दौरान भवन अधिकारी यशवंत मैकले, जेडओ राजीव सोनी और मदाखलत अधिकारी सतेंद्र सिंह भदौरिया जेसीबी और डंपर के साथ स्टाफ लेकर पहुंचे।
यहां से हटाए ठेले
मदाखलत अधिकारी ग्वालियर पूर्व विधानसभा शैलेंद्रसिंह चौहान ने बताया कि बुधवार को सनातन धर्म मंदिर के सामने मुख्य मार्ग पर यातायात में बाधक फुटकर सब्जी मंडी एवं ठेला वालों को हटाया, जो नहीं हट रहे थे। उनका सामान जब्त किया गया। कुलपति निवास के सामने चौराहे पर मुख्य मार्ग से अस्थायी अतिक्रमण (हाथ ठेले) हटाए गए। सिटीसेंटर, गोविंदपुरी, पड़ाव क्षेत्र पर किए अस्थायी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।