ग्राउंड रिपोर्ट सीधे सीमा से…:बॉर्डर के 15 जिले… न जांच, न रोक-टोक; कहीं रिपोर्ट का इंतजार तो कहीं ऑक्सीजन प्लांट चालू नहीं

महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बेकाबू स्थिति में पहुंच रहा है। इससे मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में प्रशासन चौकन्ना तो हो गया है लेकिन बॉर्डर पर किसी तरह की जांच और रोक-टोक के इंतजाम नहीं किए गए हैं। प्रदेश के 16 जिलों की सीमा इन राज्यों से मिलती है।  …… ……. ने इनमें से 7 जिलों में तैयारियों का हाल जाना। इसमें पता चला कि संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के मुकाबले फिलहाल अभी संसाधन पर्याप्त हैं, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू नहीं हो पाए हैं तो कहीं जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट कई दिन इंतजार करा रही हैं।

पढ़ें ये ग्राउंड रिपोर्ट…

ऐसे निपटेंगे कोरोना से…अस्पतालों में तो इंतजाम हैं पर सीमा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर टेस्ट नहीं हो रहे

किस राज्य से मप्र के कौन से जिले जुड़े
तीन राज्यों से प्रतिदिन करीब 20 से 30 हजार लोग मप्र आ रहे, जिला प्रशासन के पास इनकी जांच के लिए टीमें ही नहीं।
राजस्थान
मुरैना, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, श्योपुर।

महाराष्ट्र
खरगोन, बड़वानी, बैतूल, खंडवा, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट।

गुजरात
झाबुआ, आलीराजपुर

बुरहानपुर : पड़ोस में 52 मरीज, लेकिन यहां जांच शून्य
हालात : पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के अमरावती और जलगांव जिले में कोरोना के 52 पॉजिटिव हैं। यहां से सड़कें भी खुली हैं।
संसाधन : जिले में ऑक्सीजन प्लांट चालू है। जिला अस्पताल में 100 ऑक्सीजन बेड और 5 वेंटिलेटर हैं। यहां सीटी स्कैन मशीन और 10 बेड का आईसीयू भी है।

राजगढ़,विदेश से 5 लोग आए, कोई स्क्रीनिंग नहीं
हालात : राजस्थान के झालावाड़ से सटा। आने-जाने के लिए सड़क खुली है, रेल चल रही हैं। मंगलवार को 4 नागरिक यूके से राजगढ़ में व 1 नागरिक सुठालिया में यूक्रेन से लौटा है। स्टेशन ब्यावरा, पचोर व सारंगपुर और बस स्टैंड पर स्क्रीनिंग नहीं हो रही।
संसाधन : राजगढ़ में 2, ब्यावरा व सारंगपुर में 1-1 ऑक्सीजन प्लांट चालू है। नरसिंहगढ़ में निर्माणाधीन व जीरापुर में स्वीकृत हैं, पर निर्माण शुरू नहीं हुआ।

नीमच, टेस्ट तो हो रहे, लेकिन रिपोर्ट 7 दिन से अटकी
हालात : 22 दिसंबर को 1 महिला व 1 बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दोनों दुबई से लौटे हैं। इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट नहीं मिली।
संसाधन : जिले में चार ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। 211 पलंग सेंट्रल लाइन से जुड़े हैं। 427 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। 14 वेंटिलेटर हैं। 395 से कंसंट्रेटर भी तैयार हैं। पीआईसीयू बनकर तैयार है। सीटी स्कैन सुविधा नहीं।

गुना, बॉर्डर पर न टेस्ट, न ही कोई पूछने वाला
हालात : बारां और झालावाड़ से जुड़ा। सीमा पर बेरोक-टोक आ जा सकते हैं। सड़क-रेल मार्ग चालू हैं।
संसाधन: जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट, दोनों सक्रिय। बमोरी में 500, बीमागंज में 200 और आरोन में 500 एलपीएम क्षमता के प्लांट लगे हैं। 158 आइसोलेशन, 409 ऑक्सीजन सर्पोटेड, 10 आईसीयू और 20 पीआईसीयू बेड हैं।

मंदसौर, रैंडम सैंपलिंग हो रही, जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं
हालात : 15 दिन में दुबई से लौटी 1 महिला पॉजिटिव आई है। इनकी भी जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट नहीं मिली है। जिले में रैंडम सैंपलिंग की जा रही है।
संसाधन : जिला अस्पताल, 7 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू। आरटीपीसीआर लैब चालू है। 592 बेड ऑक्सीजन सेंट्रल लाइन से जुड़े हैं। 300 ऑक्सीजन सिलेंडर, चार वेंटिलेटर हैं। 500 कंसंट्रेटर भी तैयार हैं।

रतलाम, सीटी स्कैन की सुविधा अब भी नहीं मिली
हालात : जिले में 15 दिन में 4 पॉजिटिव मिले हैं, इनमें 3 दुबई से आए। इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट अब तक नहीं आई। सड़क-रेल परिवहन चालू है। रैंडम सैंपलिंग हो रही है। लेकिन रिपोर्ट अटक रहीं।
संसाधन : ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं, जो दूसरी लहर के बाद जिला अस्पताल और सभी सरकारी अस्पतालों में लगाए गए। 654 ऑक्सीजन बेड और 20 वेंटिलेटर हैं। सरकारी स्तर पर सीटी स्कैन की सुविधा अब भी नहीं।

बालाघाट, प्लांट, आईसीयू तैयार, हैंडओवर नहीं हुआ
हालात : पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से सड़क, रेल सेवा जारी है। बॉर्डर पर जांच नहीं हो रहीं।
संसाधन : बालाघाट, वारासिवनी और लांजी में तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। जिला अस्पताल में 280 ऑक्सीजन बेड तथा 8 वेंटिलेटर है। एक ऑक्सीजन प्लांट के साथ 15 बेड का आईसीयू और 10 बेड का पीआईसीयू बनाया गया है। अभी हैंडओवर नहीं हुए।

सिवनी में प्लांट तैयार पर पाइप लाइन बिछना बाकी
छिंदवाड़ा : स्टेशन पर नियमित जांच

हालात : महाराष्ट्र से सटा। रेलवे स्टेशन, बॉर्डर और बस स्टैंड पर हर यात्री की जांच की जा रही है।
संसाधन : लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट 13 टन, पीएसए प्लांट 1 हजार लीटर प्रति मिनट का चालू है।

बड़वानी : सीमा पर कोई जांच नहीं
हालात : पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में 3 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। सड़क मार्ग पूरी तरह खुला।
संसाधन : दूसरी लहर के बाद लगे जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। 150 ऑक्सीजन बेड, 12 वेंटिलेटर हैं। तीन नए आईसीयू बन रहे हैं। अतिरिक्त स्टाफ भी भर्ती हुआ।

झाबुआ : दो नए अस्पताल शुरू हुए
हालात : पड़ोसी राज्य से पहले की तरह आवागमन चालू, चैकिंग नहीं।
संसाधन : जिले में 3 ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय हैं। 160 ऑक्सीजन बेड, 10 वेंटिलेटर हैं। सीटी स्कैन मशीन आई है। थांदला और पेटलावद में नए सिविल अस्पताल शुरू हो चुके।

शिवपुरी : पड़ोसी जिलों में केस नहीं
हालात : राजस्थान से आने वाले यात्रियों की चैकिंग के लिए बस स्टैंड और स्टेशन पर कोई व्यवस्था नहीं है।
संसाधन : जिला अस्पताल में तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। 206 ऑक्सीजन बेड और चार वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेज शिवपुरी का ऑक्सीजन प्लांट भरा हुआ है।

श्योपुर : दूसरी लहर के बाद मुस्तैदी
हालात : सीमा से राजस्थान के कोटा, सवाई-माधौपुर, बारां सटे हुए है। यहां सड़कें बेरोकटोक चालू हैं।
संसाधन : जिले में 6 ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। 4 वेंटिलेटर है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद जिले में 6 ऑक्सीजन प्लांट, 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड, 100 बेड का कोरोना वार्ड, 40 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड और 20 बेड का बच्चों का आईसीयू तैयार किया गया है।

मुरैना : प्लांट चलाने वाले ही नहीं
हालात : धौलपुर जिले की सीमा मिलती है। चंबल के बॉर्डर से लेकर मुरैना व धौलपुर के स्टेशन व बस स्टैंड पर चैकिंग नहीं की जा रही है।
संसाधन : 7 ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। लेकिन ऑपरेटिंग के लिए मैनपावर नहीं है। ऑक्सीजन बेड 280 हैं। 4 वेंटिलेंटर हैं। इंतजाम नाकाफी।

सिवनी : दो प्लांट ही काम कर रहे
हालात : 15 दिन में 3 मरीज मिले। आसपास औऱ सीमाओं पर कोई भी चैकिंग नहीं हो रही। घंसौर के अलावा पड़ोसी जिले बालाघाट, छिंदवाड़ा में रेल सेवा शुरू है।
संसाधन : जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट शुरू। 26 आईसीयू बेड तैयार हो रहे। 200 जनरल ऑक्सीजन बेड तैयार हैं। 70 कंसंट्रेटर भी हैं। घंसौर में ऑक्सीजन प्लांट लग चुका है लेकिन पाइप लाइन का काम बाकी है। 30 ऑक्सीजन बेड बन चुके हैं। लखनादौन में 30 बेड लगाए।

आलीराजपुर : कोई जांच नहीं
हालात : जिले के तीन तरफ गुजरात की सीमा लगती है। चांदपुर, छकतला, बखतगढ़, कट्‌ठीवाड़ा, सेजावाड़ा से गुजरात तक पहुंचा जा सकता है। नर्मदा बैक वॉटर क्रॉस करके ग्राम सकरजा से महाराष्ट्र जुड़ा हुआ है। आवागमन जारी है। बॉर्डर पर न तो चैकिंग हो रही है और न सैंपल ले रहे।
संसाधन : जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। 10 बेड ऑक्सीजन के हैं। 75 बेड का आईसोलेशन वार्ड।

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