नोएडा…ओमिक्रॉन का खतरा, तैयारी आधी-अधूरी ….सैनिटाइजेशन टनल बने साइकिल स्टैंड, खराब खड़ी हैं 5 एंबुलेंस, वेंटिलेटर को मेंटेनेंस की जरूरत
नोएडा में कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए खरीदे गए संसाधन कबाड़ हो चुके हैं। सैनिटाइजेशन टनल साइकिल स्टैंड बन चुके हैं। दूसरी लहर में एंबुलेंस की कमी के बाद भी 5 एंबुलेंस खराब हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। गनीमत यह है कि अस्पतालों में लगाए गए वेंटिलेटर अभी ठीक-ठाक स्थिति में हैं। इनको भी मेंटेनेंस की दरकार है।
7 लाख में खरीदे गए टनल बने साइकिल स्टैंड
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने 3 सैनिटाइजेशन टनल एक कंपनी से खरीदे थे। इसमें पहला टनल सेक्टर-6 प्रशासनिक खंड के कार्यालय में दूसरा सेक्टर-5 जलखंड के कार्यालय और तीसरा सेक्टर-39 हॉर्टिकल्चर विभाग में लगाया गया है। शुरुआत के कुछ दिनों लोगों ने सैनिटाइजेशन टनल का यूज किया। इसके बाद इनकी वैल्यू कबाड़ से भी ज्यादा गिर गई है। यह अब साइकिल स्टैंड में परिवर्तित हो चुके हैं।
5 एंबुलेंस हैं खराब
कोरोना की दूसरी लहर में सर्वाधिक समस्या एंबुलेंस की थी। अधिकांश मरीजों ने एंबुलेंस के अभाव में ही दम तोड़ दिया। नोएडा स्वास्थ्य विभाग के पास 32 एंबुलेंस हैं, जिसमें 10 दान में मिली हैं। यह सभी 102 और 108 नंबर की हैं। हालांकि इनमें से 5 एंबुलेंस खराब हैं।
ये उपकरण मंगवाए थे
- सेक्टर-39 कोविड-19 सेंटर और जिला अस्पताल
- 50 वेंटिलेटर आए
- डाइलिसिस मशीन आई
- एक्सरे मशीन आई
- सिटी स्कैन मशीन आई
- 17,500 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर आए
सेक्टर-30 चाइल्ड पीजीआई
- 20 वेंटिलेटर आए
- चाइल्ड पीजीआई में एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता का आक्सीजन प्लांट लगा है।
- ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में है।
शहर के सीएचसी और पीएचसी में लगे प्लांट
- 17 ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं।
- सभी ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं।
- वर्तमान में 32 एंबुलेंस 108 और 102 की हैं।
- 10 एंबुलेंस दान में मिली हैं।
- 5 एंबुलेंस खराब पड़ी हैं।
मरम्मत का है इंतजार
यह सभी उपकरण पहली और दूसरी बेव में लगाए गए थे। अधिकतर चालू हालत में हैं, लेकिन इन सभी को मेंटेनेंस की दरकार है।