आरटीआई में मिल सकेगी उत्तर पुस्तिका की प्रमाणित प्रति, दायरे में सरकारी के साथ निजी विश्वविद्यालय भी शामिल
राज्य सूचना आयोग का विद्यार्थियों के हित में बड़ा आदेश…..
भोपाल। नए साल में राज्य सूचना आयोग ने विद्यार्थियों के हित में बड़ा आदेश दिया है। इसके तहत छात्र आरटीआई के तहत उत्तर पुस्तिका की प्रमाणित प्रति संबंधित विश्वविद्यालय से प्राप्त कर सकेंगे। विश्वविद्यालय इसके लिए इंकार नहीं कर सकते। इस दायरे में प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ निजी विश्वविद्यालय भी आए हैं। राज्य सूचना आयोग राहुल सिंह ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि यदि कोई विद्यार्थी आरटीआई के तहत उत्तर पुस्तिका प्रति चाहता है तो उसे 30 दिन में यह उपलब्ध कराई जाए। यह भी सुनिश्चित हो कि यह प्रमाणित प्रति आरटीआई की तय दर के अनुसार ही हो। विश्वविद्यालय इसके लिए मनमर्जी से फीस वसूल न करें। इस आदेश का सख्ती से पालन कराने को कहा गया है।

आरटीआई में मिल सकेगी उत्तर पुस्तिका की प्रमाणित प्रति, दायरे में सरकारी के साथ निजी विश्वविद्यालय भी शामिल
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश मे लिखा कि आयोग के संज्ञान में आया है कि आरटीआई के नियम के विपरीत कई विश्वविद्यलयों द्वारा उत्तर पुस्तिका की प्रमाणित प्रति नहीं दी जा रही है। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा अपने स्वयं के नियम निर्धारित कर उत्तर पुस्तिकाओं का मात्र इंस्पेक्शन कराया जा रहा है। प्रमाणित प्रति देने के नाम पर ज्यादा शुल्क वसूलने के मामले भी सामने आ रहे हैं।
कॉपी जांचने वाले शिक्षक की पहचान उजागर न हो
उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि जब तक आरटीआई का निराकरण ना हो जाए उत्तर पुस्तिकाओं को नष्ट नहीं करना चाहिए। उत्तर पुस्तिका को जांचने वाले शिक्षक की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अधिनियम की धारा 10 के तहत संबंधित जानकारी को विलोपित करके सिर्फ उत्तर पुस्तिका की कॉपी आरटीआई आवेदक को उपलब्ध करानी होगी। अन्यथा स्थिति में लोक सूचना अधिकारियों के विरुद्ध धारा 20 के तहत 25 हजार रुपए जुर्माने या अनुशासनिक कार्रवाई आयोग कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। निजी विश्वविद्यालय से संबंधित मामलों की जानकारी के लिए छात्रों को निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग भोपाल के समक्ष दायर करनी होगी।
उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि जब तक आरटीआई का निराकरण ना हो जाए उत्तर पुस्तिकाओं को नष्ट नहीं करना चाहिए। उत्तर पुस्तिका को जांचने वाले शिक्षक की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अधिनियम की धारा 10 के तहत संबंधित जानकारी को विलोपित करके सिर्फ उत्तर पुस्तिका की कॉपी आरटीआई आवेदक को उपलब्ध करानी होगी। अन्यथा स्थिति में लोक सूचना अधिकारियों के विरुद्ध धारा 20 के तहत 25 हजार रुपए जुर्माने या अनुशासनिक कार्रवाई आयोग कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। निजी विश्वविद्यालय से संबंधित मामलों की जानकारी के लिए छात्रों को निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग भोपाल के समक्ष दायर करनी होगी।
इसलिए महत्वपूर्ण है आदेश
राहुल सिंह ने कहा कि आरटीआई के तहत प्रमाणित प्रति मिलने से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने वाले शिक्षक की जवाबदेही सुनिश्चित होगी। एग्जामिनर को अगर यह पता रहेगा की उनके द्वारा जांची गई उत्तर पुस्तिका की आरटीआई के तहत स्क्रूटनी हो सकेगी तो वे भी सजगता पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और उत्तर पुस्तिका को सही ढंग से जांचेगे।
राहुल सिंह ने कहा कि आरटीआई के तहत प्रमाणित प्रति मिलने से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने वाले शिक्षक की जवाबदेही सुनिश्चित होगी। एग्जामिनर को अगर यह पता रहेगा की उनके द्वारा जांची गई उत्तर पुस्तिका की आरटीआई के तहत स्क्रूटनी हो सकेगी तो वे भी सजगता पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और उत्तर पुस्तिका को सही ढंग से जांचेगे।