इंदौर में पाबंदी बढ़ाने के समर्थन में जनप्रतिनिधि …… सांसद-विधायकों ने माना हालात डराने वाले, जानिए- लॉकडाउन और पाबंदियों पर क्या कुछ कहा

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने पाबंदियां बढ़ाने की बात कही है। कलेक्टर के इस फैसले के समर्थन में जनप्रतिनिधि भी हैं। सांसद और विधायकों ने माना है कि हालात डराने वाले हैं। सांसद शंकर लालवानी ने कहा है कि आज शाम 7 बजे जिला स्तरीय क्राइसिस कमेटी की बैठक में चर्चा के बाद पाबंदियों पर निर्णय लिया जाएगा।

सांसद ने माना कि पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया ने भी कुछ प्रतिबंध लगाने की बात कही। कमेटी के सदस्य डॉ. निशांत खरे का कहना है कि राज्य शासन की गाइडलाइन के तहत काम कर नियंत्रण का प्रयास किया जाएगा। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने खुद मालवा उत्सव जैसे कार्यक्रम कर कोरोना को न्यौता दिया, कुछ प्रतिबंध जरूरी हैं। विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि जो चीजें आवश्यक हैं, वो तो ठीक है, लेकिन जहां प्रतिबंध आवश्यक है, वहां लगाएं। विधायक महेंद्र हार्डिया ने कहा कि बड़े आयोजनों, शवयात्रा आदि में संख्या सीमित की जानी चाहिए।

प्रतिबंध से पहले, सख्ती जरूरी
विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि प्रतिबंध बाद की बात है, पहले अस्पतालों में व्यवस्था करनी चाहिए। लोगों पर सख्ती करनी चाहिए। अभी बड़े आयोजन नहीं होने चाहिए, लेकिन खुद भाजपा करा रही है।

लॉकडाउन वाली नौबत नहीं आने देंगे
विधायक आकाश विजयवर्गीय का कहना है कि कोशिश यही है कि इस बार लॉकडाउन वाली नौबत बिल्कुल न आए। कोविड केयर सेंटर, टेस्टिंग सेंटर पर ध्यान देने के साथ प्राइवेट अस्पतालों से अनुबंध करें। अस्पतालों में पूरी व्यवस्था हो। अभी पहले दौर में जो बुनियादी सुविधाएं हैं, इस पर ज्यादा फोकस है। आगे जरूरत पड़ी तो छुटपुट प्रतिबंध भी लगाएंगे।

बेसिक प्रतिबंध को समझना जरूरी
जिला क्राइसिस कमेटी के सदस्य डॉ. निशांत खरे का कहना है अभी राज्य शासन की गाइड लाइन को फॉलो कर रहे हैं। अभी डेल्टा व ओमिक्रॉन दोनों प्रकार के मरीज मिल रहे हैं। ओमिक्रॉन की संख्या बढ़ रही है। करीब 60% मरीज ओमिक्रॉन के हैं। ऐसा अंदाज है कि दो हफ्ते में ओमिक्रॉन अब डेल्टा को पूरा रिप्लेस कर देगा। जो सीवियरिटी के केस हैं उनमें 99 फीसदी डेल्टा के हैं। प्रतिबंध के लिए बेसिक पैरामीटर यह होता है कि क्या आपका हेल्थ सिस्टम मरीजों की संख्या संभाल सकता है या नहीं? वर्तमान में समुचित व्यवस्था है इसलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि हम बड़े इवेंट में न जाएं। प्रशासन की भी कोशिश है कि मास्क को अनिवार्य कराएं। फाइन की भी चर्चा हो रही है। बड़े आयोजन पर विचार चल रहा है कि होने चाहिए या नहीं। अंतत: राज्य सरकार की गाइड लाइन का ही पालन करना पड़ता है।

अनुभवी हैं सारे जनप्रतिनिधि-अधिकारी, सोच समझकर ही लेंगे निर्णय

वरिष्ठ नेता व पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का कहना है पहली लहर और दूसरी लहर में जो जनप्रतिनिधि व अधिकारी थे, वे सभी वहीं हैं। उन्हें दोनों बार का अच्छा अनुभव हैं। वे जो भी निर्णय लेंगे, वह जन स्वास्थ्य व शहर हित में ही लेंगे।

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