किसान संगठनों को नहीं पता था पीएम का रूट ….. हाईवे ब्लॉक करने नहीं, जिला मुख्यालय जा रहे थे किसान; पंजाब पुलिस ने मोदी के रूट पर ही रोक दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर सुरक्षा में चूक की वजह खुद पंजाब पुलिस थी, न कि किसान। किसान तो जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे थे। उन्हें तो यह भी नहीं पता था कि मोदी सड़क के रास्ते फिरोजपुर जा रहे हैं।
बठिंडा-फिरोजपुर नेशनल हाईवे पर प्यारेआना गांव के पास जाम लगा था और इसी हाईवे के फ्लाईओवर पर मोदी का काफिला फंसा। जाम पंजाब पुलिस के कारण लगा, क्योंकि किसान तो तय शेड्यूल के मुताबिक फिरोजपुर DC दफ्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और इसी वजह से हाईवे ब्लॉक हो गया। इसी वजह से PM को 20 मिनट सड़क पर खड़े रहना पड़ा।
किसानों का इरादा हाईवे ब्लॉक करना नहीं था
भास्कर ने हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के नेता से बात की तो इस बात का खुलासा हुआ कि उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं थी कि प्रधानमंत्री इस रूट से गुजरने वाले हैं। प्यारेआना गांव के पास इकट्ठा हुए किसानों की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि उनका हाईवे ब्लॉक करने या PM की सुरक्षा खतरे में डालने का कोई प्रोग्राम या इरादा नहीं था।
मोदी के दौरे पर अलग-अलग जगह विरोध के कार्यक्रम तय थे
फूल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर रैली अनाउंस होने के बाद पंजाब के 10 अलग-अलग किसान संगठनों ने बरनाला में मीटिंग की। इसी मीटिंग में तय हुआ कि 5 जनवरी को जब PM पंजाब में होंगे, उस दिन सभी किसान संगठनों के सदस्य अलग-अलग जिला हेडक्वार्टरों पर विरोध प्रदर्शन करके उनके पुतले जलाएंगे। इस प्रोग्राम की जानकारी मीडिया के अलावा सभी जिलों में प्रशासनिक अफसरों को भी दी गई।
फूल के अनुसार, 5 जनवरी की सुबह 9 बजे के आसपास तय प्रोग्राम के तहत फिरोजपुर के कई गांवों के किसान फेरूशाह अनाज मंडी में इकट्ठा हुए और वहां से किसान नेता बलदेव सिंह जीरा की अगुवाई में फिरोजपुर DC दफ्तर के लिए निकले। सुबह तकरीबन 11 बजे जब लगभग 700 किसानों का जत्था बठिंडा-फिरोजपुर हाईवे पर प्यारेआना गांव के पास पहुंचा तो वहां मौजूद पंजाब पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसानों के यह बताने पर भी वह DC दफ्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे, पंजाब पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी।
रोकने पर किसानों ने चेतावनी भी दी थी
फूल के मुताबिक, मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने किसानों से कहा कि वह PM की रैली में खलल डालने जा रहे हैं, इसलिए उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। पुलिस अफसरों का कहना था कि किसान चाहें तो यहीं (प्यारेआना गांव के पास) हाईवे के किनारे अपना विरोध जता सकते हैं। इस पर बलदेव सिंह जीरा ने पुलिसवालों को चेताया भी कि अगर उनके जत्थे को आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई तो वह यहां से BJP वर्करों की बसों को भी आगे नहीं जाने देंगे। पुलिसवालों ने जीरा की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया।
पुलिसवालों के रवैये से नाराज होकर उनके जत्थे के सदस्य हाईवे पर बैठ गए, जिसकी वजह से रास्ता बंद हो गया। रैली में जा रहे BJP वर्करों की 100 से ज्यादा बसें फंस गईं। बाद में पुलिस अफसरों ने BJP वर्करों की बसों को रूट डायवर्ट करके आगे निकालना शुरू किया।
पुलिस ने बताया ही नहीं कि PM सड़क से आ रहे
सुरजीत सिंह फूल के अनुसार, हाईवे 11 बजे बंद हुआ। उसके घंटे भर बाद भी पंजाब पुलिस के किसी अधिकारी ने उनके जत्थे को एक बार भी ये नहीं बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इसी रूट से फिरोजपुर जाने वाले हैं। किसानों को तो तब तक यही पता था कि प्रधानमंत्री मोदी बठिंडा से हेलिकॉप्टर के जरिये फिरोजपुर पहुंचेंगे, जहां उनके लिए 3 हेलीपैड बनाए गए हैं।
12 बजे अचानक कहा- हाईवे खाली करो, मोदी आ रहे
फूल ने बताया कि दोपहर लगभग 12 बजे पंजाब पुलिस के कुछ अफसरों ने अचानक PM मोदी के आने की बात कहते हुए उनके जत्थे से हाईवे खाली करने को कहा। उन्हें पुलिसवालों की बात पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि PM के हेलिकॉप्टर से फिरोजपुर पहुंचने का प्रोग्राम था। उस समय तक कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मोदी के हुसैनीवाला पहुंचने की खबरें भी आने लगीं। ऐसे में उनके जत्थे को लगा कि पुलिसवाले शायद BJP वर्करों की बसें निकालने के लिए उनसे झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि PM का रैलीस्थल इसी हाईवे लगभग 10 किलोमीटर आगे था।
सुरजीत सिंह फूल ने स्पष्ट किया कि उनका हाईवे ब्लॉक करने या PM का रास्ता रोकने जैसा कोई प्रोग्राम नहीं था। अगर पंजाब पुलिस फिरोजपुर DC दफ्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे उनके जत्थे को प्यारेआना गांव के पास नहीं रोकती तो यह नौबत ही नहीं आती।