आज से चुनाव तक असली सरकार कौन?:न सीएम, न मंत्री और न ही अफसर, ये तीनों ही केयर टेकर, बदली सबकी भूमिका
यूपी में चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता भी लागू हो गई। अब सरकार सिर्फ कार्यवाहक की भूमिका में काम करेगी। चुनाव का पूरा काम आयोग और बाकी काम अफसर देखेंगे। चुनाव के दौरान नए प्रोजेक्ट पर अब काम शुरू नहीं होंगे। मगर पहले से चलने वाले डेवलपमेंट के कामकाज पर कोई रुकावट भी नहीं आएगी। आचार संहिता लगने के बाद अब वास्तविक ताकत आपके हाथ में है। आप ही तय करेंगे कि सत्ता किसको सौंपनी है?
चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 7 चरणों में चुनाव होगा। शुरुआत 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश से होगी। दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठवां चरण 3 मार्च और सातवां चरण 7 मार्च को होंगे। सभी राज्यों के चुनावों के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
आइए आपको बताते हैं कि आचार संहिता लगने के पहले और अब क्या बदलाव हो रहें हैं…
आदर्श आचार संहिता क्या है?
निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।
आचार संहिता कब से लागू होती है?
चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है। आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।
आचार संहिता के मुख्य नियम क्या हैं?
- किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले सार्वजनिक धन का इस्तेमाल नहीं होगा।
- सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
- किसी भी तरह की सरकारी घोषणा नहीं होगी। लोकार्पण और शिलान्यास नहीं होंगे।
- राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
- किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।