कोरोना ने तोड़ी पर्यटन की कमर … पांच गुना कम हो गयी पर्यटकों की आमद, वीकेंड पर भी सन्नाटा, होटलों को बिजली और लेबर खर्च निकालना मुश्किल
कोरोना की तीसरी लहर और चुनाव ने मिलकर पर्यटन नगरी आगरा के पर्यटन व्यवसाय की कमर तोड़ कर रख दी है। नए साल की शुरुआत में पर्यटकों की संख्या ने इस व्यवसाय से जुड़े डेढ़ लाख से अधिक लोगों को उम्मीद दी थी पर कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर सबके चेहरे पर मायूसी ला दी है। सीजन के बावजूद वीकेंड पर भी ताजमहल पर सन्नाटा छाया हुआ है। रविवार को सुबह ताजमहल पर भारी सन्नाटा देखने को मिला। मथुरा में मालगाड़ी डीरेल होने कारण ट्रेनें निरस्त होने का असर भी पर्यटकों की संख्या कम होने का कारण माना जा रहा है।
सर्दी के मौसम को पर्यटको का सीजन माना जाता है। कोरोना से पहले सर्दियों में वीकेंड पर 50 हजार पर्यटक आना आम बात थी। इस माह नव वर्ष की शुरुआत होते ही वीकेंड पर 35 से 40 हजार के बीच पर्यटक आ रहे थे। शनिवार को मात्र 6754 पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे। दिन में कई बार प्रवेश द्वार पर सन्नाटा नजर आया और भीड़ न होने के चलते आराम से पर्यटकों को प्रवेश मिला। रविवार रात बारिश हो जाने के चलते सुबह से ही ताजमहल पर सन्नाटा छाया हुआ है। सुबह आठ बजे तक मात्र 250 के लगभग लोग ताजमहल देखने पहुंचे थे।
पर्यटन से जुड़े लोग परेशान
ताजमहल पर पर्यटकों की आमद से होटल, रेस्टोरेंट,ट्रेवेल्स, शिल्पी समेत तमाम काम करने वाले लोगों पर सीधा या परोक्ष रूप से असर पड़ता है। सर्दियों में पर्यटकों की सही आमद से जो कमाई होती है, आउट सीजन में उसी से पर्यटन से जुड़े लोगों का गुजारा होता है। दो साल में कोरोना ने पहले ही व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। तीसरी लहर के असर ने भी आ। परेशान करना शुरू कर दिया है। ट्रेवेल्स का काम करने वाले शादाब का कहना है की अधिकांश पर्यटक निजी या अपने शहर से गाड़ी लेकर आ रहे हैं। बुकिंग न के बरबाद हो रही है। गाड़ियों की मेंटेनेंस का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। होटल व्यवसायी प्रिया बताती हैं। पर्यटक रात में रुक ही नहीं रहा है, मजबूरी में बिजली आदि का खर्च निकालने के लिए होटल के कमरे मेट्रो में काम करने वाले लोगों को मासिक किराये पर दिए हुए हैं।