फिर बंद होंगे स्कूल, प्राइवेट स्कूलों में मार्च में लग जाएंगे ताले!

स्कूलों के संबंध में संकुल प्राचार्यों को दिए निर्देश

भोपाल

श्याम सिंह तोमर, भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण फिलहाल तो सभी स्कूल बंद हैं पर प्रदेश के कई स्कूलों पर हमेशा के लिए बंद हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. इन स्कूलों ने जरूरी मान्यता नहीं ली है. प्रदेश के पूरे 681 प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं, जिनकी मान्यता पर तलवार लटकी है. इस संबंध में शिक्षा अधिकारियों को नोटिस भी भेज दिया है.
schools.png

माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के इन स्कूलों के प्रबंधन व प्राचार्यों की लापरवाही का आलम यह है कि इन्होंने पांच बार मौका दिए जाने के बाद भी मान्यता नवीनीकरण नहीं करवाया है। हद यह है कि यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करनी थी, जिसे भी दरकिनार किया गया। इसी के चलते मार्च 2022 में इन तमाम स्कूलों की मान्यता स्वत: ही खत्म हो जाएगी।
इनमें पढ़ रहे छात्र-छात्राएं समय रहते अन्य स्कूलों में प्रवेश ले लें, इसके लिए अब लोक शिक्षण संचालनालय से संभागीय अधिकारियों को पत्र और सूची भी भेज दी गई है। लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त अभय वर्मा ने सभी संभागों के संयुक्त संचालकों को इस संबंध में पत्र और लापरवाह स्कूलों की सूची जारी की है।
साथ ही संकुल प्राचार्यों को भी आगाह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाले इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करें और उन्हें तथ्यात्मक रूप से बताएं कि पांच बार तारीख बढ़ाने के बाद भी नवीनीकरण नहीं करवाया गया। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि मार्च 2022 के बाद बिना मान्यता के एक भी प्राइवेट स्कूल संचालक अपना स्कूल नहीं चला पाएंगे.

लोक शिक्षण संचालनालय से जारी पत्र में कहा गया है कि अशासकीय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों ने मान्यता नियम 2017 एवं 2020 के तहत नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं किया। इसके लिए पांच बार तारीख भी बढ़ाई गई। ऐसा लगता है कि ये संस्थाएं आगामी सत्र से स्कूल चलाना ही नहीं चाहती हैं। संभाग के अधिकारियों को यह भी कहा गया कि मान्यता अवधि खत्म होने के बाद इनमें से एक भी स्कूल ना चलने पाए, यह सुनिश्चित करें।

एक नहीं पांच बार तिथि बढ़ाई गई
लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल के संचालक केके द्विवेदी बताते हैं कि अशासकीय स्कूलों के मान्यता नवीनीकरण के लिए एक नहीं पांच बार तिथि आगे बढ़ाई गई, लेकिन इस समयावधि के बाद भी संबंधित संस्थाओं ने ऑनलाइन आवेदन नहीं किया। अब मार्च 2022 के बाद इन स्कूलों की मान्यता स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। इसके लिए संभागीय अधिकारियों को पत्र और सूची भेज दी है। बच्चों का नुकसान न हो, इसके लिए भी उनके माता-पिता को समय रहते सूचना करवा दी जाएगी।

सूची में निवाड़ी को छोड़ 51 जिलों के स्कूलों के नाम
मान्यता नवीनीकरण नहीं करवाने वाले स्कूलों की जिलेवार स्थिति देखें तो निवाड़ी को छोडकऱ सभी 51 जिलों के 681 विद्यालय इनमें आ रहे हैं। इंदौर जिले के 45, भोपाल के 36, उज्जैन 36, ग्वालियर 29, मुरैना 28, जबलपुर 27, सतना 26, भिण्ड 23, रीवा 23, धार 21, देवास 21, सीहोर 20, सागर 20, विदिशा 18, राजगढ़ 18, शाजापुर 15, खरगोन के 15 स्कूल शामिल हैं.

इसके अलावा छतरपुर के 14, छिंदवाड़ा 14, शहडोल 13, होशंगाबाद 13, बालाघाट 13, मंदसौर 13, गुना 12, रायसेन 12, बैतूल 12 और नीमच जिले के 12 स्कूल इस सूची में आ रहे हैं। डिंडोरी, उमरिया और आलीराजपुर जिले का मात्र एक-एक स्कूल है। इसके अलावा अन्य 21 जिलों के ऐसे स्कूलों की संख्या दो से लेकर दस तक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *