क्या विराट कोहली की टीम, 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली धोनी के धुरंधरों से बेहतर है?
साउथम्प्टन: वैसे तो क्रिकेट वर्ल्ड कप शुरू हो चुका है लेकिन इसके ‘फीवर’ का असर पांच जून से भारत में पहुंचने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि बुधवार को भारत अपना पहला मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने जा रहा है. इसके तहत सवा अरब से अधिक देशवासियों की उम्मीदों का सरमाया लेकर विराट कोहली अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के सबसे अहम सफर का आगाज विश्व कप में लगातार दो हार से बेजार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करेंगे.
2011 की टीम
इस दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक कोहली की बतौर कप्तान असल परीक्षा क्रिकेट के इस महासमर में होगी. भारत के पास मैच विनर्स की कमी नहीं है और उनमें पहला नाम खुद कोहली का है लेकिन इसमें वह ‘आभामंडल’ नहीं दिख रहा जो महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली 2011 की विश्व कप विजेता टीम में था. उस टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, जहीर खान और हरभजन सिंह थे जिनका साथ देने के लिये मुनाफ पटेल, आशीष नेहरा, सुरेश रैना और युवा कोहली थे.
दो साल की मेहनत से तैयार टीम
मौजूदा टीम के कप्तान कोहली और मार्गदर्शक धोनी है और इसने पिछले नौ में से छह मैच जीते हैं. इस बार इसे खिताब के प्रबल दावेदारों में गिना जा रहा है. दो साल की मेहनत की परिणिति इस टीम के रूप में हुई है. चैम्पियंस ट्राफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान से मिली हार के बाद से विश्व कप की टीम की तैयारी शुरू हो चुकी थी.
दक्षिण अफ्रीका टीम से बाहर हुए डेल स्टेन
टीम इंडिया को यहां आने के बाद से काफी आराम मिल चुका है . बाकी टीमें दो दो मैच खेल चुकी है जबकि भारत का यह पहला मैच है. टूर्नामेंट का पहला मैच हमेशा अहम होता है और इस बार सामना दक्षिण अफ्रीका से है जिसका मनोबल इंग्लैंड और बांग्लादेश से हारकर पहले ही टूटा हुआ है.
उनकी स्थिति इस बात से और भी खराब हो गई कि डेल स्टेन कंधे की चोट से उबर नहीं सके और वह विश्व कप से बाहर हो गये. टीम में उनकी जगह बांये हाथ तेज गेंदबाज ब्यूरान हेंडरिक्स को शामिल किया गया है. तेज गेंदबाज लुंगी एंगिडी चोट के कारण बाहर हैं. हाशिम अमला को पहले मैच में इंग्लैंड के जोफ्रा आर्चर की गेंद हेलमेट पर लगी थी. वैसे तमाम दिक्कतों के बावजूद दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम को हलके में लेना भूल होगी.
बारिश की आशंका
मुख्य कोच और शातिर रणनीतिकार रवि शास्त्री अपने खिलाड़ियों को पैर जमीन पर रखने की ताकीद करना नहीं भूलेंगे. यहां पिच पर घास नहीं है और इसे बल्लेबाजों की मददगार माना जा रहा है . मौसम विभाग ने हालांकि बादल छाये रहने और बारिश की आशंका जताई है. गेंदबाजी में देखना यह है कि कोहली तीसरे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को उतारते हैं या नहीं. अभ्यास मैचों में रविंद्र जडेजा के उम्दा प्रदर्शन असर को तरजीह मिलती है या पिछले 22 महीने से मिलकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल खेलते हैं. एक भी मैच खेले बिना केदार जाधव को उतारा जाता है या विजय शंकर टीम में रहते हैं.
कागिसो रबाडा
इसमें कोई शक नहीं कि दक्षिण अफ्रीकी टीम खराब दौर से जूझ रहे है और फिटनेस समस्यायें भी गहरी है. लेकिन कागिसो रबाडा का एक स्पैल उसके लिये कहानी बदल सकता है. मौसम से मदद मिलने पर रबाडा भारत के सलामी बल्लेबाजों रोहित शर्मा और शिखर धवन के लिये परेशानी का सबब बन सकते हैं. वैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे श्र्ंखला से लेकर अब तक पर्याप्त रन नहीं बना पाने के कारण दोनों का आत्मविश्वास हिला हुआ होगा.
लेग स्पिनरों के खिलाफ रोहित की कमजोरी का फायदा दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस उठा सकते हैं. वह एक बार फिर इमरान ताहिर से गेंदबाजी का आगाज कराने की सोच सकते हैं. चौथे नंबर पर के एल राहुल उतरेंगे लेकिन देखना यह है कि कठिन हालात में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है. धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में शतक जमाया और उनसे उसी लय को कायम रखने की उम्मीद रहेगी. दक्षिण अफ्रीका को बल्लेबाजी में एबी डिविलियर्स की कमी बुरी तरह खल रही है. स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजों की कलई बार बार खुल रही है. ऐसे में भारतीय स्पिनरों के 20 ओवर खेलना उनके लिये मुश्किल होगा. कुल मिलाकर पलड़ा भारत के पक्ष में लग रहा है.
टीम इंडिया : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, केएल राहुल, महेंद्र सिंह धोनी, हार्दिक पंड्या, केदार जाधव, विजय शंकर, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक, रविंद्र जडेजा .
दक्षिण अफ्रीका : फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), क्विंटोन डिकाक, एडेन मार्कराम, हाशिम अमला, जेपी डुमिनी, डेविड मिलर, ब्यूरान हेंडरिक्स, कागिसो रबाडा, ड्वेन प्रिटोरियस, एंडिले फेलुक्वायो, तबरेज शम्सी, इमरान ताहिर, लुंगी एंगिडी, क्रिस मौरिस, रासी वान डेर डुसेन