निवेशकों के 80 करोड़ रुपये ठगने वाली कंपनी के खिलाफ ईडी ने जांच शुरू की

कंपनी के प्रबंधकीय निदेशक के रूप में शामिल है भाजपा के मंत्री पुत्र का नाम

रायसेन  चिटफंड कंपनी श्रद्धा सबुरी कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू कर दी है। कंपनी के प्रबंधकीय निदेशक के रूप में मप्र भाजपा सरकार में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव का नाम भी शामिल है। भार्गव को न्यायालय ने 50 हजार के मुचलका व 20 लाख रुपये गारंटी के बाद अग्रिम जमानत दे दी थी। जबकि कंपनी के प्रबंधक बसंत उपाध्याय, प्रबंध निदेशक नितिन बालेचा, जितेंद्र सिंह चौहान, पंकज कुमार व दीपक गावा जेल में हैं। बताया जाता है कि बसंत उपाध्याय ने लोगों को छोटी-छोटी बचत रीयल बाजार नामक संस्था में जमा करने के लिए प्रेरित किया था। पुलिस रिकार्ड में उपाध्याय को मुखर्जी नगर रायसेन निवासी बताया है।

सूत्रों के मुताबिक वह मूलत: गाजीपुर उप्र का रहवासी है तीन दशक पूर्व से रायसेन में निवास कर रहा था। उपाध्याय व उसके अन्य साथी सेवानिवृत्त कर्मचारियों व महिलाओं को चिटफंड कंपनी में रुपये निवेश के लिए प्रेरित करता था। उपाध्याय ने 2015 में हरियाणा के सिरसा स्थित राम कॉलोनी बरनाला रोड निवासी नितिन बालेचा व कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर श्रद्धा सबुरी कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी बनाई। रायसेन, विदिशा, भोपाल व सागर के करीब चार सौ लोगों के 80 करोड़ रुपये निवेश होने के बाद कंपनी गायब हो गई। तब पुलिस ने फरियादी दिलीप कुमार कोष्टा उम्र 55 वर्ष निवासी अर्जुन नगर रायसेन की शिकायत पर कंपनी के प्रबंधक बसंत उपाध्याय व प्रबंध निदेशक नितिन बालेचा खिलाफ 30 सितंबर 2015 को धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया। जिला न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान बसंत उपाध्याय व अन्य गवाहों के बयान के आधार पर मंत्री पुत्र भार्गव व अन्य लोगों को आरोपित बनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। भार्गव पहले हाईकोर्ट जबलपुर गए बाद में जिला न्यायालय रायसेन में 27 सितंबर 2016 को पेश हुए। न्यायालय ने उन्हें 50 हजार के मुचलका व 20 लाख रुपये गारंटी के बाद जमानत दे दी। जबकि अन्य आरोपितों की जमानत नामंजूर करते हुए न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया है। कोतवाली थाना प्रभारी आशीष सप्रे कहना कि इस मामले में एक आरोपित को छोड़कर सभी जेल में हैं। न्यायालय से जमानत मिलने के बाद अभिषेक भार्गव ने मीडिया को बताया था कि उनका इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। वह न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। वह स्वयं इस मामले न्यायालय में पेश हुए थे जहां से उन्हें जमानत मिली है।

वर्जन

– विकाश कुमार शाहवाल, एसपी रायसेन

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