हरियाणा से लेकर यूपी, बिहार और राजस्थान की शिक्षक भर्तियों में फर्जीवाड़ा, फिर भी पैटर्न स्थाई नहीं

रीट में चीट की वजह से बोर्ड अध्यक्ष के बर्खास्त होने के बाद अब परीक्षा प्रबंधन के इंतजाम पूरी तरह सवालों के घेरे में हैं।

सीकर. रीट में चीट की वजह से बोर्ड अध्यक्ष के बर्खास्त होने के बाद अब परीक्षा प्रबंधन के इंतजाम पूरी तरह सवालों के घेरे में हैं। देशभर में सबसे ज्यादा अनियमितता शिक्षक भर्तियों में सामने आ चुकी है। इसके बाद भी सभी राज्यों में शिक्षक भर्तियों को लेकर अलग पैटर्न है। राजस्थान से पहले हरियाणा, यूपी और बिहार में भी शिक्षक भर्तियों में घपला पिछले 15 सालों में उजागार हो चुका है। अब रीट में चीट के तार हाईप्रोफाइल लोगों से जुडऩे के बाद 32 हजार शिक्षकों की भर्ती से पहले सवाल उठने लग गए हैं। भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों की ओर से शनिवार को दिनभर सोशल मीडिया पर सरकार को जमकर घेरा गया। इधर, बेरोजगारों की ओर से भी रीट के दोनों लेवल की परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई जा रही है। बेरोजगारों ने इस भर्ती के घपले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है।

बड़ा सवाल: हर सरकार में अपनों को फायदा पहुंचाने का खेल क्यों?

प्रदेश में हर सरकार के समय होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्तियों में सरकार की ओर से अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव कर दिया जाता है। रीट के अंकों को ज्यादा वैटैज देने का मामला भी अब तूल पकड़ रहा है। बेरोजगारों का कहना है कि क्या सरकार में शामिल लोगों को पहले से पूरे खेल का पता था। इस मामले मे पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी भी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं।

जानिए अन्य राज्यों की स्थिति…

यूपी: दो बार विवादों में रही यूपीटेट भर्ती, इस बार हुई रद्द

दस साल में दो बार यूपीटेट भी विवादों में आ चुकी है। एक बार एक सीरीज का प्रश्न पत्र रद्द किया गया। इस बार नकल का खेल सामने आने के बाद पूरी परीक्षा रद्द की जा चुकी है। पिछली यूपीटेट में जाली प्रमाण पत्र बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी लेने वाले 400 से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।

हरियाणा: कईयों की नौकरी गई, कुछ सलाखों तक भी पहुंचे
हरियाणा में चौटाला सरकार के समय हुई शिक्षक भर्ती देशभर में चर्चा में रही। कई रसूखदारों को भी सलाखों तक जाना पड़ा। 35 हजार शिक्षकों की भर्ती में सैकड़ों युवाओं की जांच के बाद नौकरी भी गई। कई शिक्षकों की अब तक पदोन्नति भी नहीं हुई है।

बिहार: फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी, कई अफसर फंसे
बिहार में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। कई अफसरों से लेकर कर्मचारियों पर गाज गिरी। शिक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से कराई जांच में 430 से अधिक नियुक्तियों कोअवैध माना। दस साल में दो बार शिक्षक भर्तियों के प्रश्न पत्र नकल गिरोह की वजह से चर्चा में आ चुके हैं।

एक्सपर्ट व्यू: आरपीएससी या अन्य एजेंसी के जरिए हो रीट

रीट परीक्षा की वजह से बोर्ड की साख खराब हुई है। सरकार को निष्पक्ष तरीके से शिक्षक भर्ती कराने के लिए आरपीएससी या अन्य किसी एजेंसी से शिक्षक भर्ती करानी चाहिए। इससे बेरोजगारों में शिक्षक भर्तियों को लेकर विश्वास भी पैदा होगा। दोनों लेवल की रीट परीक्षा को तत्काल रद्द करना चाहिए।
एडवोकेट संदीप कलवानियां

किसने क्या कहा…
बड़ी मछलियों पर कार्रवाई कब होगी
प्रदेश के युवा रीट परीक्षा को लेकर शुरू से ही धांधली के आरोप लगाते रहे हैं। बोर्ड अध्यक्ष व सचिव के बाद अब सरकार को बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। सीबीआइ से जांच करानी होगी। प्रदेश में रीट परीक्षा नए सिरे से होनी चाहिए।
रामलाल शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

सीबीआइ से हो भर्ती की जांच

भर्ती की जांच सरकार को तत्काल सीबीआइ को देनी चाहिए। एसओजी को जल्द बोर्ड अध्यक्ष की गिरफ्तारी करनी चाहिए। जिससे जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत भी सामने आ सके।

भरत बेनीवाल, अध्यक्ष, राष्ट्रीय रोजगार संघ

बोर्ड अध्यक्ष हटाने से आवाज नहीं दबेगी
सरकार ने बोर्ड अध्यक्ष को हटा दिया है, लेकिन प्रदेश के बेरोजगारों की आवाज नहीं थमेगी। इस मामले की जांच सीबीआइ को देनी होगी। कमेटी बनाने से भी आंदोलन समाप्त नहीं होगा। रीट में अब पदों की संख्या बढ़ाकर सरकार को 50 हजार करने चाहिए।

उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ

रीट में चीट…
रीट परीक्षा कब : 26 सितम्बर 2021

कितने पदों के लिए : 32 हजार
परीक्षा वाले दिन गिरफ्तारी : 45

एसओजी की अब तक पूछताछ : 21 लोगों से
कितने करोड़ लेनदेन आ चुका सामना : 5 करोड़

अब तक कार्रवाई…
बोर्ड अध्यक्ष बर्खास्त

बोर्ड सचिव सस्पेंड
14 शिक्षक सस्पेंड

एक एसडीएम सस्पेंड
दो पुलिस उपाधीक्षक भी सस्पेंड

तीन कांस्टेबल भी सस्पेंड

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