Delhi Police Raising Day 2022 … आतंकवाद, साइबर अपराध पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

आज की पुलिस के सामने शांति व्यवस्था बनाए रखना तो मुख्य जिम्मेदारी है ही. साथ ही आतंकवाद, साइबर अपराध, जाली मुद्रा चलन और मादक पदार्थ तस्करी पर नियंत्रण पाना भी पुलिस के सामने मौजूदा वक्त में खड़ी प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं. चाहे राज्य पुलिस हो या फिर केंद्रीय अर्धसैनिक बल की पुलिस.

पुलिस चाहे राज्य की हो या फिर किसी हिंदुस्तान के केंद्रीय अर्ध-सैनिक बल (Central Armed Police Force CAPF) की पुलिस का जवान या अफसर. हर पुलिसकर्मी हमारी आपकी खुशियों के लिए अपनी खुशियां हमेशा कुर्बान करता रहा है. ऐसे में हमारी आपकी भी जिम्मेदारी है कि ऐसे त्याग, तपस्या और समर्पण की परिचायक पुलिस की खुशियों का ख्याल हम भी रखें. जब तक पुलिसकर्मी को अपनी बेहतर जिंदगी गुजारने का वक्त आता है. तब तक वह हमारी-आपकी सेवा-सुरक्षा करते-करते खुद तमाम परेशानियों-बीमारियों के बीच जा फंसा होता है. यह वही पुलिस होती जो हमारी, देश और राज्य की शांति के लिए. अपनी हर खुशी हमेशा ‘होम’ करने के लिए तत्पर रहती है.” यह तमाम बातें बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली   में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah Union Home Minister) ने कहीं. वे दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस समारोह (Delhi Police 75th Raising Day) में मुख्य-अतिथि की हैसियत से बोल रहे थे.

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने परेड की सलामी ली. उन्होंने पुलिस के जवानों की खुलकर हौसला अफजाई की. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “कोरोना काल में जिस तरह दिल्ली पुलिस ने खुद की जान जोखिम में डालकर. त्याग, तपस्या और समपर्ण के अनगिनत उदाहरण पेश किए. वे सब इतिहास में मील का पत्थर बन चुके हैं. पुलिस जवान चाहे दिल्ली या किसी भी प्रदेश की पुलिस का हो. अथवा फिर किसी केंद्रीय अर्धसैनिक बल का जवान या अधिकारी. हर किसी का पहला कर्तव्य हमारी और आपकी खुशी बरकरार रखना ही होता है.

पुलिसकर्मी हमारी आपकी खुशी के लिए अपनी खुशियों और अपने परिवार को हमेशा पीछे कर देता है. जब हम सब अपनों के बीच खुशियां मना रहे होते हैं. तब यही पुलिस और उसके जवान सड़क और सीमा पर खड़े होकर कर्तव्यनिष्ठा की इबारत खुशी-खुशी लिख रहे होते हैं. ऐसा समर्पण, त्याग और कर्तव्यनिष्ठता का उदाहरण भला पुलिस से बेहतर और कहां किसमें देखने को मिल सकता है? लिहाजा ऐसे रणबांकुरे पुलिसकर्मियों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है.”

450 करोड़ रुपए के लागत वाली योजनाओं पर होगा अमल

इस मौके पर दिल्ली पुलिस अफसरों और जवानों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने आगे कहा, “राजधानी की पुलिस के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया कराए जाने की कई बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है. 450 करोड़ के बजट से तैयार कई कार्य योजनाओं को आज ही मूर्त रूप दिया जाने वाला है. इनमें मुख्य रूप से दिल्ली के कई थानों की इमारतों का निर्माण, पुलिस आवास कालोनियों का निर्माण प्रमुख है.”

पुलिस और अर्ध-सैनिक केंद्रीय पुलिस बल के त्याग, तपस्या और समर्पण का उदाहरण देते हुए. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि, “35 हजार पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. सिर्फ हमारी-आपकी सुरक्षा में और अपनी कर्तव्य निष्ठता को बेदाग बनाए रखने की ललक में. यह अपने आप में एक यादगार इतिहास के रूप में हमेशा पढ़ा जाता रहेगा. ऐसे बहादुरों का ख्याल हमें भी सबसे ऊपर आकर रखना चाहिए.”

पुलिस के सामने यह चुनौतियां हैं

मौजूदा समय में पुलिस के सामने हमेशा खड़ी रहने वाली चुनौतियों पर भी केंद्रीय गृह मंत्री ने खुलकर अपने मन की बात रखी. उन्होंने कहा, “आज की पुलिस के सामने शांति व्यवस्था बनाए रखना तो मुख्य जिम्मेदारी है ही. साथ ही आतंकवाद, साइबर अपराध, जाली मुद्रा चलन और मादक पदार्थ तस्करी पर नियंत्रण पाना भी पुलिस के सामने मौजूदा वक्त में खड़ी प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं. चाहे राज्य पुलिस हो या फिर केंद्रीय अर्धसैनिक बल की पुलिस. इस काम में हर जवान अपना शत-प्रतिशत रिजल्ट देने में जुटा है.”

गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस के और भी तमाम कामों की प्रशंसा की. साथ ही उन्होंने कहा कि, “दिल्ली पुलिस आज जिस रूप में है. वह तो उसका अविस्मरणीय रूप है ही. इसके साथ ही अब वह अपने आने वाले 5 साल बाद के लक्ष्यों को भी निर्धारित करके आगे बढ़े. साथ ही दिल्ली पुलिस को अभी से 25 साल आगे की दिल्ली पुलिस तैयार करने में भी जुटना होगा. ताकि जब दिल्ली पुलिस अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने वाली हो. तो वह खूबसूरत मौका वाकई स्वर्णिम और अविस्मरणीय सिद्ध हो सके.”

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