शिक्षा और संपत्ति का, विद्या और वैभव का संबंध है, उसे ठीक से जोड़ना आना चाहिए

‘जिस दिन जीवन में कोई समस्या न आए तो ध्यान से चेक कर लीजिएगा कि कहीं आज हम गलत रास्ते पर तो नहीं चल रहे।’ यह बात स्वामी विवेकानंद कहा करते थे। समस्या कोई दुर्भाग्य नहीं, जीवन का हिस्सा है। संघर्षशील लोग अपने व्यक्तित्व को गहरा बना लेते हैं। जिन्हें बिना संघर्ष के मिल जाए वे उथले रह जाते हैं। इसलिए जीवन में कुछ काम संघर्ष के साथ करें और कुछ को होते हुए देखें।

शिक्षा और धन, इन दोनों क्षेत्रों में खूब संघर्ष है। अब आने वाले वक्त में बिना शिक्षा के सही तरीके से धन कमाना बड़ा मुश्किल होगा। भगवान कृष्ण ने उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में जब अपनी शिक्षा पूरी की तो गुरुदीक्षा के लिए कुबेर स्वयं थाली भरकर धन लाए थे, लेकिन गुरुमाता ने कहा था मुझे तो मेरे पुत्र चाहिए। गुरुमाता के आदेश पर कृष्ण उनके पुत्रों को लेने गए तो कुबेर वहीं रुक गए।

हमारे लिए संकेत या समझने की बात यह है कि शिक्षा और संपत्ति का, विद्या और वैभव का संबंध है। बस, उसे ठीक से जोड़ना आना चाहिए। खूब संघर्ष करके शिक्षा और धन कमाइए, लेकिन कुछ चीजें जो हमारे वश में नहीं हैं, उन्हें देखें और होने दें। जैसे दिन का ढलना, रात का होना इनमें हम कुछ नहीं कर सकते, सिर्फ देख सकते हैं, वैसे ही जीवन की कई घटनाओं को घटते हुए देखें तो शायद संघर्ष के बाद भी बेचैनी नहीं आएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *