मोबाइल डी-एडिक्शन पर चंडीगढ़ में पहला सेमिनार 16 जून को
मोबाइल एक जरूरत है, लेकिन यह जरूरत अब इतनी हावी होती जा रही है कि लोगों का लाइफ स्टाइल बिगड़ गया है। सड़क पर, वाॅक करते हुए, साथ में कहीं बैठे हैं, गाड़ी चलाते हुए भी सभी जगह मैक्सिमम लोग मोबाइल यूज कर रहे होते हैं।
लोगों का ध्यान मोबाइल से हटाने के लिए क्या किया जा सकता है, इसके लिए 16 जून (रविवार) को अपनी तरह का पहला सेमिनार ‘ली कार्बूजिए सेंटर सेक्टर-19 में करवाया जा रहा है। मोबाइल डी-एडिक्शन सब्जेक्ट पर ये सेमिनार होगा और सेकंड ईनिंग एसोसिएशन इसे करवा रही है।
मकसद ये है कि जितने लोग सेमिनार में आएं उनको मोबाइल से हो रहे समाजिक ताने-बाने को जो नुकसान हो रहा है, उसके बारे में जानकारी दी जा सके। बताया जाएगा कि कैसे मोबाइल को खुद पर हावी नहीं होने देना है। यह सब एक्सपर्ट के जरिए समझाया जाएगा।
एसोसिएशन के मेंबर्स या जिन लोगों को इसमें इनवाइट किया गया है, उनको भी यही सलाह दी गई है कि वे या तो अपना मोबाइल घर में छोड़कर आएं या फिर गाड़ी में ही छोड़ दें। डेढ़ से दो घंटे बिना मोबाइल के बिताएं। आज के टाइम में एवरेज प्रत्येक व्यक्ति के पास एक मोबाइल है, जिससे पता चलता है कि लोग कितना ज्यादा इस पर डिपेंड हो रहे हैं।
साथ बैठे रहते हैं, पर ध्यान मोबाइल पर होता है
मोबाइल ज्यादा यूज करने से हेल्थ पर असर तो होता ही है, साथ ही ब्रेन एक्टिविटी में चेंजेज, रिएक्शन टाइम, स्लीप पैट्रन में चेंजेज भी आ रहा है। बच्चों के लिए तो मोबाइल बहुत ज्यादा खतरनाक है। चंडीगढ़ में हो रहे इस सेमिनार को लेकर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरगे गर्ग ने कहा कि आजकल किसी के पास किसी के लिए टाइम ही नहीं है। साथ में बैठें होंगे तब भी मोबाइल पर ही कुछ न कुछ पोस्ट कर रहे होंगे। आपस में बातचीत तो लोगों के बीच बहुत कम या न के बराबर हो गई है। सोशल मीडिया अभी ही इतना हावी हो रहा है तो आने वाला टाइम तो और खराब हो सकता है। इसलिए अभी से इस तरफ ध्यान देना जरूरी है और इसी सोच के साथ इस सेमिनार को करवाया जा रहा है।