भगोड़े नीरव मोदी की जमानत चौथी बार खारिज, फिलहाल जेल में ही रहेगा

लंदन: पीएनबी धोखाधड़ी के अरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. नीरव मोदी की चौथी बार जमानत याचिका खारिज हुई है. लंदन हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नीरव को फिलहाल जेल में ही रहना होगा. आपको बता दें ब्रिटेन हाई कोर्ट ने भगोड़े नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को ही पूरी कर ली थी. नीरव ने निचली अदालत के जमानत देने से इनकार करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

एक दिन पहले ही पूरी हो गई थी सुनवाई
नीरव मोदी की कोशिश है कि पीएनबी के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए. भगोड़े कारोबारी की याचिका पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति इंग्रिड सिमलर ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली थी. न्यायमूर्ति इंग्रिड सिमलर ने मंगलवार को कहा था कि यह मामला अहम है, इसलिए इस पर विचार करने के लिए कुछ समय की जरूरत होगी. इसके साथ ही उन्होंने फैसला सुनाने के लिए बुधवार का दिन मुर्करर किया था.

नीरव की जमानत अर्जी तीन बार खारिज हो चुकी
इससे पहले वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत नीरव मोदी की जमानत की अर्जी तीन बार खारिज कर चुकी है. इस तरह अब तक कुल चार बार उसकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. अदालत को लगता है कि जमानत मिलने पर नीरव ब्रिटेन से भाग सकता है. नीरव की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने उच्च न्यायालय में कहा था, ‘हकीकत यह है कि नीरव मोदी विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे नहीं हैं, जिसने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली है, बल्कि सिर्फ एक साधारण भारतीय जौहरी है.

जमानत पर छूटने के बाद भाग सकता है नीरव
मोंटगोमरी ने हाई कोर्ट में कहा था, ‘हकीकत यह है कि नीरव मोदी कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है जैसा कि भारत सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है. वह एक जौहरी हैं और उन्हें ईमानदार और विश्वसनीय माना जाता है.’ न्यायमूर्ति सिमलर ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए इस आशंका का संकेत दिया कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद भाग सकता है. उन्होंने कहा मोदी के पास ब्रिटेन से भागने के साधन हैं और इस मामले में इस बात को ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा कि ‘काफी भारी भरकम रकम’ का मामला है.

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