मप्र में माफिया का तांडव: नदी में बना दी सड़क, पनडुब्बी और बोट से रेत का अवैध उत्खनन

बांधवगढ़ के बफर और वन क्षेत्र से रेत का खनन, रैंप बनाने के साथ रेत के पहाड़ भी लगाए….

उमरिया. उमरिया में रेत खनन कारोबारियों ने नदियों में ताडंव मचा रखा है। बफर और वन क्षेत्र में हैवी मशीनें और वोट लगाकर रेत का खनन करा रहे हैं। इतना ही नहीं नदियों के भीतर लंबी सड़क भी बना ली है। नदियों की बीच गहराई तक रेत खनन हो रहा है। इसके साथ ही नदी में पहाड़ की तरह रैंप भी बना दिए हैं। एक दर्जन खदानों में नदी की धारा में अवैध खनन कर रेत निकाल रहे हैं। अखड़ार खदान महानदी में तो वोट लगाकर नदियों से रेत निकाल रहे हैं। दरअसल बरही कटनी से लेकर मानपुर उमरिया तक वन विभाग का बफर जोन है। अधिकांश भूमि वन महकमे की है। जहां से बहने वाली नदियों में रेत खदान की अनुमति नहीं दी जा सकती लेकिन राजस्व अधिकारियों ने भी गठजोड़ करते हुए खदानों की नीलामी का प्रस्ताव बना लिया और एनओसी जारी कर दी। नदियों में हैवी मशीनों से अवैध खनन की वजह से बाघ व वन्यजीवों का मूवमेंट भी प्रभावित हो रहा है। मानपुर उमरिया में लगभग 15 रेत खदानें हैं जिनमे सभी खदानों में हैवी मशीनों से नदियों के बीच धार में जाकर खनन किया जा रहा है। इससे नदी की धार का बहाव भी प्रभावित हो रहा है। मानपुर की अखडार खदान, मोहबला मानपुर खदान, सलैया, पड़वार, कुण्डी खदानों में रैंप बनाकर दिन रात रेत खनन चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां खनन के दौरान मनमानी और नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन को ताक पर रख दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि बीच नदी रेत का पहाड़ खड़ा कर दिया गया है। आसपास चारों ओर पानी के बीच से जेसीबी लगाकर रेत निकाली जा रही है।

दोगुनी संख्या में ठेकेदार ने लगा दिए नाके
ठेकेदार को जितने नाके लगाने की अनुमति प्रशासन ने दी है उससे दोगुनी संख्या में नाके लगाए गए है। यहां तक की पड़ोसी जिले कटनी की सीमा में भी ठेकेदार के नाके तैनात हैं। प्रतिबंधित फारेस्ट क्षेत्र की भूमि पर रेत खदान की नीलामी हुई अफसरों ने पूर्व में जारी एनओसी को यह कहकर निरस्त कर दिया कि किन्ही त्रुटियों से यह जारी हो गई थी। इसे निरस्त किया जाता है और फारेस्ट जोन कि खदान रद्द की जाए। वन विभाग ने पल्ला झाड़ लिया व ठेकेदार कम्पनी को दो सालों से फारेस्ट जोन में रेत खनन को जारी रहने दिया। वन मंडल अधिकारियों ने मंत्रालय में सूचना भी नहीं दी कि मानपुर के वन क्षेत्र में रेत खनन ( बिना एन ओसी ) कराया जा रहा है।

इनका कहना है
रेत के अवैध खनन और मशीन उतारने की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं थी। अधिकारियों को भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी।
-फरहत जहां, खनिज अधिकारी उमरिया

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