इंदौर शहर में पांच महीने में 30 हत्याएं ?
इंदौर शहर में पांच महीने में 30 हत्याएं, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कह रहे, स्थिति नियंत्रित
इंदौर में पिछले कुछ महीनों में अपराध का ग्राफ बढ़ गया है। वर्चस्व की लड़ाई में भाजयुमो नेता की हत्या की घटना ने लॉ एंड ऑर्डर की स्थित पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही अपराध की घटनाओं से शांत शहर इंदौर की छवि खराब हो रही है। इधर शहरवासियों में भी इससे कहीं ना कहीं असुरक्षा का माहौल बनने लगा है।
- मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसे बताया दो पड़ोसियों का आपसी विवाद।
- लगातार हो रही हत्याएं चिंता का विषय, पुलिस को सचेत रहने की जरूरत।
- मंत्री ने कहा, आपसी विवाद में हत्या को गैंगवार नहीं कहा जा सकता है।
इंदौर। रविवार तड़के भाजयुमो के मोनू कल्याणे की हत्या ने एक बार फिर शहर की कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। शहर में पांच महीने में 30 हत्याएं हो चुकी हैं। यानी औसतन हर पांचवें दिन एक हत्या हो रही है।
उनका कहना है कि आपसी विवाद में अगर कोई हत्या हो जाए तो पुलिस इसमें क्या कर सकती है। नईदुनिया ने विजयवर्गीय से शहर की कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की।
ये कैसा हो गया हमारा इंदौर
सवाल – भाजयुमो के पदाधिकारी की हत्या हुई है। आप शहर की कानून व्यवस्था को कैसे देखते हैं?
कैलाश विजयवर्गीय – यह दुखद है। मोनू हमारे अच्छे कार्यकर्ता थे। शहर की कानून व्यवस्था नियंत्रित है। अब अगर सहज रूप से छोटे-मोटे विवाद में कोई किसी की हत्या कर दे तो पुलिस क्या कर सकती है?
सवाल – इंदौर शहर में पांच माह में 30 हत्याएं हो चुकी हैं?
कैलाश विजयवर्गीय – यह आंकड़ा चिंता का विषय है, लेकिन शहर में गैंगवार की कोई स्थिति नहीं है। दो पड़ोसियों के आपसी विवाद में अगर कोई हत्या कर दे तो इसे गैंगवार नहीं कहा जा सकता। फिर भी लगातार हो रही हत्याएं चिंता का विषय है। पुलिस को ज्यादा सचेत होने की जरूरत है।
सवाल – क्या आपको लगता है कि शहर में ला एंड आर्डर नियंत्रित है?
कैलाश विजयवर्गीय – बिलकुल, शहर में ला एंड आर्डर की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है। रात एक बजे भी आम नागरिक बगैर किसी भय और आतंक के सड़क पर घूम सकता है।