किसान अगर नेता है तो करोड़पति …. योगी के 27 मंत्री पेशे से किसान, औसत संपत्ति 5.94 करोड़; असली किसान 8 हजार में गुजारा कर रहा
योगी कैबिनेट के 51 मंत्रियों में 42 चुनाव मैदान में हैं। दाखिल शपथपत्रों के मुताबिक इनमें 27 मंत्री पेशे से किसान हैं। वो भी ऐसे-वैसे नहीं, सबके सब करोड़पति। विधायक वेतन के साथ सबका बिजनेस खेती-किसानी है। इनकी औसत चल-अचल संपत्ति 5.94 करोड़ है। सीधे शब्दों में कहें, तो अगर किसान नेता है, तो करोड़पति हो सकता है।
अब यूपी के उस किसान की बात भी कर लेते हैं, जिसको दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। टूटे खपरैल वाले मकानों में मुफलिसी में आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ता है। डबलिंग फॉर्मर्स इनकम कमेटी के 2015-16 में हुए सर्वे में ऐसे किसानों की कमाई सिर्फ 8058 रुपए मासिक सामने आई थी। अभी भी इसमें कोई खास इजाफा नहीं हुआ है।
![किसानों के लिए उनके आर्थिक हालात में सुधार न होना भी एक चुनावी मुद्दा है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/02/24/new-project-2022-02-24t005824481_1645644575.jpg)
पीएम मोदी ने कहा था 2022 तक किसानों की कमाई हो जाएगी दोगुनी
अब ये भी जान लेते हैं कि किसानों की आय की आज चर्चा क्यों की जा रही है। क्योंकि 28 फरवरी 2016 को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरेली की एक रैली में किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि 2022 में जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। तब किसानों की इनकम दोगुनी हो चुकी होगी। किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए आधार वर्ष 2015-16 माना गया। जाहिर है कि भाजपा के इस दावे के पूरे होने का इंतजार आज भी किसान कर रहे हैं।
पीएम के इस ऐलान के कुछ ही दिन बाद 13 अप्रैल 2016 को आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक दलवाई की अगुवाई में डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी का गठन किया गया था। दलवई कमेटी ने सितंबर 2018 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।
खेती-किसानी से अच्छी कमाई करने वाले टॉप-10 राज्यों में यूपी नहीं, जानिए कौन-कौन से राज्य इसमें शामिल हैं..
अब एक नजर योगी कैबिनेट के मंत्रियों के इनकम सोर्स और कुल संपत्ति पर भी डालिए…
मंत्री | पेशा | कुल संपत्ति |
रमापति शास्त्री | कृषि, वेतन | 4.44 करोड़ |
जय प्रताप सिंह | कृषि, वेतन | 7.99 करोड़ |
सतीश महाना | कृषि, वेतन, किराया | 23.79 करोड़ |
सूर्य प्रताप शाही | कृषि, वेतन | 6.48 करोड़ |
लक्ष्मी नारायण चौधरी | कृषि, गैस वितरक, वेतन भत्ता | 11.89 करोड़ |
राजेन्द्र प्रताप सिंह | कृषि, व्यवसाय, वेतन भत्ता | 12.82 करोड़ |
मुकुट बिहारी वर्मा | कृषि (2017) | 2.05 करोड़ |
आशुतोष टंडन | कृषि, व्यापार, वेतन | 8.67 करोड़ |
सुरेश राणा | कृषि, वेतन | 78 लाख |
भूपेन्द्र सिंह चौधरी | कृषि (2017) | |
अनिल राजभर | कृषि | 2.27 करोड़ |
उपेंद्र तिवारी | कृषि, वेतन | 2.84 करोड़ |
श्रीराम चौहान | पेट्रोल पंप, कृषि, वेतन | 2.30 करोड़ |
जय प्रकाश निषाद | कृषि, वेतन | 2 करोड़ |
रणवेन्द्र प्रताप सिंह | ईट भट्टा, डेयरी, कृषि, वेतन | 7.29 करोड़ |
बलदेव ओलख | कृषि, वेतन | 1.79 करोड़ |
मनोहरलाल मन्नु कोरी | कृषि, वेतन, पेट्रोल पंप | 3.16 करोड़ |
संदीप सिंह | कृषि, व्यापार | 14.46 करोड़ |
अनिल शर्मा | कृषि | 16.48 करोड़ |
चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय | कृषि, वेतन | 2.48 करोड़ |
रमा शंकर सिंह पटेल | कृषि, वेतन | 4.83 करोड़ |
अजीत सिंह पाल | कृषि, वेतन | 2.79 करोड़ |
लाखन सिंह | कृषि, वेतन | 91.76 लाख |
चौधरी उदयभान सिंह | कृषि, वेतन | 2.86 करोड़ |
नीलिमा कटियार | किराया, वेतन, कृषि (परिवार) | 2.61 करोड़ |
महेश चन्द्र गुप्ता | कृषि, वेतन, व्यापार | 5.41 करोड़ |
गुलाब देवी | वेतन, कृषि (परिवार) | 1.05 करोड़ |
डबल इंजन की सरकार कैसे करेगी कमाई दोगुनी
नीति आयोग ने भी 2018 में स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें साफ-साफ लिखा गया है कि 3.31 प्रतिशत की वार्षिक कृषि वृद्धि पर किसानों की आय दोगुनी करने में देश को 22 साल (1993-1994 से 2015-2016 ) लग गए। इस हिसाब से 2015-16 से 2022-23 तक किसानों की इनकम डबल करने के लिए 10.4 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर की जरूरत होगी। जबकि पिछले छह साल की औसत कृषि विकास दर 5 प्रतिशत से भी कम ही है।
ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 से 2016-17 के बीच भारतीय किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम न मिलने के कारण करीब 45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह पैसा किसानों को मिलता, तो शायद उनकी स्थिति बेहतर होती।
ये भी जानिए कि सरकार ने किसानों के लिए क्या कुछ किया
- एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रुपए दिए जा रहे हैं।
- योगी सरकार ने एक लाख रुपए तक की कर्ज माफी की।
- गन्ना बकाया पर नियंत्रण किया। गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान हुए।