ग्वालियर … केंद्र सरकार की सिटी वाटर बैलेंस प्लान की घोषणा …. देश के 10 शहरों में ग्वालियर शामिल, सूख चुके 1500 कुएं-बावड़ियों पर होगा काम
शहर में कभी पेयजल का साधन रहे और सूख चुके या बंद हाे चुके कुएं और बावड़ियों का उपयोग एक बार फिर करने की तैयारी है। नगरीय सीमा के 66 वार्डों में मौजूद तीन हजार कुएं-बावड़ियों में से 1500 पर इसके लिए काम किया जाएगा। केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सिटी वाटर बैलेंस प्लान में देश के 10 शहराें में ग्वालियर काे भी शामिल किया है।
याेजना में मप्र से ग्वालियर इकलाैता शहर है, जाे इसमें शामल है। याेजना के तहत केंद्र सरकार यहां अपने एक्सपर्ट भेजकर 1500 कुएं-बावड़ियों का निरीक्षण करेगा। इसके बाद नगर निगम प्राेजेक्ट तैयार करके देगा। काम के लिए केंद्र सरकार अमृत प्राेजेक्ट-2 के तहत राशि मिलेगी। इस काम पर 50 से 100 कराेड़ रुपए खर्च हाेने का अनुमान है।
देश के 10 शहरों में ग्वालियर शामिल, सूख चुके 1500 कुएं-बावड़ियों पर होगा काम
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की अपर सचिव डी.तारा ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश भर के शहरों से बातचीत की। ग्वालियर से आयुक्त नगर निगम किशोर कन्याल और निगम के इंजीनियर शामिल हुए। वीसी के माध्यम से अपर सचिव डी.तारा ने ग्वालियर को इस सिटी वाटर बैलेंस प्लान में शामिल करने की घोषणा की। यह प्लान टेक्नोलॉजी एक्योफायर मैनेजमेंट इन सिटी वाटर मैनेटमेंट स्ट्रेटजी तहत तैयार होगा।
ये शहर किए गए शामिल
केंद्र सरकार के इस प्रोग्राम में ग्वालियर के अलावा कोलकाता, पुणे, चैन्नई, बेंगलुरु, धनबाद, हैदराबाद, जयपुर, राजकोट, ठाणे सहित 10 शहरों को शामिल किया गया है। अब निगम को प्रस्ताव बनाकर देना है। इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के एक्सपर्ट और निगम की टीम काम करेगी।
निगमायुक्त बोले-पहले ही करा चुके हैं जियाे टैगिंग
सिटी वाटर बैलेंस प्लान में ग्वालियर सहित देश के 10 शहरों को शामिल किया। 1500 कुएं-बावड़ी प्रोजेक्ट पर एक्सपर्ट आकर मदद करेंगे। अमृत प्रोजेक्ट-2 में इसके लिए राशि मिलेगी। हालांकि हम 3000 कुएं, बावड़ियाें की जियाे टैगिंग पहले ही करा चुके हैं। इसमें हर कुएं-बावड़ी की स्थिति की जानकारी निगम के पास उपलब्ध है। -किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम