UP: बांदा में नियम के खिलाफ खनन पर जल्द लग सकता है ब्रेक, 5 सदस्य कमेटी गठित; 7 दिन में होगा फैसला
उत्तर प्रदेश के बांदा में गिरवा में पहाड़ों पर हो रहे खनन पर जल्द ही ब्रेक लग सकता है. एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. खनिज विभाग भी इसमें लापरवाही बरत रहा है. जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की शिकायत पर 5 सदस्य कमेटी गठित की है. सप्ताह भर में कमेटी रिपोर्ट देगी.
उत्तर प्रदेश के बांदा (Banda) में गिरवा में पहाड़ों पर हो रहे खनन पर जल्द ही ब्रेक लग सकता है. एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. खनिज विभाग भी इसमें लापरवाही बरत रहा है. जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की शिकायत पर 5 सदस्य कमेटी गठित की है. सप्ताह भर में कमेटी रिपोर्ट देगी. इसके बाद पहाड़ों पर खनन को लेकर प्रशासन निर्णय लेगा. दरअसल, गिरवा में गांव के नारे पहाड़ में भूतेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है. पट्टा धारक द्वारा विस्फोट करने पर मंदिर को भी भारी क्षति पहुंच रही है. हजारों भक्तों के श्रद्धा के केंद्र इस मंदिर में दर्शनार्थी भय के चलते दर्शन को नहीं जाते हैं. इसके अलावा पहाड़ से लगे बस्ती में भी लोगों की हर पल खतरा बना रहता है.
साथ ही विस्फोट की आवाज से ग्रामीण रात में सो नहीं पाते हैं. ग्रामीणों ने उसकी शिकायत जिलाधिकारी अनुराग पटेल से की. डीएम ने संज्ञान लेते हुए प्रभागीय वन अधिकारी संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया. अब कमेटी में आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन प्रभाग विभाग के अधिकारी शामिल हैं.
नियम के खिलाफ खनन से खतरनाक स्थिति
जिला खनिज अधिकारी सौरभ गुप्त ने बताया कि यहां के पहाड़ों से खनन को नियम के विरुद्ध किया जा रहा है. बस्ती बिल्कुल लगी है, जो कि नियम विरुद्ध है. बच्चों का सरकारी प्राइमरी पाठशाला भी है. जूनियर हाईस्कूल है. बस्ती में पहाड़ में विस्फोटक से विस्फोट करने के दौरान बहुत सारे छोटे और बड़े पत्थर टूटकर घरो में अचानक आते है, जो बच्चों और लोगों को घायल कर देते हैं. यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है. पहाड़ टूटने और क्रेशर से जबदस्त डस्ट आती है, जिससे बहुत सारे लोगों को आंख का मोतिया बिंद हो रहा है. पेट मे छोटी आंत में किडनी में पत्थर हो रहा है रहा है.
वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रदूषण काफी फैला है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उस पिटिशन का पालन नहीं हो रहा, जिसमे ट्रीट प्लांट और पानी का फव्वारे तबतक चलेंगे, जब तक ट्रीटमेंट प्लांट चलेगा. लेकिन नहीं चला क्योकी नरैनी पनगरा क्षेत्र के किसी भी पट्टाधारक ने पहाड़ ब्लास्टिंग का लाइसेंस नहीं लिया है. किसी भी क्रेशर और पहाड़ की खदान में ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा रखा, जिससे पूरी डस्ट से पूरी बस्ती में धुंध छाई रहती है.
5 सदस्यी टीम से जिलाधिकारी बांदा ने अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर अपनी टेबल पर मांगी है. जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त किया है कि आप लोगों के साथ न्याय होगा.