महिला-पुरुष की भूमिका पर सर्वे …. आधे से अधिक भारतीयों का मानना महिला-पुरुष दोनों बन सकते हैं अच्छे राजनेता, पर बच्चों की परवरिश महिला ही करे

महिलाएं हर मामले में पुरुषों से आगे हैं, लेकिन जब बात बच्चों की परवरिश की हो तो हर तीसरे पुरुष का मानना है कि यह काम महिलाओं को ही करना चाहिए। कुछ रोचक विषयों पर प्यू रिसर्च सेंटर ने सर्वे किया। इसके नतीजों के अनुसार आधे से अधिक भारतीयों यानी 55% का कहना है कि महिला और पुरुष समान रूप से अच्छे राजनेता बन सकते हैं।

वहीं, 14% का ही मानना है कि पुरुष के मुकाबले महिला अच्छी राजनेता बन सकती हैं। सर्वे देश में लगभग 30 हजार वयस्कों पर किया गया है। इसमें 25% का ही मानना है कि पुरुष महिलाओं से बेहतर राजनेता बन सकते हैं। आगे बढ़ने से पहले इस मामले में अपना राय व्यक्त कर दें…

पत्नी हमेशा पति की बात माने
सर्वे के मुताबिक 10 में से 9 इस धारणा से सहमत हैं कि पत्नी को हमेशा अपने पति की बात मानना चाहिए। इनमें दो तिहाई तो इस बात पर दृढ़ थे कि यही होना चाहिए। 62% वयस्कों का कहना है कि बच्चों की देखभाल का जिम्मा दोनों को उठाना चाहिए।

सर्वे के अनुसार 43% मुस्लिम मानते हैं कि बुढ़ापे में माता-पिता का ख्याल रखने की जिम्मेदारी बेटे की होनी चाहिए। ऐसा मानने वाले हिंदू 39%, जैन 33, बौद्ध 35, ईसाई 29 और सिख 17% हैं।

वहीं, सिर्फ 11% सिखों का ही कहना है कि परिवार की विरासत संभालने का हक बेटे काे अधिक है। इसके पक्ष में 42% मुस्लिम, 34% हिंदू और 31% ईसाई हैं। परिवार में खर्च पर फैसले लेने का जिम्मा पुरुष का ही होता है, ऐसा नजरिया रखने वाले बौद्ध और सिख केवल 9-9% ही हैं।

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