मुरैना शहर में मिलावट जोरों पर:खाद्य सुरक्षा विभाग दूर-दराज के कस्बों में कर रहे कार्रवाई
होली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, मुरैना जिले में मावा में मिलावट का धंधा जोर पकड़ने लगा है। शहर में ही यह हालत है कि मिलावट जोरों पर हो रही है, लेकिन जिले का खाद्य सुरक्षा विभाग शहर के दुकानदारों व डेयरियों पर कार्रवाई करने के वजाय दूर-दराज के कस्बों में किरानों की दुकानों पर सेम्पल ले रहा है। रविवार को भी विभाग का अमला कैलारस पहुंचा तथा वहां किराने की दुकानों पर जाकर सेम्पल लिए। जिले में दूध-पनीर व मावा में मिलावट होती आ रही है। इसका खुलासा समय-समय पर खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा की जा रही छापे मारी से पता चलता रहा है। होली का त्योहार नजदीक आ रहा है। जिले में मावा की खपत बढ़ गई है। दुकानों पर मिठाइयां सज गई हैं। इन मिठाइयों में जो मावा उपयोग में लिया गया है उसकी सुरक्षा की कतई गारंटी नहीं है। कई डेयरी संचालक तो कई दुकानदार ही मिलावटी मावा से मिठाइयां बना रहे हैं।
कारखानों में तैयार हो रहा मिलावटी मावा
आपको बता दें कि जिले में मिलावटी मावा बनाने के कई कारखाने हैं। इन पर बाकायदा मिलावटी मावा दिन-रात तैयार होता रहता है। कई कारखानों पर तो स्वयं खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी की जिसमें इस बात का खुलासा हो चुका है।
शहर में ही बन रहा मिलावटी मावा
शहर की कई ऐसी डेयरियां हैं जहां मिलावटी मावा बनाया जाता है। स्टेशन का क्षेत्र हो या फिर मुड़िया खेरा या बड़ोखर का क्षेत्र। मुरैना के शहरी क्षेत्र व उससे लगे गांवों में डेयरियों में मिलावटी मावा बनाया जा रहा है। लेकिन उन पर छापा नहीं मारा जा रहा है।
दूध से लेकर पनीर तक सब मिलावटी
आम दिनो में जहां मिलावट का कारोबार औसतन चलता हैै वहीं दूसरी तरफ त्योहार आने पर यह धंधा जोर पकड़ जाता है। जिसके कारण हर दुकान व डेयरी पर यह काम शुरु हो जाता है।
शहर से बाहर भेजा जाता नकली मावा व पनीर
सबसे खास बात यह है कि मुरैना में तैयार नकली मावा इतनी अधिक मात्रा में तेयार किया जाता है कि उसे ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी तथा उत्तर प्रदेश व राजस्थान के आगरा व धौलपुर जिलों में भी बेचने के लिए भेजा जाता है। इसके लिए रैकेट काम करता है।
मेटाडोर तथा बसों में जाता मावा
आमतौर पर मिलावटी मावा व पनीर मेटाडोर में जाता है। लेकिन जब कोई बड़ा त्योहार आता है तो सबकी नजरों से बचाते हुए नकली मावा को बसों से भी डलियों में भेजा जाता है। इन दिनों भी यह काम चल रहा है।