चुनाव जीतने के बाद शिवपाल …… बोले- भाजपा ने जनादेश से नहीं, बेईमानी से चुनाव जीता, हर विधानसभा में सपा के 20 हजार वोट कटवाए

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बुधवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। इस दौरान ……. से बातचीत में उन्होंने भाजपा की जीत पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी जनता के जनादेश से नहीं, बल्कि चालाकी और बेईमानी से चुनाव जीती है। बीजेपी ने हर विधानसभा से सपा के 20 हजार वोट कटवाए। हर बूथ पर अंतिम सूची में घपलेबाजी हुई। ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों के वोट बैलेट पेपर के जरिए एसएसपी ने खुद डाले हैं।

शिवपाल ने कहा, ‘सपा को 322 सीटों पर बैलेट से जीत मिली है। यही अनुमान पूरे यूपी में सपा को सीटें मिलने का था, लेकिन सपा को जो वोट था, वो वोट कटवा दिया गया। मतदाता सूची में नए नाम शामिल करके और कमियां दूर करके अंतिम सूची सभी पार्टियों को दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। चुनाव में बीजेपी ने पैसा भी बांटा है। कितना भी बड़ा अधिकारी बेईमानी कर रहा हो, लेकिन चुनाव आयोग ने उसको हटाया नहीं’।

शिवपाल यादव इस बार के विधानसभा चुनाव में इटावा की जसवंतनगर सीट से मैदान में थे। उन्होंने सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की है। आइए पढ़ते हैं कि आगे और उन्होंने क्या-क्या कहा?

चुनाव से पहले अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल की सपा में वापसी कराई थी।
चुनाव से पहले अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल की सपा में वापसी कराई थी।

सवाल: आपको नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की चर्चा चल रही है ?

जवाब: जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसको हम निभाएंगे। अब हम घर पर चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने संगठन को मजबूत करेंगे, विपक्ष की जो भूमिका है, पूरी तरह से निभाएंगे। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जो भी जिम्मेदारी देंगे, उसको हम पूरी तरह से निभाएंगे।

सवाल: ईवीएम के बारे में क्या राय है ?

जवाब: ईवीएम के बारे मेरी निजी राय है। मैंने 2017 के चुनाव में भी बोला था कि उसमें ज्यादा गड़बड़ी नहीं हो सकती है। सिर्फ वोटर को समझाने की जरूरत है। अब तो पर्ची भी निकलने लगी है।

सवाल: प्रसपा को लेकर क्या रणनीति है ?

जवाब: हमारी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अभी है और रहेगी, लेकिन प्रगतिशील समाजवादी और समाजवादी पार्टी एक साथ हैं और अब मिलकर लड़ेंगे।

सवाल: जिन प्रत्याशी को टिकट नहीं मिला, क्या वो हार का कारण बने ?

जवाब: मेरा मानना है कि अगर ये टिकट साल भर और छह महीने पहले घोषित कर दिए जाते तो हम जनाधार से नहीं हारते।

सवाल: स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर कार्रवाई कैसे देखते हैं ?

जवाब: यह काम सरकार का नहीं होता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री होते हैं। मेरे भी मुख्यमंत्री है। लोकतंत्र में ऐसा काम नहीं होना चाहिए। कुर्सी बदलती रहती है। बदले की भावना की परंपरा बन जाएगी। शपथ लेने के बाद न्याय करना चाहिए।

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