MP में मौसम बदला, आदतें भी बदलें …. एसी-कूलर के सामने सोना खतरनाक,एक्सपर्ट्स से समझें
कम पानी पीने से हो सकती है किडनी में प्रॉब्लम… चार एक्सपर्ट्स से समझें….
मध्यप्रदेश में भी मौसम बदल रहा है। गर्मी सताने लगी है। दिन में तेज धूप की चुभन होती है। रातें भी गर्म हैं लेकिन आधी रात बाद ठंडक बरकरार है। ऐसे में कुछ लोग गर्मी के कारण एसी, कूलर का सहारा लेते हैं लेकिन अचानक ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। दूसरी तरफ ठंड में लोगों की कम पानी पीने की आदत बन जाती है जो गर्मी में भी बदलती नहीं। तेज गर्मी में पानी की कमी से किडनी की प्रॉब्लम बढ़ सकती है। डिहाइड्रेशन के कारण पथरी की तकलीफ बढ़ सकती है।
गायनीकोलॉजिस्ट की सलाह: खुद के लिए 40 मिनट दें महिलाएं
जीएमसी के स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रोफेसर डॉ. वरुणा पाठक कहती हैं कि महिलाएं खानपान ठीक रखें। गर्मिंयों में पानी की कमी स्वाभाविक है। महिलाएं अक्सर काम करते वक्त पानी पीना भूल जाती हैं। अपने पास एक जग के साथ गिलास रखें। इससे आपको पता रहेगा कि दिन में कितना पानी पीया। जूस के बजाए पूरा फल खाएं। तरबूज, खरबूज और ककड़ी का सेवन करें। इनमें पानी और इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा ज्यादा रहती है। पैक्ड जूस सिर्फ टेस्ट के हिसाब से ठीक होते हैं, लेकिन उससे स्वास्थ्य को फायदा नहीं होता। बाहर का जूस खरीदने पर उसमें मक्खियों, गंदगी से इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
तेज धूप निकलने से पहले जॉगिंग करें। ME Time यानि खुद के लिए सुबह 40 मिनट निकालें। साइकिलिंग और स्वीमिंग करें। महिलाओं में आयरन की समस्या रहती है। मुनक्का, अंजीर को रात में भिगोकर रख दें और सुबह सेवन करें। हरी सब्जियां रूटीन डाइट में शामिल करें।
किडनी रोग विशेषज्ञ : खुला और बासी खाने को ना
बुजुर्गों और डायबिटीज पेशेंट्स को समस्या हो सकती है। गर्मियों में खाने की चीजों में बैक्टीरियल ग्रोथ जल्दी होती है, इसलिए खुले में रखा और बासा खाना न खाएं। लू के दौरान कम बाहर निकलें। कार में हमेशा सबसे कम टेम्प्रेचर पर एसी ऑन रखते हैं और अचानक से अपना काम करने के लिए कार से बाहर उतर जाते हैं। इससे शरीर का तापमान बिगड़ जाता है, इससे लू लग सकती है। लिक्विवड लेते रहें। ताजे फलों का सेवन करें। मार्केट में खुले फूड आयटम के सेवन से बचना चाहिए। गर्मिंयों में वायरल डिसीज बढ़ने लगती हैं। खुद को एक्सट्रीम ऑफ टेम्प्रेचर से बचाकर रखें। किडनी के फंग्शन को बिगाड़ने में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) बड़ी वजह होती है। हीट स्ट्रोक किडनी फेल्योर का कारण बनता है।
गेस्ट्रोलॉजिस्ट की राय : चाय-कॉफी बढ़ा सकती है एसिडिटी
गेस्टोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रणव रघुवंशी कहते हैं कि ज्यादा तेल, मिर्च मसालेदार चीजें खाकर बाहर धूप में जाना एसिडिटी बढ़ा सकता है। गर्मिंयों के मौसम में संतरा, अंगूर, दही, रायता, तरबूज, ककड़ी, सलाद डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे पानी की कमी दूर होगी। ज्यादा चाय या कॉफी पीने से एसिडिटी हो सकती है। ज्यादा कैफीन (चाय-कॉफी में पाए जाने वाला पदार्थ) लेने से रात को नींद भी कम आती है। गर्मी में ऑयली फूड से बचें। दूषित पानी पीने से उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बेहतर होगा अपने साथ साफ पानी भरकर पानी की बॉटल साथ रखें।

कार्डियोलॉजिस्ट बोले- गर्मी में भी दिल को खतरा
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक त्रिपाठी बताते हैं कि गर्मी बढ़ती है, तो बॉडी को ठंडा करने के लिए हार्ट को ज्यादा फंक्शन करना पड़ता है। तो ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है। जब ज्यादा गर्मी बढ़ेगी तो पसीना ज्यादा निकलेगा। इससे शरीर में पानी और सॉल्ट की कमी होने लगती है। हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। जब ब्लड वॉल्यूम कम होगा, तो उससे ब्लड प्रेशर गिरने लगता है। हार्ट को जब ज्यादा पंप करना पड़ता है, ऐसे में जिन्हें पहले से हार्ट की प्रॉब्लम है, उनमें हार्ट फेलियर की संभावना बढ़ जाती है। छोटे बच्चे और उम्रदराज लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लें। बॉडी मे पानी की कमी न होने दें।
मेडिसिन एक्सपर्ट की सलाह- बाहर का खाने से बचें
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रवि पटेल कहते हैं कि अब ऐसा मौसम है कि दिन में टेम्प्रेचर हाई रहता है और रात में ठंड़क बढ़ जाती है। जरूरी है कि दिन में फुल बांह के कपड़े पहनें और रात में सोते वक्त ओढ़कर सोएं। वरना जुकाम की समस्या बढ़ सकती है। बाहर का खानपान उल्टी-दस्त की समस्या बढ़ा सकता है। फूड पॉइजनिंग हो सकती है। गले में दर्द, उल्टी, दस्त, बुखार जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो सीधे मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर न तो खुद खाएं और न ही परिवार को दें। डॉक्टर को दिखाकर ही दवाओं का सेवन करें।
चाइल्ड स्पेशलिस्ट- बच्चों का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत
शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल अगवाले ने बताया कि इस मौसम में तीन चार परेशानियां ज्यादा रहती हैं। बच्चों में ज्यादा ड्राइनेस होती है। जुकाम, आंखों में लालपन, खुजली भी चलती है। ये नॉर्मल है। इसमें मॉश्चराइज करना होता है। बच्चों को सर्दी की तरह गर्मी भी ज्यादा लगती है। ऐसे में ध्यान रखने की ज्यादा जरूरत है। उन्हें देखना पड़ता है। कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। फैन और कूलर की स्पीड बच्चों के हिसाब से रखें।