चुनाव जीतने में ठाकुर ब्राह्मणों से आगे … जितने लड़े उनमें से 56% कुर्मी, 38% यादव, 37% ठाकुर जीते, ब्राह्मणों का जीत प्रतशित 28 रहा
भाजपा और सपा ने मिलकर सबसे ज्यादा ब्राह्मणों और ठाकुरों को चुनाव लड़ाया था। दोनों पार्टियों की तरफ से 177 ब्राह्मण और 122 ठाकुर मैदान में थे लेकिन चुनाव लड़ने और जीतने के मामले में ठाकुर ब्राह्मणों से आगे निकल गए। कुल प्रत्याशियों में से 37% ठाकुर जीते जबकि ब्राह्मण केवल 28% ही जीत पाए।
आइए, हम आपको बताते हैं कि सपा-भाजपा ने मिलकर किस जाति के कितने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा? उनमें से कितने जीते और कितने प्रतिशत जीते?
उससे पहले ये जान लीजिए कि हम यहां यूपी की 86 आरक्षित सीटों की बात नहीं करेंगे क्योंकि जाति के आधार पर वहां का फैसला पहले से फिक्स है। 84 सीटों पर एससी और 2 सीटों पर एसटी विधायक ही बनेंगे। मुस्लिमों की बात इसलिए नहीं की जा सकती क्योंकि भाजपा ने किसी भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था। सपा ने 63 मैदान में उतारे थे जिनमें से 34 जीत गए। हालांकि, भाजपा गठबंधन से एक मुस्लिम हमजा मियां चुनाव लड़े थे वो भी हार गए।
भाजपा और सपा ने मिलकर 314 ओबीसी और 252 सवर्णों को चुनाव लड़ाया था। लेकिन प्रत्याशियों के लड़ने और लड़ कर जीतने के मामले में सवर्णों ने बाजी मार ली। जितने खड़े थे उनमें से 50% चुनाव जीत गए जबकि ओबीसी के 47% प्रत्याशी ही विधायक बन पाए।
भाजपा ने 173 और सपा ने 79 सवर्णों को टिकट दिया था। ओबीसी की बात की जाए तो भाजपा ने 143 ओबीसी प्रत्याशियों और सपा ने 171 ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट दिया था।
चुनाव लड़कर जीतने के मामले में लोध, कुर्मी सबसे आगे, भाजपा और सपा के कुल उम्मीदवारों की जातिगत बात कर लेते हैं
जाति | चुनाव लड़े (भाजपा+सपा) | विधायक बने | जीत का प्रतिशत |
ब्राह्मण | 177 | 51 | 28% |
राजपूत/ठाकुर | 122 | 46 | 37% |
कुर्मी/सैंथवार | 71 | 40 | 56% |
यादव | 70 | 27 | 38% |
बनिया/खत्री | 52 | 22 | 42% |
लोध | 24 | 18 | 75% |
जाट | 33 | 15 | 45% |
मौर्या | 43 | 14 | 32% |
निषाद | 19 | 8 | 42% |
भूमिहार | 11 | 5 | 45% |
राजभर | 9 | 4 | 44% |
- ब्राह्मण: भाजपा+ ने 68 ब्राह्मणों को चुनाव लड़ाया था, 46 जीते। वहीं, सपा+ ने 39 ब्राह्मणों को मैदान में उतारा, 5 ही जीत पाए।
- राजपूत/ठाकुर: भाजपा+ ने 71 ठाकुरों को चुनाव लड़ाया, 43 जीते। वहीं, सपा+ ने 23 ठाकुरों को चुनाव लड़ाया, 4 ही जीत पाए।
- कुर्मी/सैंथवार: भाजपा+ ने 34 कुर्मियों को चुनाव लड़ाया, 27 जीते। वहीं, सपा+ ने 37 कुर्मियों को चुनाव लड़ाया, 13 ही जीत पाए।
- यादव: भाजपा+ ने केवल 8 यादवों को चुनाव लड़ाया, 3 ही जीत पाए। वहीं, सपा+ ने 52 यादवों को टिकट दिया था, 27 जीत गए।
- बनिया/खत्री: भाजपा+ ने 28 को लड़ाया था, 21 जीत गए। वहीं, सपा+ ने 13 को चुनाव लड़ाया था 1 ही जीत पाया।
- लोध: भाजपा+ ने 17 लोधों को टिकट दिया था, 15 जीत गए। वहीं, सपा+ ने 7 को लड़ाया था, 3 ही जीत पाए।
- जाट: भाजपा+ ने 17 जाटों को मैदान में उतारा था, 8 जीत गए। वहीं, सपा+ ने 16 जाटों को टिकट दिया था, 7 ही जीत पाए।
- मोर्या: भाजपा+ ने 25 मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनियों को चुनाव लड़ाया था, 12 जीते। वहीं सपा+ ने 18 को चुनाव लड़ाया था, 2 ही जीत पाए।
- निषाद: भाजपा+ ने 10 निषाद, बिंद, कश्यप, मल्लाह जातियों के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया था, 6 जीत गए। वहीं, सपा+ ने 9 को मैदान में उतारा था, 2 ही जीत पाए।
- भूमिहार: भाजपा+ ने 6 को लड़ाया था, 4 जीत गए। वहीं, सपा+ ने 4 भूमिहारों को टिकट दी थी, केवल 1 को ही जीत हासिल हुई।
- राजभर: भाजपा+ ने 5 को चुनाव लड़ाया था, 1 ही जीत पाए। वहीं, सपा+ ने 4 को टिकट दी थी, 3 जीत गए।