PM मोदी के अलीगढ़ दौरे के सियासी मायने:पश्चिमी यूपी की 100 विधानसभा सीटों पर फोकस; जाट और ओबीसी वोटर्स को साधने की कोशिश; 3 पॉइंट्स में समझें प्रधानमंत्री के दौरे का पूरा गणित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अलीगढ़ के दौरे पर हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे से BJP ने 100 सीटों पर फोकस किया है। पश्चिमी यूपी के जाट और ओबीसी वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश होगी। इसी के साथ यूपी के विकास का नया मॉडल भी प्रधानमंत्री पेश कर सकते हैं।

मोदी के इस दौरे को 3 पॉइंट्स में समझें…

1. राजा महेंद्र सिंह के बहाने जाट वोटर्स को साधने की कोशिश
मुजफ्फरनगर में सरकार के खिलाफ राकेश टिकैत की बड़ी किसान महापंचायत के तुरंत बाद पीएम मोदी का अलीगढ़ दौरा काफी अहम माना जा रहा है। पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के चलते BJP को काफी कमजोर माना जा रहा है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री का ये दौरा बड़ी सियासी चाल बताई जा रही है।

प्रधानमंत्री अलीगढ़ में राजा महेंद्र सिंह के नाम पर बनने वाली स्टेट यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करेंगे। राजा महेंद्र सिंह जाटों के बड़े राजा थे। पश्चिमी यूपी के जाट वोटर्स के बीच राजा महेंद्र का बड़ा सम्मान है। राजा महेंद्र ने ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के लिए अपनी जमीन दी थी, लेकिन यूनिवर्सिटी में कहीं भी उनका नाम नहीं था। ऐसे में लंबे समय से जाट वर्ग के लोग AMU का नाम राजा महेंद्र सिंह के नाम करने की मांग कर रहे थे।

पश्चिमी यूपी में जाटों की मुस्लिम और दलितों के बाद सबसे बड़ी आबादी है। इस इलाके के 5 मंडलों आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर ,मुरादाबाद और आंशिक रूप से बरेली में जाट बेहद प्रभावी है। इतना ही नहीं, इनका असर करीब 100 विधानसभा सीटों पर भी है। पीएम जाट स्वाभिमान और जाटों के सरोकार का सम्मान करने कै मैसेज देंगे।

2. कल्याण सिंह के बहाने ओबीसी को साधने की कोशिश
हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्म भी अलीगढ़ में हुआ था। कल्याण सिंह ओबीसी के बड़े नेता थे। राम मंदिर आंदोलन में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री अपने इस कार्यक्रम के दौरान मंच से कल्याण सिंह का नाम जरूर लेंगे। इसी के साथ वो ओबीसी वोटर्स पर भी निशाना साधेंगे। अलीगढ़ और आस-पास जाटों के साथ ही लोधी वोटर्स का भी बड़ा वर्ग है। कल्याण सिंह लोधी जाति से ही आते थे।

3. ध्रुवीकरण की राजनीति को दे सकते हैं बल
अलीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने से पहले ही हिंदुस्तान का बंटवारा करवाने वाले और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर बवाल हुआ। सियासी जानकार मानते है कि इस विवाद का फायदा बीजेपी को मिल सकता है। भाजपा राजा महेंद्र प्रताप बनाम जिन्ना और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को बीच में घसीटकर ध्रुवीकरण की कोशिश हो सकती है। जिन्ना की तस्वीर आज भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी हुई है, जबकि इस यूनिवर्सिटी के लिए जमीन देने वाले राजा महेंद्र सिंह का कहीं नाम तक नहीं है। पीएम मोदी इशारों-इशारों में इस मुद्दे को भी उठा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पश्चिमी यूपी में BJP ध्रुवीकरण का बड़ा दांव चल देगी। जिसका फायदा चुनाव में मिल सकता है।

वाराणसी से पूर्वांचल और अलीगढ़ से पश्चिमी यूपी पर निशाना
कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रधानमंत्री का ये तीसरा यूपी दौरा है। इससे पहले वह 15 जुलाई को वाराणसी पहुंचे थे। दो महीने में प्रधानमंत्री ने दो बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया और यूपी के लाखों लोगों से संवाद किया। वाराणसी दौरे के समय प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल की 150 सीटों पर निशाना साधा था। तब ही प्रधानमंत्री ने यूपी के विकास और कोरोना मैनेजमेंट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पीठ थपथपाई थी। इसके बाद कल्याण सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री एक घंटे के लिए लखनऊ भी आए थे। इस कार्यक्रम के जरिए भी उन्होंने हिंदुत्व का संदेश दिया।

अलीगढ़ के इस कार्यक्रम के 12 दिन बाद यानी 26 सितंबर को प्रधानमंत्री राजधानी लखनऊ में होंगे। यहां वो अर्बन कॉन्क्लेव में शिरकत करेंगे। शहरी आवास विकास विभाग के इस मेगा इवेंट में पीएम लाभार्थियों से बात करेंगे। पीएम मोदी इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में भी शामिल हो सकते हैं। पीएम मोदी के इन दौरों से अवध की विधानसभा सीटों पर फोकस होगा।

सितंबर के बाद हर महीने होगा पीएम का यूपी दौरा
कहा जा रहा है कि पीएम अब हर महीने किसी ना किसी विकास की योजना के शिलान्यास और लोकार्पण के बहाने यूपी आएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सौगात यूपी की जनता को देने के लिए भी पीएम को यूपी आना है। गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास, जेवर एयरपोर्ट, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसे योगी सरकार की योजनाओं के शिलान्यास और शुभारंभ के जरिए मोदी यूपी से कनेक्ट रहेंगे।

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