MP में 877 करोड़ के घोटाले की हकीकत … जिन बांध-नहरों का काम ही शुरू नहीं हुआ, अफसरों ने कागजों में काम पूरा दिखाकर भुगतान भी कर दिया

प्रदेश की 7 सिंचाई परियोजनाओं में हुए 877 करोड़ रुपए के घोटाले में EOW की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने उन बांध-नहरों के लिए 877 करोड़ का भुगतान कर दिया, जिनका काम ही नहीं शुरू हो पाया। जांच में सामने आया कि सिर्फ तीन परियोजनाओं हनौता बांध सागर, वंडा बांध सागर, गोंड बांध सिंगरौली के लिए 479 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

जांच में सामने आया कि इंजीनियरों ने निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को पहले शिथिल किया। इसके बाद मनचाही कंपनियों को करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया। सिंगरौली के गौंड बांध का अब तक काम ही नहीं शुरू हुआ, जबकि इसके लिए करोड़ों रुपए भुगतान कर दिए गए। EOW एसपी राजेश मिश्रा ने बताया कि जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार सुकलीकर, अधीक्षक यंत्री शरद श्रीवास्तव, शिरीष मिश्रा के खिलाफ केस रजिस्टर्ड किया गया है।

एसपी ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने भुगतान लेकर काम नहीं किया। एसपी ने बताया कि यह पहला मामला है, जिसमें केस दर्ज करने से पहले शासन से अनुमति प्रदान की गई।

इन सात परियोजनाओं में गड़बड़ी
हनौता बांध पाइप नहर प्रणाली निर्माण सागर, बंडा बांध सागर, गौंड बांध सिंगरौली, निरुगुढ़ बांध बैतूल, घोंघरी बांध बैतूल, वर्धा बांध बैतूल, सीतानगर बांध दमोह के निर्माण कार्य एवं पाइप नहर प्रणाली में गड़बड़ी मिली है। भुगतान वर्ष 2018-19 के बीच किया गया है। कई बांधों की नहरों के पाइप खरीदने के लिए भुगतान किया गया है। जिन जिलों में यह परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, वह क्षेत्र अल्पवृष्टि वाले इलाके हैं।

बिना काम किए इन तीन परियोजनाओं में 479 करोड़ रुपए दिए

1. हनौता सिंचाई परियोजना: बीना नदी पर ग्राम हनौता तहसील खुरई जिला सागर और विदिशा जिले के ग्राम गौड़खेरी के मध्य प्रस्तावित है। इससे 40 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होने का दावा है। इसमें 29 हजार 500 हेक्टेयर सागर जिले व 11 हजार 500 हेक्टेयर विदिशा जिले से संबंधित है। इस पर 1392 करोड़ 42 लाख रुपए की स्वीकृति सिंचाई विभाग ने दी है।

2. बंडा सिंचाई परियोजना: यह सिंचाई परियोजना बंडा विकास खंड जिला सागर में प्रस्तावित है। धसान नदी ग्राम उल्दन में बांध प्रस्तावित है। वर्ष 2018 में इस बांध के लिए 2610 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का दावा किया गया था।

3. गौंड वृहद सिंचाई परियोजना: यह परियोजना सिंगरौली जिले के सरई तहसील के गांव लंघाडोल में प्रस्तावित है। अब तक बांध का निर्माण नहीं शुरू हुआ। परियोजना के निर्माण से सिंगरौली व सीधी जिले की करीब 147 ग्रामों की करीब33000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होने का दावा किया गया था।

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