SBI कैप ने पंचशील बिल्डटेक की दूसरी किस्त की जारी … ग्रेटर नोएडा में 1300 फ्लैट खरीदारों को जल्द मिलेंगे फ्लैट, पैसों की कमी के चलते नहीं पूरा हो रहा था काम
पंचशील बिल्डटेक के 1300 फ्लैट खरीदारों और प्राधिकरण के लिए राहत की खबर है। एसबीआई कैप ने पंचशील बिल्डटेक के लिए दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। इससे प्रोजेक्ट को पूरा करने में और तेजी आएगी। साथ ही ग्रेनो प्राधिकरण को भी बकाया किस्त के 39.42 करोड़ रुपए मिले हैं। पंचशील बिल्डटेक के लिए स्ट्रेस फंड से करीब 249 करोड़ रुपए स्वीकृति हुए थे, जिसमें अब दूसरी किस्त जारी की गई है। इसकी पहली किस्त सितंबर में ही जारी हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा में स्ट्रेस फंड से वित्तीय सहायता पाने वाला यह दूसरा प्रोजेक्ट है। इससे पहले कैपिटल एथेना प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता (करीब 165 करोड़ रुपए) मिल रही है।
पैसों की कमी के चलते पंचशील बिल्डटेक अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पा रहा था। इसमें करीब 1300 फ्लैट खरीदारों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगा रखी है। फ्लैट खरीदारों को उनका आशियाना दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी कोशिश की और पंचशील बिल्डटेक को स्ट्रेस फंड से 249 करोड़ रुपए वित्तीय सहायता स्वीकृत हो गई। इस पैसे से बिल्डर अधूरी परियोजना को पूरा कर रहा है और प्राधिकरण को भी अपनी बकाया किस्त प्राप्त होने लगी है।
प्राधिकरण के ओएसडी बिल्डर सेल संतोष कुमार ने बताया, इस प्रोजेक्ट पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का करीब 135 करोड़ रुपए बकाया है। यह रकम 4 किस्तों में मिलनी है। पहली किस्त सितंबर में आ चुकी है। अब दूसरी किस्त करीब 39.42 करोड़ रुपए भी प्राप्त हो गए हैं। उन्होंने बताया, इससे पहले इंफ्रा होम के कैपिटल एथेना प्रोजेक्ट को भी स्ट्रेस फंड से 165 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिल रही है, जिससे करीब 900 फ्लैटों का निर्माण पूरा किया जा रहा है।
बन पाने वाले प्रोजेक्टों को ही जारी होता है स्ट्रेस फंड
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने पंचशील बिल्डटेक के लिए स्ट्रेस फंड जारी होने पर खुशी जताते हुए कहा कि एसबीआई कैप से उन परियोजनाओं को ही स्ट्रेस फंड जारी होता है, जिनका निर्माण पूरा होने की स्थिति होती है। एसबीआई कैप पूरी छानबीन करने के बाद ही फंड जारी करता है। उन्होंने कहा कि स्ट्रेस फंड पाने के लिए और भी बिल्डरों को आगे आना चाहिए। वे इसकी मदद से प्रोजेक्ट को पूरा करने और प्राधिकरण की बकाया रकम चुकाने की पहल करें। प्राधिकरण भी उनका सहयोग करने को तैयार है। सीईओ ने कहा कि फ्लैट खरीदारों को पजेशन दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने स्तर से प्रयास जारी रखेगा।
2019 में केंद्र सरकार ने बनाया था स्ट्रेस फंड
खुद के आशियाने की चाह में हजारों खरीदारों ने बिल्डरों के प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करा लिए। उसकी किस्त देते रहे। बिल्डर उस पैसे को प्रोजेक्ट को पूरा कराने के बजाय कहीं और खर्च कर दिए। वित्तीय संकट होने से प्रोजेक्ट अधूरे रह गए। खरीदार लंबे समय से फ्लैट पर पजेशन मिलने की आस लगाए बैठे हैं। भारत सरकार ने 2019 में ऐसी तमाम परियोजनाओं को पूरा करने के लिए स्ट्रेस फंड बनाया। इसके कई नियम शर्तें तय कर दीं। कई बिल्डरों ने इस फंड के लिए आवेदन किए। अब बिल्डरों को इस फंड से वित्तीय मदद मिलने लगी है। एसबीआई कैपिटल को इसका नोडल एजेंसी बनाया गया है।
रेरा में पंजीकरण अनिवार्य
इस फंड के लिए प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीकरण होना अनिवार्य है। आवेदन मिलने पर एसबीआई कैपिटल की टीम साइट पर जाकर देखेगी कि प्रोजेक्ट कितना वायबिल है। अगर प्रोजेक्ट घाटे का नहीं है तभी उसके लिए फंड जारी होता है। मसलन प्रोजेक्ट को पूरा करने में अगर 50 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं तो बन जाने के बाद उससे अधिक लाभ मिल पाएगा या नहीं। इसके लिए प्राधिकरण से मोर्टगेज परमिशन लेनी पड़ती है। जारी होने वाले फंड में से प्राधिकरण को जमीन की बकाया रकम भी देनी होती है।
वेबसाइट पर करें आवेदन
स्ट्रेस फंड के अंतर्गत लाभ पाने के लिए बिल्डरों को ई मेल आईडी –ahf@sbicaps.com पर आवेदन करना होगा। इसके लिए पात्रता शर्तें http://www.sbicaps.com पर उपलब्ध हैं।