राममंदिर गर्भगृह के मॉडल की पहली तस्वीर ……

21 महीने में श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा मंदिर, मेनगेट से 21 फीट ऊंची सीढ़ियां चढ़नी होंगी……

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के गर्भगृह के भव्य मॉडल की पहली प्रोजेक्टेड तस्वीर सामने आई है। इसे आर्किटेक्ट सीबी सोमपुरा और मंदिर निर्माण से जुड़ी एजेंसियों ने तैयार किया है। 21 महीने में यानी दिसंबर 2023 से पहले मंदिर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले गर्भगृह निर्माण को पूरा कर लिया जाएगा। फिर पूजा-अर्चना के साथ श्रीरामलला को गर्भगृह में विराजित किया जाएगा। इसके मुख्य यजमान पीएम मोदी होंगे। इसके साथ ही, मंदिर के कपाट को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

  

मुख्य द्वार से 21 फीट ऊंची सीढ़ियां चढ़नी होंगी
मंदिर के गर्भगृह के ठीक सामने विशाल मंडप के स्तंभों में श्रीराम के बालरूप के दर्शन भाइयों भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न के साथ होंगे। गर्भगृह तक पहुंचने के लिए मंदिर के मुख्य द्वार की सीढ़ियों से चढ़ना होगा, जिसकी ऊंचाई 21 फीट होगी।

मंदिर निर्माण के काम को गति देने के लिए केंद्र और यूपी की योगी सरकार कमर कसे है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय लगातार अयोध्या में कैंप कर रहे हैं। लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) व टीसीई के इंजीनियर भी रात-दिन जुटे हैं। सीएम योगी भी नवरात्र शुरू होने के एक दिन पहले अयोध्या आए थे।

जून से मेहराब, स्तंभ को जोड़ने का काम होगा
चंपत राय के मुताबिक, मंदिर की नींव का काम पूरा हो चुका है। राफ्ट पर अधिष्ठान (प्लिंथ) का काम चल रहा है, जो दो महीनों में हो जाएगा। इसके बाद मूल मंदिर के पत्थरों, स्तंभों, मेहराबों को जोड़ने का काम किया जाएगा। यह बेहद जटिल और बारीक काम है। इसके जून से शुरू होने की उम्मीद है।

दिसंबर 2023 में प्रथम तल में श्रीरामलला विराजमान को अस्थाई मंदिर से वापस मूल गर्भगृह स्थान पर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही गर्भगृह में श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे। शेष मंदिर का निर्माण कार्य जारी रहेगा।

4 लाख घन फीट गुलाबी पत्थरों को तराशा जा रहा
मंदिर निर्माण के लिए 4 लाख घन फीट से अधिक गुलाबी पत्थरों को तराशने के लिए राजस्थान में छह कार्यशालाओं में काम चल रहा है। एक कार्यशाला अयोध्या में भी हैं, जहां पत्थरों की तराशी का काम मंदिर के आर्किटेक्ट सीबी सोमपुरा की देखरेख में चल रहा है।

40 फीट गहरी नींव के बाद प्लिंथ को कर्नाटक से लाए गए ग्रेनाइट से तैयार किया जा रहा है। इसकी ऊंचाई करीब 21 फीट होगी। 3 फीट ऊंचे, ग्रेनाइट पत्थरों का कुल सात स्तर (लेयर) बिछाया जाना है। इसमें दो लेयर का काम करीब पूरा हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की नींव की पूजा पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2020 को की थी। नींव के निर्माण का काम 15 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था।

मंदिर में राजस्थान के महलों की झलक नजर आएगी
मंदिर के भीतरी व बाहरी हिस्से में मंडोवर, आमलक, कलश, स्तंभ, तोरण, गोखले (खिड़कियां), उदगम को बेहद आर्टिस्टिक बनाया जाएगा। इसमें राजस्थान के महलों की झलक भी नजर आएगी। गुलाबी पत्थर की आभा भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी।

पहले तल पर गर्भगृह को में पहुंचते ही श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीरामलला के भावविभोर करने वाला दर्शन होगा। गर्भगृह के सामने विशाल मंडप के स्तंभों की कलात्मकता आने वाले श्रद्धालुओं को अलग माहौल में ले जाएगी। मुख्य मंडप में कलात्मक सौंदर्य और शास्त्रों का अनोखा मेल दिखेगा।

प्वाइंट्स में ऐसे समझिए राम मंदिर की भव्यता

  • नया प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा और 255 फीट चौड़ा होगा। 161 फीट ऊंचा बनाने को अंतिम रूप दे दिया गया है। पहले 268.5 फीट लंबाई, 140 फीट चौड़ाई और 128 फीट ऊंचाई थी।
  • क्षेत्रफल अब 84 हजार 600 वर्ग फीट हो गया है। पहले 37 हजार 590 वर्ग फीट था। शिखर बढ़ने से मंदिर में कुछ बदलाव भी हुए हैं।
  • पहले अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंगमंडप के बाद गर्भगृह था। अब गर्भगृह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा।

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