औरैया में सस्पेंड DM के दो करीबियाें के घर छापेमारी … खनन माफिया मख़लू पांडेय और हरि तिवारी के घर पहुंची विजिलेंस टीम, दोनों को औरैया रत्न भी मिल चुका है
औरैया में भ्र्ष्टाचार के अरोप में निलंबित हुए डीएम सुनील वर्मा के करीबियों पर मंगलवार की सुबह से ही विजिलेंस की टीम ने छापेमारी शुरू कर दी है। खनन माफिया मख़लू पांडेय और हरी तिवारी सबसे खास थे। सुनील वर्मा ने इन दोनों को औरैया रत्न भी दिया था। औरैया रत्न कार्यक्रम के नाम पर जबरदस्त वसूली हुई और कुछ को छोड़कर और बिना मतलब के लोगों को औरैया रत्न दिया गया था। मख़लू और हरी समेत उनके सभी परिजनों के मोबाइल जब्त कर लिए गए। सभी कॉल डिटेल खंगाले जा रहे है।
पूछताछ के लिए हिरासत में लिया
छापेमारी के दौरान दोनों खनन माफियाओं को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। सुनील वर्मा ने औरैया का डीएम रहते हुए खूब भ्रष्टाचार किया। भ्रष्टाचार की शिकायत पर कमिश्नर राजशेखर की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनील को निलंबित कर दिया और विजिलेंस टीम को जांच के आदेश दिए।
दाेनों के घरों पर पहुंची विजिलेंस टीम
मंगलवार की सुबह सात बजे ही विजिलेंस टीम सुनील वर्मा के खास रहे खनन माफिया मख़लू पांडेय के मुरादगंज स्थित घर पर व हरि तिवारी के बीझलपुर के घर पर छापेमारी की। दोनों जगह स्थानीय पुलिस भी मौके पर रही। घर को चारों तरफ से फोर्स ने घेर लिया है और मख़लू व हरि तिवारी को घर मे ही हिरासत में ले लिया गया है। अंदर सभी के फोन जमा करा लिए गए हैं इसके साथ ही किसी को अंदर बाहर जाने को नहीं दिया जा रहा है। विजिलेंस टीम के छापे से सुनील वर्मा के अन्य खास लोगों में खलबली मची हुई है। विजिलेंस टीम जिले में कई जगह छापेमारी कर सकती है। अभी खनन माफियाओं एक यहां छापेमारी चल रही है। सीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि टीम ने फोर्स मांगा था जो उन्हें उपलब्ध कराया गया। छापेमारी में क्या हुआ यह टीम के अधिकारी ही बता पाएंगे।
सरकारी डीएम आवास भी बनाया था
सरकारी डीएम आवास बनाने का काम भी हरि तिवारी और मख़लू पांडेय को डीएम सुनील वर्मा ने दिया था। इस आवास के घटिया निर्माण की भी शिकायत मिलती रही। पास में ही कई खेतों से कई बीघा मिट्टी जबरन खयड ली गई थी जिस पर कई लोग कोर्ट भी गए। डीएम से अच्छे सम्बंध के कारण कुछ नहीं हुआ। आवास निर्माण की भी जांच होगी और आवास परिसर पर एके मंदिर के निर्माण भी हो रहा था जिसके लिए अवैध तरह से कई व्यापारियों से धन जुटाया गया।