धर्म के ठेकेदार मंदाकनी को कर रहे गंदा … आचार्य नवलेश दीक्षित ने कहा- यही हाल रहा तो मंदाकिनी नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा

मंदाकिनी नदी का अस्तित्व खतरे में हैं। दैनिक भास्कर की मुहिम आओ बचाओ मंदाकिनी में अब लोगों के साथ ही संत समाज और सामाजिक संगठनों के लोग भी जुड़ गए हैं। आचार्य नवलेश दीक्षित ने बताया कि यही हाल रहा तो मंदाकिनी नदी का जल्द ही अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म के ठेकेदार ही मंदाकिनी नदी को गंदा कर रहे हैं।

मंदाकिनी नदी गंदगी प्रदूषण अतिक्रमण के चलते बदहाली के आंसू बहा रही है। इसमें प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बटे दो राज्यों के बीच मंदाकिनी नदी का विकास नहीं हो पा रहा है। प्रशासन को इस नदी का सीमांकन करना होगा। साथ ही अतिक्रमण और प्रदूषण से मुक्त कराना होगा।स्थानीय जनता को भी इसमें सहयोग देना पड़ेगा।

आचार्य नवलेश दीक्षित।
आचार्य नवलेश दीक्षित।

भागवताचार्य अभिषेक अवस्थी ने कहा कि मंदाकिनी को गंदी करने का श्रेय सबसे पहले चित्रकूट के तथाकथित संत महंतों को है। जिनके आश्रमों का गंदा पानी सीधे मंदाकिनी नदी पर जा रहा। उसके लिए संत महंतों को पानी की व्यवस्था समुचित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदाकिनी नदी में बाणसागर का पानी और नर्मदा नदी का पानी इसमें आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दोनों पानी मध्यप्रदेश के सतना जिले तक आते हैं और वहां पानी पूरी तरह से वेस्टेज होता है नालों के जरिए वह कर तमस नदी में जाता है। इसमें प्रशासन ध्यान दें और 35 किलोमीटर की पक्की नहर बनवाकर मंदाकिनी में पानी गिरा दे। जिससे मंदाकिनी नदी की निर्मलता हो सकती है।

भागवताचार्य अभिषेक अवस्थी।
भागवताचार्य अभिषेक अवस्थी।

यह है मंदाकिनी नदी में अवैध निर्माण करने वाले

महंत जुगल किशोर स्फटिक शिला, शर्मा नंद सरस्वती नगा, सियाराम दास त्यागी स्फटिक शिला, जेपी यादव, जीडी शुक्ला स्फटिक शिला, रावतपुरा सरकार आश्रम, कमलेश कुशवाहा, रामसखा आश्रम, रघुवर शरण आश्रम, के जी बाबू, कर्नाटक वाली माता जी, राम लखन, प्रकाश चंद गोबरोल,प्रबंधक लखेर धर्मशाला, जयराम दास, रामस्वरूप केवट यह लोग मंदाकिनी के किनारे अवैध निर्माण किए हुए हैं। चित्रकूट मध्य प्रदेश क्षेत्र के एसडीएम एसपी त्रिपाठी ने बताया कि जिसकी सूची ग्रीन ट्यूबनल तक पहुंच गई है।

मंदाकिनी के 100 गुनाहगार

उन्होंने बताया कि मंदाकिनी दाकिनी के 100 गुनाहगार हैं। आश्रम और घरों का गंदा पानी सीधे मंदाकिनी नदी पर जा रहा है। प्रकाश चंद्र भरत घाट संतोष कुमार आदित्य त्रिपाठी चुंका वन चौरसिया मुन्ना सोनी कुड़ी लाल आमोद बंसिया रामदास विश्राम गृह नगर पंचायत रामप्यारे शरण फलाहारी आश्रम पंचवटी नेपाली बाबा आश्रम आरोग्यधाम रघुवर शरण दास बलराम रावतपुरा सरकार पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस वन विभाग रामधाम जानकीदास चिंतामन चौरसिया सीतारामदास फूल चंद पटेल सिद्ध गुफा आदि लोगों के 100 मीटर के दायरे पर मकान हैं। आईटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट नित्यानंद मिश्रा इन्हें अवैध बताते हैं। उन्होंने कहा कि इनके घर और आश्रम का गंदा पानी सीधे मंदाकिनी नदी में जाता है।

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