पिछले 6 महीने में रिलायंस जियो ने 4 करोड़ सब्सक्राइबर्स गंवाए, फिर भी कंपनी खुश; जानिए अंबानी का नया गेम प्लान

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो से हर महीने लाखों सब्सक्राइबर्स का मोहभंग हो रहा है। पिछले 6 महीने में जियो ने 4 करोड़ सब्सक्राइबर्स गंवा दिए हैं। ये संख्या वोडाफोन-आइडिया छोड़कर गए सब्सक्राइबर्स से भी पांच गुना ज्यादा है। दूसरी तरफ एयरटेल का सब्सक्राइबर बेस लगातार मजबूत हो रहा है। पिछले 6 महीन में एयरटेल ने 40 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं।

……इंडेप्थ में आज हम जानेंगे कि लगातार सब्सक्राइबर्स गंवाने के बावजूद रिलायंस जियो के लिए ये अच्छी खबर क्यों है? क्या ये मुकेश अंबानी का कोई नया गेम प्लान है?

पिछले 6 महीने में सब्सक्राइबर्स का रवैया

पिछले 6 महीने का एवरेज देखें तो रिलायंस जियो ने हर महीने करीब 68 लाख और वोडाफोन आइडिया ने हर महीने करीब 12 लाख सब्सक्राइबर्स गंवाए हैं। इसी दौरान एयरटेल ने हर महीने करीब 6 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं।

 

सब्सक्राइबर्स गंवाना भी जियो के लिए अच्छी खबर

सब्सक्राइबर्स गंवाना इस कहानी का आधा सच है। रिलायंस जियो भले ही सब्सक्राइबर्स गंवा रही हो, लेकिन इसके एक्टिव सब्सक्राइबर्स लगातार बढ़ रहे हैं। यानी जियो के सिर्फ ऐसे सब्सक्राइबर्स घट रहे हैं, जिनसे कंपनी को कोई रेवेन्यू नहीं मिल रहा। यानी जिनके पास जियो का सिम तो है, लेकिन वो रेगुलर रिचार्ज नहीं करवाते। पूरा सच ये है कि एक्टिव सब्सक्राइबर्स के मार्केट शेयर में जियो ने जुलाई 2021 में एयरटेल को पछाड़ा था। तब से लगातार जियो के एक्टिव सब्सक्राइबर्स का मार्केट शेयर बढ़ता ही जा रहा है।

ये पहली बार हो रहा है जब जियो का एक्टिव सब्सक्राइबर रेट 90% से ज्यादा है। काफी समय तक एक्टिव सब्सक्राइबर रेट 80% से कम था।

जियो और एयरटेल के एक्टिव सब्सक्राइबर बढ़ने के मायने

भारत की तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने नवंबर 2021 में 20-25% तक टैरिफ के रेट बढ़ा दिए थे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक्टिव सब्सक्राइबर्स का बढ़ना ये संकेत है कि यूजर्स ने बढ़े हुए टैरिफ को स्वीकार कर लिया है। इसमें रिलायंस जियो सबसे ज्यादा एक्टिव सब्सक्राइबर्स बढ़ाकर मार्केट लीडर है। इसके बाद एयरटेल का नंबर आता है। वोडाफोन के एक्टिव सब्सक्राइबर्स लगातार घटते जा रहे हैं। ये सभी फैक्टर इस बात का भी इशारा कर रहे हैं कि एक बार फिर टैरिफ बढ़ सकता है। ये टेलीकॉम यूजर्स के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

मुकेश अंबानी का नया गेम-प्लान

2016 में जियो लॉन्च हुई थी तो भारत का टेलीकॉम मार्केट कॉम्पिटिशन से भरा था। 8 कंपनियां होने के बावजूद यूजर्स को 1 मिनट कॉल के लिए औसतन 58 पैसे चुकाने पड़ते थे। जियो ने सबसे पहले बाजार में पकड़ बनाने का फैसला किया।

अपने शुरुआती दिनों में जियो ने अनलिमिटेड डेटा और हाई क्वालिटी कॉलिंग की सर्विस बेहद कम कीमत में दी। दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी अपना बिजनेस मॉडल बदलने पर मजबूर कर दिया। धीरे-धीरे मार्केट से कॉम्पिटिशन कम होता गया और जियो का वर्चस्व बढ़ता गया। अब भारत के टेलीकॉम मार्केट में सिर्फ 3 कंपनियां ही बची हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब जियो अपनी स्ट्रैटजी में थोड़ा बदलाव कर रही है। अब जियो का फोकस अपना ARPU (प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू) बढ़ाने पर है। इसके लिए वो अपने एक्टिव यूजर्स की संख्या पर फोकस कर रहे हैं। पिछले साल एक इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो अब ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों पर फोकस कर रही है। 2जी यूजर्स के लिए जियो फोन नेक्स्ट की लॉन्चिंग उसी दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। जियो भारत में 5G के लिए पूरी तैयारी कर चुका है।

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