साइकिल से दफ्तर जाने का वादा था … इमरान 15 KM का सफर हेलिकॉप्टर से करते रहे, इसमें हर दिन 8 लाख रुपए फूंके
इमरान खान अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रहे। उनकी कुर्सी जा चुकी है। खान ने अवाम को बड़े-बड़े सपने दिखाए। रियासत-ए-मदीना का वादा किया, लेकिन सत्ता जाने के बाद अब उनका हर सच सामने आ रहा है। पाकिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन के मुताबिक, इमरान अपने आलीशान और कई एकड़ में फैले घर (बनीगाला) से PM हाउस तक हेलिकॉप्टर से आते-जाते थे। 15 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए खान हर दिन कंगाल मुल्क के खजाने को 8 लाख रुपए (पाकिस्तानी करेंसी) का चूना लगाते रहे।
वादा तो साइकिल से जाने का था
मजे की बात ये है कि अगस्त 2018 में जब इमरान वजीर-ए-आजम बने तो उन्होंने कहा था- मेरी हुकूमत को खजाना खाली मिला है। हम सरकारी खर्च घटाएंगे। मैं साइकिल से ऑफिस जाउंगा। मेरे मिनिस्टर्स के साथ सिक्योरिटी कारकेड नहीं होगा। गवर्नर हाउस को यूनिवर्सिटी में तब्दील किया जाएगा। तमाम सरकारी गाड़ियां बेची जाएंगी। हर मंत्री सिर्फ प्राइवेट व्हीकल इस्तेमाल करेगा।
और हुआ क्या
वजीर-ए-आजम हाउस की तमाम गाय-भैंसे और गाड़ियां बेची गईं। इनकी जगह नई और लग्जरी गाड़ियां खरीदी गईं। सरकारी खर्च के तमाम रिकॉर्ड टूट गए। इमरान के दौर में न तो कोई स्कूल खुला और न यूनिवर्सिटी। मजे की बात है कि पेशावर और क्वेटा की दो यूनिवर्सिटीज बंद कर दी गईं। तोशाखाना (सरकारी खजाना या ट्रेजरी) में दूसरे देशों से मिले तमाम गिफ्ट्स बेच दिए गए। इसकी जांच बहुत तेजी से चल रही है।
इमरान सरकार में इन्फॉर्मेशन और लॉ मिनिस्ट्री संभालने वाले उनके खास दोस्त फवाद चौधरी ने कहा- दूसरे देशों से गिफ्ट्स इमरान को मिले थे। अगर उन्होंने इन्हें बेच दिया तो इसमें क्या गलत? वैसे, पाकिस्तान का संविधान कहता है- प्रधानमंत्री या किसी भी सरकारी ओहदेदार को मिले तोहफे मुल्क की संपत्ति हैं।
ऐश-ओ-आराम के तलबगार रहे खान
शहबाज शरीफ सरकार में इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री का जिम्मा तेजतर्रार मरियम औरंगजेब को सौंपा गया है। सीनियर जर्नलिस्ट रिजवान रजी और असद अली तूर ने इमरान की डोमेस्टिक ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी हासिल की। इसके मुताबिक- इमरान बनीगाला से PM हाउस में बने अपने दफ्तर तक आने और जाने के लिए सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते थे…
- इसके फ्यूल और मेंटेनेंस पर हर दिन 8 लाख रुपए खर्च होते थे।
- बनीगाला से PM हाउस की दूरी सिर्फ 15 किलोमीटर है।
- हर घंटे फ्यूल कॉस्ट पर 2 लाख 75 हजार रुपए खर्च होते थे।
- मोटे तौर पर कुल खर्च का आंकड़ा करीब 1 अरब पाकिस्तानी रुपए है।