सिंधिया पर गरजे नेता प्रतिपक्ष … बोले- सिंधिया चुनौती नहीं हैं अगर होते तो अपने ही प्रतिनिधि से एक लाख वोटों से नहीं हारते
मध्य प्रदेश में सदन में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार ग्वालियर पहुंचे गोविंद सिंह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गरजे हैं। उनका कहना है कि लोग कह रहे हैं कि अंचल में सिंधिया चुनौती हैं, पर ऐसा नहीं है सिंधिया चुनौती नहीं हैं। अगर वो चुनौती होते, तो अपने ही प्रतिनिधि से एक लाख से ज्यादा वोट से नहीं हारते। अब कोई महाराज और श्रीमंत नहीं है। आजादी के बाद ही प्रजातंत्र व बृद्धिजीवी लोगों ने सिंधिया राज्यवंश का समापन तय कर दिया था। वो तो कुछ श्रीमंतवादी सोच के लोग उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं।
एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सदन में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष लहार से लगातार 7 बार से विधायक व पूर्व मंत्री 71 वर्षीय गोविंद सिंह को सदन का नेता प्रतिपक्ष बनाया है। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद शुक्रवार को वह ग्वालियर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने कहा है कि लोग चर्चा कर रहे हैं कि ग्वालियर-चंबल अंचल में सिंधिया कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा है कि उनके लिए सिंधिया न पहले चुनौती थे और न अब रहेंगे। उनका वर्चस्व खत्म हो चुका है। यदि वह चुनौती होते तो अपने ही प्रतिनिधि से चुनाव नहीं हारते।
रामायण से भी शोर होता है किसी एक को टारगेट न करें
लाउडस्पीकर बजाने के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि लाउडस्पीकर मंदिर, मस्जिद में बजाने पर समान कार्रवाई हो। कल मेरे गांव में ही रामायण थी। रात भर सो नहीं पाया। कोई भी धर्म हो लाउडस्पीकर पर सभी पर रोक लगे। यह कहां का न्याय है कि एक ही धर्म को टारगेट किया जाए। कार्रवाई हो, तो वह सभी पर सामान्य रूप से हो। लाउडस्पीकर के नाम पर किसी को टारगेट न किया जाए।
मैं एक कार्यकर्ता हूं, कार्यकर्ता ही रहूंगा
गोविंद सिंह का कहना है कि मैं पहले भी कार्यकर्ता की हैसियत के नाते काम करता रहा हूं। आगे भी इसी हैसियत से काम करता रहूंगा। मेरा कांग्रेस का छोटा सा कार्यकर्ता हूं। यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जिसे बखूबी निभाऊंआ। सभी को साथ लेकर चलने का मेरा विचार हमेशा से रहता है।
बेरोजगार आत्महत्या कर रहे हैं
प्रदेश सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है। बेरोजगार आत्महत्या कर रहे हैं। प्रदेश पर करोड़ों रुपए का कर्ज करा दिया है। जो आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए।