नौतपा 25 से, मौसम विभाग का अनुमान इन दिनों में 47 डिग्री तक जा सकता है पारा

सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में 25 मई को दोपहर 2.50 बजे प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाएगा। ज्योतिषियों के मुताबिक, इस बार अंचल में नौतपा खूब तपेगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में कहीं खंडवर्षा तो कहीं आंधी-तूफान की आशंका है। वहीं मौसम विभाग इस बार गत वर्ष की तुलना में ज्यादा तापमान होने के संकेत दे रहा है। उसके मुताबिक इस बार 47 डिग्री तक पारा जा सकता है।

इस बार नौतपा खूब तपने की संभावना है। तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। पिछले साल अप्रैल में बारिश होने के कारण नौतपा ठंडे में निकले थे। पिछले साल 25 मई से लेकर 2 जून के बीच अधिकतम तापमान 31 मई को 41.6 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज हुआ था, लेकिन इस बार पारा 47 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 15 मई के बाद भीषण गर्मी का दौर शुरू होगा । चौथे सप्ताह में तापमान सबसे पीक पर होगा।

इस बार गर्मी ज्यादा क्यों?

मौसम विभाग के अनुसार इस बार प्रशांत महासागर में लानिना की स्थिति लगातार 5 माह से सक्रिय है। साथ ही अटलांटिक महासागर में उत्पन्न हो रहे पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा प्रभावी नहीं हो पा रहे। इससे भारतीय भू-भाग में लगातार नमी की कमी व क्षेत्रमंडल में निचले व मध्य स्तर पर गर्म पश्चिमी हवा सक्रिय है। इससे पारा ऊपर चल रहा है।

फिर से बढ़ने लगा तापमान

बुधवार को पिछले दिन की तुलना में अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री बढ़त के साथ 42.8 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस बढ़त के साथ 27.5 डिग्री दर्ज किया गया।

आगे क्या- 15 मई से तापमान बढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। मई के चौथे सप्ताह में 47 डिग्री सेल्सियस तक पारा जा सकता है। -वेद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक

नौतपा इस बार अंचल में 25 मई से शुरू होगा और 2 जून तक रहेगा। 25 मई बुधवार के दिन ग्रहों के राजा सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश दोपहर 2.50 बजे होते ही नौतपा काल प्रारंभ हो जाएगा, जो 2 जून तक रहेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार अंचल में नौतपा तपेगा, लेकिन देश में खंडवृष्टि और आंधी-तूफान के योग भी बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. विजय भूषण वेदार्थी के अनुसार राेहिणी नक्षत्र का नेतृत्व चंद्रदेव करते हैं। अत: सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही चंद्र की शीतलता भंग होती है। जिससे सूर्य की गर्मी पृथ्वी पर अधिक पहुंचती है।

ज्योतिषीय गणना के अनुसार नौतपा के समय आकाश मंडल में सूर्य और बुध वृष राशि में भ्रमण करेंगे। शुक्र, राहु की युति मेष राशि में हो रही है तथा मंगल एवं इस वर्ष के मंत्री गुरु का भ्रमण मीन राशि में रहेगा। इस संवत के राजा शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में मार्गी गति से गतिमान हैं। फलत: आंधी-तूफान के साथ कहीं-कहीं खंड वृष्टि के योग बनने के कारण नौतपा पूर्ण रूप से नहीं तप पाएंगे।

फसलों पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव

नौतपा में शनि एवं मंगल का द्विर्द्वादस योग बनने के कारण आंधी-तूफान, विस्फोट की स्थिति, चक्रवात, आंधी-तूफान से जन-धन हानि के संकेत भी ग्रह दे रहे हैं। मान्यता है कि रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के भ्रमण के समय रविवार का दिन यदि पूर्णरूप से यदि तपता है तो वर्षा ऋतु में वर्षा की श्रेष्ठतम स्थिति से किसान की स्थिति मजबूत बनेगी।

यदि रविवार के दिन खंडवृष्टि, बूंदा-बांदी होगी तो वर्षा ऋतु में वर्षा की कमी रहने से कृषि फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। पं. वेदार्थी के अनुसार ग्वालियर संभाग की प्रभाव राशि कन्या एवं नामराशि मकर के अनुसार आकाश मंडल में शनि एवं बुध की स्थिति बलवान होने के कारण नौतपा पूर्ण तपने के ग्रह संकेत कर रहे हैं।

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