समिट बिल्डिंग के क्लब पर ADG ने मांगी रिपोर्ट … लखनऊ कमिश्नरेट से पूछा- एक इमारत में इतने बार और क्लब कैसे? 7 दिन में जवाब चाहिए

फुहड़ता परोसने वाले समिट बिल्डिंग के नाइट क्लब्स पर शिकंजा कसने लगा है। लेट नाइट पार्टी, दारू ड्रामा और डीजे का शोर अब थम सकेगा। आए दिन नाइट क्लब में होने वाले हंगामों को दैनिक भास्कर ने मुद्दा बनाया। अब ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने लखनऊ कमिश्नरेट से इन नाइट क्लब में होने वाली गड़बड़ियों पर रिपोर्ट मांगी है। कमिश्नरेट 7 दिनों में इन क्लब का लेखा-जोखा तैयार कर रिपोर्ट सौंपेगा।

इस रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि एक बिल्डिंग में इतने बार होने चाहिए या नहीं। दरअसल, 7 मई को चौबीस घंटे के अंदर दो बार यहां मारपीट और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई। ये घटनाएं दैनिक भास्कर के कैमरे में कैद हुई। ऐसे में अब इन नाइट क्लब को चलाने वाले रसूखदार लोगों के दायरे तय किए जा रहे हैं।

आबकारी महकमा रिहायशी इलाके से बार हटाने की रिपोर्ट भेज चुका
समिट बिल्डिंग के करीब एक किमी के दायरे में 3 हजार से ज्यादा फ्लैट हैं। कई सोसाइटी हैं। इसमें करीब 20 हजार की आबादी रहती है। पूरा रिहायशी इलाका है। समिट बिल्डिंग बनने के बाद यहां बार खुलने पर लोगों का विरोध पहले भी हो चुके हैं। हाईकोर्ट के आदेश है कि 10 बजे के बाद डीजे नहीं बजना है। बावजूद इसके यहां रात 2 बजे तक लोगों का सोना मुश्किल रहता है।

सार्वजनिक स्थल पर अश्लीलता और शराब पीने पर पुलिस कार्रवाई करती है। यहां नशे में धुत लड़कों की मारपीट आए दिन होती ही रहती है। विभूति खंड थाना प्रभारी निरीक्षक डॉ. आशीष मिश्रा ने भी आबकारी विभाग से सभी बार के लाइसेंस का ब्योरा मांगा है। रिहायशी इलाके से बार हटवाने के लिए लखनऊ कमिश्नर को रिपोर्ट भेज दी गई है।

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एडीजी ने इन बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट…

  • समिट बिल्डिंग के अंदर 12 बार कैसे चल रहे हैं?
  • यहां मानकों का पालन हो रहा है या नहीं?
  • 7 मई को 24 घंटे में दो बार हुई मारपीट पर रिपोर्ट।
  • पुलिस की रूटीन चेकिंग का हिसाब देना है।

एक सप्ताह में 4 बार हंगामा हुआ
इस वक्त समिट बिल्डिंग में छोटे-बड़े करीब 12 बार हैं। इसमें 8 में डांस क्लब भी चलते हैं। इन क्लबों में रात 12 बजे के बाद से 2 बजे तक लड़के-लड़कियां डांस करते हैं। रात 11 बजे के बाद एंट्री ही नहीं होनी चाहिए। यहां हंगामे भी होते हैं। मारपीट भी होती है। बीते एक सप्ताह में 4 बार हंगामे हो चुके हैं। इसमें लड़कियां पुलिस वालों पर भी आरोप लगा चुकी है कि उनकी मौजूदगी में भी घटनाएं हुई हैं।

दरअसल, यहां लाइसेंस देते वक्त स्टैंडर्ड पर बात होती है, लेकिन उनको फॉलो नहीं किया जाता है। समिट बिल्डिंग से 50 मीटर की दूरी पर रोहतास पल्मुरिया रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ट्विटर पर अभियान भी चला रही है।

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