नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई खरी-खरी, गैरजमानती वारंट पर भी नहीं दी राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के गैरजमानती वारंट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी को राहत देने से किया इनकार। भूमि अधिग्रहण से जुड़े कोर्ट की अवमानना के मामले में सीईओ हाईकोर्ट में नहीं हुई थी पेश, जिसके बाद जारी हुए थे गैरजमानती वारंट।

नोएडा….

सुप्रीम कोर्ट ने नोए…डा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के गैरजमानती वारंट के आदेश पर अंतरिम राहत देने से सोमवार को इनकार कर दिया है। बता दें कि एक भूमि अधिग्रहण से जुड़े कोर्ट की अवमानना के मामले में सीईओ हाईकोर्ट में पेश नहीं हुई थीं, जिसके बाद गैरजमानती वारंट जारी किए गए थे। हाईकोर्ट ने नोएडा की सीईओ को 13 मई तक हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए पुलिस को आदेश दिए हैं। इस मामले में सीजेआई एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देखा गया है कि हर दूसरे दिन कोई अधिकारी गंभीर मामलों में निर्देश के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है, अगर आप भी कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करते तो आपको भी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

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नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई खरी-खरी, गैरजमानती वारंट पर भी नहीं दी राहत।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में मनोरमा कुच्छल और एक अन्य की तरफ से याचिका लगाई गई थी। जिसमें कहा था कि 1990 में नोएडा प्राधिकरण ने उनकी भूमि अधिग्रहित की, लेकिन आज तक भी प्राधिकरण ने उचित मुआवजा नहीं दिया। हाईकोर्ट ने पीड़ितों की याचिका को स्वीकार करते हुए जमीन अधिग्रहण अधिसूचना को रद्द कर दिया था। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने संपत्ति पर अवैध रूप से निर्माण और संपत्ति का नेचर बदलने को लेकर नोएडा प्राधिकरण के आचरण की निंदा भी की थी।
याचिकाकर्ताओं ने दाखिल की थी अवमानना याचिका
हाईकोर्ट ने इस मामले में नोएडा प्राधिकरण को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास अधिनियम के अलावा 2013 में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के तहत तीन माह में याचिकाकर्ताओं को भुगतान करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने विवादित भूमि के मुआवजे को दो बार बाजार मूल्य पर निर्धारित करते हुए मुआवजा देने की बात कही थी। लेकिन, प्राधिकरण के अधिकारियों आदेश का पालन नहीं किया। जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दर्ज कराई थी।
हाईकोर्ट ने सीईओ के आचरण पर उठाए थे सवाल
बता दें कि हाईकोर्ट की बेंच ने सीईओ रितु माहेश्वरी के आचरण पर भी सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि जब उन्हें सुबह 10 बजे कोर्ट के समक्ष होना चाहिए था तो सीईओ ने 10.30 बजे दिल्ली से फ्लाइट लेने का निर्णय लिया। कोर्ट उनकी सुविधा के अनुसार नहीं चलता। कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने पर किसी का इंतजार नहीं किया जाता। सीईओ का ऐसा आचरण निंदनीय है, जो कोर्ट की अवमानना के समान है।
सुप्रीम कोर्ट से नोएडा अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी को राहत……

Supreme Court Order आखिरकार नोएडा अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने भारी राहत प्रदान की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी सीईओ के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी है।

नोएडा

Published: May 10, 2022 03:07:45 pm

आखिरकार नोएडा अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने भारी राहत प्रदान की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी सीईओ के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी है। एक अन्य आदेश का पालन न करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी नाराजगी जताते हुए इसे अवमानना माना और रितु माहेश्वरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया था। साथ ही याचिका पर सुनवाई का फैसला किया है, लेकिन अभी तारीख तय नहीं की गई है।
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आदेश का पालन न करने पर नतीजा भुगतना होगा 

सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहाकि, अगर आप हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करतीं तो आपको इसका नतीजा तो झेलना होगा। उन्हें हाईकोर्ट में पेश होने दिया जाए। वकील ने कहा था कि उनके दो बच्चे हैं। जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा, आप हाईकोर्ट से आग्रह कीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, हर रोज एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है? आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते।

भूमि अधिग्रहण से जुड़ा मामला
भूमि अधिग्रहण से संबंधित अवमानना मामले में हाईकोर्ट में पेश न होने पर गत गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। हाईकोर्ट ने पुलिस को माहेश्वरी को गिरफ्तार कर 13 मई को अगली सुनवाई में अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।

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