फर्रुखाबाद में हर महीने 6.65 करोड़ की बिजली चोरी … कुल बिजली खर्च 26.10 मिलियन यूनिट, विभाग को राजस्व मिल रहा सिर्फ 16.60 मिलियन यूनिट का राजस्व
फर्रुखाबाद के उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए विभाग लोड के आधार पर अपनी व्यवस्था बनाता है। उसी हिसाब से बिजली लाइनें और ट्रांसफार्मर लगाए जाते हैं, लेकिन बिजली चोरी इस व्यवस्था को ध्वस्त कर देती है। बिजली चोरी के कारण ट्रांसफार्मर ओवरलोड होकर फूंक रहे हैं और लाइनें क्षतिग्रस्त होकर टूट रही हैं।
शहर में बिजली के 80,276 उपभोक्ता पंजीकृत हैं। इनमें से 12,404 कनेक्शन जांच में अवैध निकले। 67,872 उपभोक्ता ही वर्तमान समय में बिजली का उपयोग कर रहे हैं। इन पर प्रतिमाह 26.10 मिलियन यूनिट बिजली खर्च हो रही है। वहीं विभाग को 16.60 मिलियन यूनिट का राजस्व ही मिल पा रहा है।
7 रुपए यूनिट बिजली का बिल
बिजली के उपभोक्ताओं को 7 रुपए यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल जमा करना पड़ता है। वहीं जिले में कुल बिजली खर्च 26.10 मिलियन यूनिट का है, जबकि विभाग को राजस्व 16.60 मिलियन यूनिट का मिल पा रहा है। ऐसे में 9.5 मिलियन यूनिट बिजली चोरी हो रही है। 7 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से इसकी दर लगाई जाए तो कुल मिलाकर 6.65 करोड़ की शहर में बिजली प्रतिमाह चोरी हो रही है। इसके चलते ट्रांसफार्मर और उपकेंद्र ओवरलोड हो जाते हैं। ग्रिड भी ब्रेकडाउन में चली जाती है।
मरम्मत पर 18 लाख का खर्चा
शहर में ओवरलोड होकर फुंक रहे ट्रांसफार्मर और जल रही केबल से प्रतिमाह 18 लाख का खर्चा है। वहीं इसका असर आपूर्ति पर भी पड़ता है। जिसका खामियाजा विभाग के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी उठाना पड़ता है।
4 माह में 574 ट्रांसफार्मर फुंके
वर्कशॉप के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि जनवरी से विभिन्न क्षमता के 130 ट्रांसफार्मर मरम्मत को आए। इनकी मरम्मत में 17 लाख रुपए खर्च हुए। फरवरी में 169 ट्रांसफार्मरों पर 18 लाख ,मार्च में 185 ट्रांसफार्मरों पर 19 लाख और अप्रैल में 90 ट्रांसफार्मरों की मरम्मत पर 15 लाख रुपए खर्च किए गए। वर्कशॉप के उपखंड अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया, ट्रांसफार्मरों की मरम्मत पर प्रतिमा 15 से 20 लाख रुपए खर्च हो जाता है। उनकी ओर से प्रतिदिन ओवरलोड ट्रांसफार्मर की जांच कर वितरण खंड के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाती है।
जानें क्या बोले जिम्मेदार
अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय राजेंद्र बहादुर यादव ने बताया, बिजली चोरी रोकने के लिए शहर क्षेत्र में कई टीमें गठित की गई हैं। चोरी करने में कई असरदार लोग भी शामिल हैं। उनके यहां चेकिंग करना मुश्किल रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग मांगा गया है।